इंस्टीट्यूट ऑफ़ इकोनॉमिक्स एंड पीस (IEP) द्वारा पब्लिश ‘वैश्विक आतंकवाद सूचकांक 2023’ की एक रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल है. ये तस्वीर, 2022 में टॉप 20 संगठनों की वजह से होने वाली मौतों की संख्या की एक लिस्ट थी. इस लिस्ट में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) को 12 वीं रैंक पर दिखाया गया है, इसके बाद 13वे स्थान पर अरब प्रायद्वीप का अल-कायदा (AQAP) है, और 11वें स्थान पर कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (PKK) है.

कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने ये स्क्रीनशॉट शेयर किया. ट्विटर यूज़र @pratheesh_Hind ने तस्वीर ट्वीट करते हुए 2022 के टॉप 20 सबसे घातक आतंकवादी समूहों में शामिल होने के लिए भारत की कम्युनिस्ट पार्टी को व्यंग्यात्मक रूप से ‘बधाई’ दी. इस ट्वीट को 230 से ज़्यादा लाइक्स मिले हैं. (आर्काइव लिंक)

एक और यूज़र @indhavaainko ने ये तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा, “ऑस्ट्रेलिया स्थित ग्लोबल थिंक टैंक आर्गेनाईज़ेशन, इंस्टीट्यूट फ़ॉर इकॉनोमिक्स एंड पीस (IEP), ने अपनी हालिया रिपोर्ट “ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स 2023” में “कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया” (CPI) को साल 2022 के विश्व के 20 सबसे घातक आतंकवादी समूहों की लिस्ट में 12वें स्थान पर रखा है. पिनाराई विजया जैसे नेताओं को धन्यवाद.” पोस्ट को 600 से ज़्यादा लाइक्स और 250 रीट्वीट्स मिले हैं. (आर्काइव)

ट्विटर यूज़र @PanickarS ने भी यही दावा ट्वीट किया जिसे 3 हज़ार से ज़्यादा लाइक्स और 1 हज़ार ट्वीट मिले. (आर्काइव)

ये स्क्रीनशॉट फ़ेसबुक पर भी वायरल है. (आर्काइव)

इंस्टीट्यूट फ़ॉर इकॉनोमिक्स एंड पीस (IEP)

2007 में IT एंटरप्रेन्योर स्टीव किल्लेलिया द्वारा स्थापित, IEP हिंसा के आर्थिक लागत की गणना करके और देश-स्तर के जोखिम और नाजुकता का विश्लेषण करके वैश्विक और राष्ट्रीय सूचकांक विकसित करता है.

इनकी रिसर्च का इस्तेमाल सरकार, शैक्षणिक संस्थान, थिंक टैंक, गैर-सरकारी संगठन, राष्ट्रमंडल सचिवालय, विश्व बैंक और संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतर सरकारी संस्थानों द्वारा किया जाता है. IEP का मुख्यालय ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में है.

फ़ैक्ट-चेक

हमें @PanickarS के वायरल ट्वीट पर IEP का रिप्लाइ मिला. इसमें साफ़ बताया गया था कि GTI रिपोर्ट ने गलती से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नाम का इस्तेमाल किया था. GTI ड्रैगनफ्लाई के आतंकवाद ट्रैकर डेटा का इस्तेमाल करती है. जबकि असल में उनका इरादा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के नाम का था.

इसके बाद एक ट्वीट में IEP ने ये भी ज़िक्र किया कि उन्होंने तत्काल कार्यवाही करते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के टाइटल में सुधार करके उसे सही तरीके से दिखाने के लिए रिपोर्ट अपडेट किया. संशोधित लिस्ट बाद में ऑफ़िशियल वेबसाइट पर जारी की गई थी.

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कई मीडिया आउटलेट्स ने ये खबर पब्लिश की. द टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने 18 मार्च को “CPI इन टेरर ग्रुप लिस्ट: IEP करेक्ट्स रिपोर्ट, अपलोड रिवाइज़्ड लिस्ट” टाइटल से एक आर्टिकल पब्लिश किया. उनकी रिपोर्ट के मुताबिक, वो लिस्ट जिसमें CPI को ग़लत तरीके से 61 हमले, 30 चोटें और 39 मौतों की गिनती के साथ 12वें स्थान पर रखा गया था, वो IEP द्वारा पब्लिश GTI के 10वें वार्षिक संस्करण का हिस्सा थी. ड्रैगनफ्लाई इंटेलिजेंस, जिसका डेटाबेस रिपोर्ट के लिए इस्तेमाल किया गया था, उसने भी आतंकवादी ग्रुप्स की लिस्ट में एक मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय पार्टी को शामिल करने के संबंध में द टाइम्स ऑफ़ इंडिया की क्वेरी के जवाब में ग़लती स्वीकार की है.

रिपब्लिक ने भी एक रिपोर्ट पब्लिश की जिसका टाइटल था, “IEP लिस्ट्स ‘कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया’ ऑन लिस्ट ऑफ़ वर्ल्डस 20 डेडलिएस्ट टेरर ग्रुप्स ऑफ़ 2022.” उनकी रिपोर्ट में बताया गया है कि “रिपोर्ट ये साफ नहीं करती है कि इसका मतलब भारत के CPI (माओवादी) – एक प्रतिबंधित आतंकवादी समूह है, या भारत का राजनीतिक दल – CPI.” ये रिपोर्ट लिखे जाने तक, रिपब्लिक ने अभी तक संशोधित लिस्ट के साथ अपनी रिपोर्ट अपडेट नहीं की है. (आर्काइव)

कुल मिलाकर, IEP की रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए, दावे किए गए कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी टॉप 20 सबसे घातक आतंकवादी ग्रुप की लिस्ट में 12वें स्थान पर है. हालांकि, IEP ने बाद में साफ़ किया कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी को गलती से लेबल किया गया था. जबकि उन्हें भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) को लिस्ट में ऐड करना था. उन्होंने बाद में अपनी ऑफ़िशियल वेबसाइट पर संशोधित लिस्ट अपलोड की और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का नाम बदल कर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) कर दिया.

अबिरा दास ऑल्ट न्यूज़ में इंटर्न हैं.

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