18 जून से भारत में कई न्यूज़ आउटलेट्स ने रिपोर्ट किया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने पहले के दावों पर ‘यू-टर्न’ ले लिया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को रुकवाया था. NDTV, टाइम्स ऑफ़ इंडिया, बिजनेस स्टैंडर्ड और PTI सहित अन्य ने यही रिपोर्ट किया कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने “अपनी बात बदल ली है”, और संघर्ष की समाप्ति के लिए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्रेडिट दिया है.
6 और 7 मई की रात को भारत द्वारा ऑपरेशन सिंदूर शुरू करने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिनों तक चली सशस्त्र झड़प 10 मई को दोनों देशों द्वारा सीजफ़ायर पर सहमति के बाद ख़त्म हुई. दिलचस्प बात ये है कि भारतीय और पाकिस्तानी पक्षों के बयान जारी करने से पहले ही ट्रम्प ने सीजफ़ायर की घोषणा कर दी थी. बाद में अपने पोस्ट और टिप्पणियों में उन्होंने दोनों देशों के बीच शांति बनाए रखने का जोरदार क्रेडिट लिया और यहां तक लिखा कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत में मध्यस्थता की.
अमेरिकी राष्ट्रपति के इस दावे के बाद विपक्ष से लेकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी तक ने कई सवाल उठाए कि क्या भारत ने “तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के लिए दरवाजे खोले हैं.” भारत ने इस सौदे को संपन्न कराने में अमेरिका की भूमिका को कम महत्व दिया. 13 मई की द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, व्हाइट हाउस में एक व्यक्तिगत बैठक में ट्रम्प ने दावा किया कि अमेरिका ने न सिर्फ युद्धविराम समझौते की ‘दलाली’ की, बल्कि एक बड़े परमाणु संघर्ष को टाल दिया. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कथित तौर पर दोनों देशों के साथ व्यापार बंद करने की ‘धमकी’ दी. अगर उन्होंने तनाव कम करने से इनकार कर दिया. लेकिन चर्चा की जानकारी रखने वाली सरकार के भीतर के लोगों ने न्यूज़ आउटलेट को बताया कि तनाव कम करने की बातचीत के दौरान “व्यापार का कोई संदर्भ नहीं” दिया गया था.
18 जून को NDTV प्रसारण में, वरिष्ठ पत्रकार और चैनल के प्रबंध संपादक, शिव अरूर ने संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के ‘यू-टर्न’ पर एक सेगमेंट किया.
शिव अरूर ने कहा, “ट्रम्प ने अपने सुर बदल दिए हैं. आज प्रधानमंत्री मोदी से फ़ोन पर 35 मिनट तक बात करने के बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक बड़ा ‘यू-टर्न’ लिया जिन्होंने पिछले महीने ऑपरेशन सिंदूर के बाद युद्ध रोकने का पूरा क्रेडिट लेने की कोशिश की थी. ट्रम्प ने कहा है कि ये मोदी ही थे जिन्होंने भारतीय पक्ष में युद्ध रोका था. लेकिन वो अभी भी कहते हैं कि उन्होंने ही पाकिस्तान की ओर से युद्ध रोका था. वो [बाद वाला] हिस्सा वास्तव में सच हो सकता है क्योंकि आखिरकार पाकिस्तान ही था जो संयुक्त राज्य अमेरिका के पास गया था और फिर अमेरिका ने बताया था पाकिस्तान का हॉटलाइन पर आना और भारत से युद्ध रोकने की मांग करना. ये ट्रम्प का इस सीज़न का सबसे बड़ा यू-टर्न लेना है और कहना है, ये भारत था, ये भारतीय प्रधानमंत्री थे जिन्होंने भारतीय पक्ष से युद्धविराम कराया और युद्ध रोका…”
इस मुद्दे पर ट्रंप का बयान दिखाने के बाद वो आगे कहते हैं, “आखिरकार ट्रंप ने अपना रुख बदल लिया और भारतीय प्रधानमंत्री के साथ 35 मिनट की बातचीत हुई जहां उन्हें बहुत हल्के ढंग से बताया गया कि ये वो क्रेडिट है जिसे आप नहीं ले सकते, ये कुछ ऐसा था जो भारत ने पाकिस्तान पर थोप दिया. उन्हें कोई विकल्प नहीं दिया. और ट्रंप ने इसका क्रेडिट भारतीय प्रधानमंत्री को दिया.”
न्यूज़ एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया (PTI) सबसे पहले रिपोर्ट करने वालों में से थी कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प अपने शुरुआती दावे से पीछे हट गए कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रोकने के समझौते में मध्यस्थता की थी. PTI ने ट्रम्प को ये कहते हुए कोट किया, “भारत और पाकिस्तान के दो ‘बहुत चतुर’ नेताओं ने ऐसा युद्ध जारी न रखने का ‘फैसला’ किया जो परमाणु युद्ध में बदल सकता था.” रिपोर्ट को बाद में ज़्यादा जानकारी के साथ अपडेट किया गया, जहां ये ज़िक्र किया गया कि इस टिप्पणी को “पिछले कुछ हफ्तों में एक दर्जन से ज़्यादा बार उनके दावों से अलग देखा जा सकता है”, जहां उन्होंने पड़ोसी परमाणु-सशस्त्र देशों के बीच युद्ध रोकने का क्रेडिट लिया था. (आर्काइव 1, 2)
द हिन्दू, NDTV, इन्डियन एक्सप्रेस, नेशनल हेराल्ड वार्ता भारती, जैसे कई न्यूज़ आउटलेट्स ने भी यही PTI की रिपोर्ट पब्लिश की. (आर्काइव 1, 2, 3, 4, 5)
टाइम्स ऑफ़ इंडिया, हिंदुस्तान टाइम्स, इंडिया टीवी, फ़र्स्टपोस्ट और बिजनेस स्टैंडर्ड जैसे आउटलेट्स ने भी रिपोर्ट किया कि ट्रम्प ने ये कहकर ‘यू-टर्न’ लिया कि भारत और पाकिस्तान के नेता ‘बहुत स्मार्ट’ थे और उन्होंने युद्ध रोकने का ‘फैसला’ किया. (आर्काइव 1, 2, 3, 4, 5)
क्या ये यू-टर्न है?
ऑल्ट न्यूज़ ने ट्रम्प के बयान को ध्यान से सुना जिसे उपरोक्त मीडिया आउटलेट्स द्वारा संदर्भित किया गया था. मालूम चला कि 18 जून को व्हाइट हाउस के साउथ लॉन में एक फ्लैगपोल स्थापना कार्यक्रम था. उसी दौरान एक रिपोर्टर ने उनसे पूछा कि अमेरिकी राष्ट्रपति पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर के साथ अपने आगामी लंच से कूटनीतिक रूप से क्या हासिल करना चाहते हैं और तभी ट्रम्प संघर्ष के बारे में बात करते हैं, यहां उनके बयान का शब्दशः हिंदी अनुवाद है:
“ठीक है, मैंने पाकिस्तान के बीच युद्ध रोक दिया… मुझे पाकिस्तान से प्यार है. मुझे लगता है कि मोदी एक शानदार आदमी हैं. मैंने उनसे कल रात बात की थी. हम भारत के मोदी के साथ एक व्यापार समझौता करने जा रहे थे. लेकिन मैंने पाकिस्तान और भारत के बीच युद्ध रोक दिया. पाकिस्तान की तरफ से ये आदमी (असीम मुनीर) इसे रोकने में बेहद प्रभावशाली थे और मोदी व अन्य भारत की तरफ से. और वे इस युद्ध पर जा रहे थे. और वे दोनों परमाणु देश हैं. मैंने इसे रोक दिया. मुझे नहीं लगता कि मेरे पास एक कहानी थी… क्या मेरे पास बारे में कोई कहानी है? मैंने दो प्रमुख राष्ट्रों, प्रमुख परमाणु राष्ट्रों के बीच युद्ध रोका है. मुझे नहीं लगता कि मैंने इसके बारे में कोई कहानी बनाई है… लेकिन कोई बात नहीं, आप जानते हैं क्यों? क्योंकि लोगों को पता है.”
जाहिर है, ट्रम्प के शब्दों को शायद ही यू-टर्न कहा जा सकता है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने ये बयान देते हुए 4 बार दोहराया कि उन्होंने ही युद्ध रोका था. युद्ध रोकने में ‘प्रभावशाली’ होने के लिए वो भारतीय प्रधानमंत्री को पाकिस्तान के सेना प्रमुख के समान ही क्रेडिट देते हैं. लेकिन वो इसमें अपनी भूमिका पर ज़ोर देते हैं. दोनों नेताओं का मात्र ज़िक्र करने का मतलब ये नहीं है कि वो अपने शब्दों से पीछे हट गए, खासकर तब जब वो शक की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ते कि इसमें उनकी बहुत बड़ी भूमिका थी.
ध्यान दें कि उनका 18 जून का बयान युद्ध रोकने पर उनके 10 मई के बयान से बहुत अलग नहीं है जिसमें उन्होंने दोनों देशों को “सामान्य ज्ञान और महान बुद्धिमत्ता” का इस्तेमाल करने के लिए बधाई दी थी.
ये कहना उचित होगा कि भारतीय न्यूज़ आउटलेट्स ने ट्रम्प के नए बयान को बहुत ज़्यादा सुना-देखा होगा. वो कहीं भी अपने रुख से पीछे नहीं हट रहे हैं और न ही इसे उनके पहले के रुख में नरमी के तौर पर देखा जा सकता है. उनका अब भी यही मानना है कि उन्होंने इस युद्ध को “रुकवा दिया” और वो इसे एक से ज़्यादा बार दोहराते हैं.
ये कहना भ्रामक होगा कि ट्रंप ने यू-टर्न लिया है. उन्होंने मुनीर की तरह ही मोदी का ज़िक्र किया था.
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