सोशल मीडिया पर दो तस्वीरें प्रसारित की जा रही हैं। एक में, एक महिला एक आदमी को राखी बांध रही दिखती है और दूसरे में कथित तौर पर वही महिला घायल दिखती है। ट्विटर उपयोगकर्ता कोमल (@komal44337466), ने इन तस्वीरों को यह लिखते हुए ट्वीट किया था- “यूपी के गोंडा में हिंदु महिला नीरू गौतम ने कांग्रेस नेता गफूर खान को अपना भाई माना था और राखी तक पहनाई 27aug Monday को गफूर खान ने निरू को कुछ काम के सिलसिले में घर बुलाया और निरू से बलात्कार करके मार पिटाई करके घर से भाग गया”। ट्वीट अब हटा दिया गया है।

फेसबुक और ट्विटर पर कई उपयोगकर्ताओं ने इस तस्वीर को इस दावे के साथ शेयर किया कि गोंडा, उत्तर प्रदेश में हिंदू महिला का एक मुस्लिम कांग्रेस नेता ने बलात्कार किया है।

फेसबुक के सार्वजनिक समूह BJP SOCIAL MEDIA में एक और उपयोगकर्ता ने उसी तस्वीर को उसी पाठ के साथ पोस्ट किया था। इस समूह में 7 लाख से अधिक सदस्य हैं। इन्हीं दावों के साथ इन तस्वीरों को एक फेसबूक यूजर दीपक शर्मा ने 28 अगस्त, 2018 को शेयर किया है जिसे इस रिपोर्ट के लिखे जाने तक 7800 से अधिक बार शेयर किया जा चूका है।

dipak sharma-fb

असंबंधित तस्वीरें

नवभारत टाइम्स ने भी इस दावे की जांच की है। वह तस्वीर जिसमें एक महिला राखी बांध रही है, इसकी गूगल रिवर्स इमेज सर्च दिखाती है कि यह पुरानी तस्वीर है। 7 अगस्त, 2018 को एक ट्विटर उपयोगकर्ता द्वारा पोस्ट की गई तस्वीर सबसे शुरुआती उदाहरणों में से एक थी जिसे हम देख सकते हैं। “कुछ रिस्ते मजहब से बढ़ कर होते है ,मौहबत और नफरत का कोई धर्म नहीं होता।” ऐसा कहता हुआ यह ट्वीट सांप्रदायिक सद्भावना को बढ़ावा देता है। इसलिए, दावे के अनुसार हाल में हुई घटना का यह प्रतिनिधि नहीं हो सकता है।

ऑल्ट न्यूज ने घायल महिला की तस्वीर की भी गूगल रिवर्स इमेज सर्च की तो फोटोग्राफर राजेश कुमार द्वारा ली गई एसोसिएटेड प्रेस की तस्वीर मिली। कैप्शन है, “उत्तर भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश में कानपुर के अस्पताल में एक घायल यात्री की सोमवार, 21 नवंबर, 2016 को हालत में सुधार हुई। पैसेंजर ट्रेन के 14 कोच पटरी से उतर जाने के बाद मरने व घायल होने वाले यात्रियों की संख्या बढ़ी है।” (अनुवाद)

“निराधार और झूठा”

गोंडा पुलिस ने ट्वीट करके ज़िले में महिला के बलात्कार के बारे में फैल रही अफवाहों का पर्दाफाश किया। ट्वीट ने सोशल मीडिया पर किए गए दावों को खारिज कर दिया, “उपरोक्त वायरल पोस्ट में शामिल की गई फोटो दिनांक 21 नवंबर 2016 कानपुर उत्तर प्रदेश में हुई ट्रेन दुर्घटना में घायल महिला की है घटना पूरी तरह से निराधार व असत्य है।”

असंबंधित तस्वीरों के आधार पर झूठे दावे बनाना उन पेजों और खातों की आजमाई और परखी हुई रणनीति है जो सांप्रदायिक विभाजन बढ़ाना चाहते हैं। दो समुदायों के बीच सद्भाव को बढ़ावा देने वाली 2017 में साझा की गई तस्वीर दुर्भावनापूर्ण तरीके से सांप्रदायिक संघर्ष को बढ़ावा देने के लिए उपयोग की गई है।

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About the Author

Jignesh is a writer and researcher at Alt News. He has a knack for visual investigation with a major interest in fact-checking videos and images. He has completed his Masters in Journalism from Gujarat University.