दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 9 मार्च को साल 2021-22 के लिए बजट पेश किया. इस बजट में शिक्षा के लिए 16,377 करोड़ रुपये आवंटित किये गए हैं. इस बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने ट्वीट कर दावा किया कि दिल्ली में देश की पहली टीचर्स यूनिवर्सिटी की स्थापना की जाएगी. (आर्काइव लिंक)

आम आदमी पार्टी बिहार ने भी यही दावा ट्वीट किया है. (आर्काइव लिंक)

आम आदमी पार्टी उत्तर प्रदेश, आम आदमी पार्टी गौतम बुद्ध नगर ने भी ये दावा फ़ेसबुक पर पोस्ट किया है.

This slideshow requires JavaScript.

फ़ेसबुक और ट्विटर पर ये दावा वायरल है.

फ़ैक्ट-चेक

क्या दिल्ली में बनने वाली टीचर्स यूनिवर्सिटी देश की सबसे पहली यूनिवर्सिटी है? इस दावे का सच जानने के लिए हमने जांच शुरू की. गूगल सर्च से मालूम हुआ कि दिल्ली से पहले भी देश के कई शहरों में टीचर्स यूनिवर्सिटी बनाई गई है जिनका लक्ष्य शिक्षक तैयार करना है.

गुजरात की राजधानी गांधीनगर में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टीचर एजुकेशन (IITE) है. इस इंस्टिट्यूट की स्थापना साल 2010 में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी. ये इंस्टिट्यूट बैचलर, मास्टर और रीसर्च कोर्स चलाता है.

तमिलनाडु में भी सरकार द्वारा 2008 में पारित एक ऐक्ट के तहत टीचर्स इंस्टिट्यूट बनाया गया था. इसका नाम तमिलनाडु टीचर्स एजुकेशन यूनिवर्सिटी है. इस इंस्टिट्यूट में बैचलर से लेकर रीसर्च तक के कोर्स चलाए जाते हैं.

इसके अलावा, पश्चिम बंगाल में भी एक टीचर्स यूनिवर्सिटी है जिसकी स्थापना 2015 में हुई थी. इस यूनिवर्सिटी में एजुकेशन से जुड़े बैचलर, मास्टर्स, Ph.D और M.Phil के कोर्स चलाए जाते हैं. और भी कई प्राइवेट इंस्टिट्यूट हैं जो एजुकेशन से जुड़े कोर्स चलाते हैं.

नेशनल काउन्सिल फ़ॉर टीचर एजुकेशन, टीचरों की ट्रेनिंग के लिए बनाया गया एक संगठन है. इसकी वेबसाइट पर मौजूद लिस्ट में ऐसे ही कुछ ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट के नाम दिए गए हैं जिसे आप यहां पर देख सकते हैं.

सरकार की ओर से भी टीचरों की ट्रेनिंग के लिए ‘निष्ठा’ नामक एक प्रोग्राम चलाया जाता है. इस प्रोग्राम के तहत टीचर और हेड मास्टर को टीचिंग से जुड़ी ज़रूरी ट्रेनिंग दी जाती है. अरविन्द केजरीवाल के इस दावे के बारे में द क्विन्ट ने 11 मार्च 2021 को एक फ़ैक्ट-चेक आर्टिकल पब्लिश किया.

यहां पर अरविन्द केजरीवाल का सबसे पहला टीचर ट्रेनिंग यूनिवर्सिटी बनाने का दावा गलत साबित होता है. देश में इससे पहले भी कई ऐसे ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट बनाए गए हैं.


पाकिस्तान में शख्स ने अपने परिवार का क़त्ल कर की ख़ुदकुशी, भारतीय मीडिया ने बताया हिन्दू परिवार पर हमला :

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

Tagged:
About the Author

Kinjal Parmar holds a Bachelor of Science in Microbiology. However, her keen interest in journalism, drove her to pursue journalism from the Indian Institute of Mass Communication. At Alt News since 2019, she focuses on authentication of information which includes visual verification, media misreports, examining mis/disinformation across social media. She is the lead video producer at Alt News and manages social media accounts for the organization.