देश में कोरोना वायरस की वजह से 24 मार्च 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की. लॉकडाउन के दौरान देश के लोगों का मनोबल बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अप्रैल को रात 9 बजे, 9 मिनट तक घर की सभी लाइटें बंद करके घर की बालकनी या छत से दिया, लाइट, टॉर्च या मोबाइल की फ़्लैश-लाइट ऑन करने की अपील की थी. इसी के चलते 5 अप्रैल को ज़्यादातर देशवासियों ने इस मुहिम में हिस्सा लिया. इसी बीच सोशल मीडिया में एक वीडियो शेयर होने लगा. वीडियो में लोगों को सड़कों पर मोबाईल की फ़्लैश-लाइट जला कर हाथ हिलाते हुए देखा जा सकता है. दावा है कि ये वीडियो स्विट्जरलैंड का है और वहां के लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी की बात मानकर इस मुहिम में हिस्सा लिया है.
हिन्दू हिंदुस्तान नाम के एक अकाउंट ने ये वीडियो 5 अप्रैल 2020 को शेयर किया. वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने लिखा -“ब्राज़ील के टेलीविज़न चैनलों ने भारत के प्रधानमंत्री मोदी का भाषण अपने देश में दिखाया और कल रात यानी 4 अप्रैल को ही ब्राज़ीलिओ ने ये कर दिखाया।” उनकी पोस्ट से शेयर किये गए इस वीडियो को आर्टिकल लिखे जाने तक 3,300 बार शेयर किया जा चुका है. (फ़ेसबुक पोस्ट का आर्काइव लिंक)
ब्राज़ील के टेलीविज़न चैनलों ने भारत के प्रधानमंत्री मोदी का भाषण अपने देश में दिखाया और कल रात यानी 4 अप्रैल को ही ब्राज़ीलिओ ने ये कर दिखाया।
Posted by हिन्दू हिन्दुस्तान on Sunday, 5 April 2020
ट्विटर यूज़र किरण सिन्हा ने ये वीडियो एक और मेसेज के साथ शेयर किया है -“यह देखिए स्विट्जरलैंड में ओर इसी तरह अन्य देशों में भी हो रहा हैं।भारत में दीया जलाने भर कहने से लोगों केदिल जलने दो दिन पहले से ही शुरू हो गया था.Thinking faceThinking faceThinking faceSmiling face with smiling eyes.” (आर्काइव किया हुआ ट्वीट)
यह देखिए स्विट्जरलैंड में ओर इसी तरह अन्य देशों में भी हो रहा हैं।
भारत में दीया जलाने भर कहने से लोगों के
दिल जलने दो दिन पहले से ही शुरू हो गया था
🤔🤔🤔😊 pic.twitter.com/CYpAgjKdF6— Kiran Sinha किरण सिन्हा (@KiranSi27813888) April 5, 2020
ऑल्ट न्यूज़ के ऑफ़िशियल एंड्रॉइड ऐप पर इस वीडियो की सच्चाई जानने के लिए कुछ रीक्वेस्ट भी मिलीं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये अपील 3 अप्रैल 2020 को की थी.
फ़ैक्ट-चेक
वायरल वीडियो को कई फ़्रेम्स में तोड़कर रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमने पाया कि ये वीडियो फ़ेसबुक पर 28 मार्च 2020 को पोस्ट किया गया था. ‘नेम अबव ऑल नेम्स’ नाम के एक फ़ेसबुक पेज ने ये वीडियो पोस्ट किया था. पेज ने इस वीडियो को ब्राज़ील का बताया है. उनका दावा है कि ब्राज़ील के लोग भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं.
LOOK IN THE STREETS OF BRAZIL!
LOOK IN THE STREETS OF BRAZIL! THE PEOPLE ARE TURNING TO JESUS IN PRAYER & WORSHIP! CAN I GET AN AMEN?!
Posted by NAME above all names on Friday, 27 March 2020
इसके अलावा ‘ब्राज़ील पेरा क्राइस्ट’ नाम के एक फ़ेसबुक पेज ने भी ये वीडियो 27 मार्च को पोस्ट किया था.
Foi Lindo ❤
Posted by Brasil para Cristo on Friday, 27 March 2020
इस तरह ये बात साफ़ हो जाती है कि इस वीडियो का प्रधानमंत्री मोदी द्वारा की गई अपील से कोई लेना-देना नहीं है. मोदी ने ये अपील 3 अप्रैल को की थी जबकि ये वीडियो सोशल मीडिया में 27 मार्च से शेयर हो रहा है. हालांकि हम स्वतंत्र रूप से इस बात की पुष्टि नहीं कर पाए है कि ये वीडियो ब्राज़ील का है या नहीं लेकिन ये बात साफ़ है कि इसका प्रधानमंत्री मोदी द्वारा की गई अपील से कोई लेना-देना नहीं है.
इसी दावे से कई जगहों पर वायरल है ये वीडियो
ये वीडियो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाले मेसेज के साथ फ़ेसबुक और ट्विटर पर खूब शेयर हो रहा है.
इसके अलावा दूसरे मेसेज से भी ये वीडियो फ़ेसबुक और ट्विटर पर खूब वायरल हुआ है. ये सभी दावे ग़लत और बेबुनियाद हैं. ये वीडियो प्रधानमंत्री मोदी की अपील के कई दिन पहले का है.
नोट : भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 4,300 के पार जा पहुंची है. इसकी वजह से सरकार ने बुनियादी ज़रुरतों से जुड़ी चीज़ों को छोड़कर बाकी सभी चीज़ों पर पाबंदी लगा दी है. दुनिया भर में 12 लाख से ज़्यादा कन्फ़र्म केस सामने आये हैं और 70 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. लोगों में डर का माहौल बना हुआ है और इसी वजह से वो बिना जांच-पड़ताल किये किसी भी ख़बर पर विश्वास कर रहे हैं. लोग ग़लत जानकारियों का शिकार बन रहे हैं जो कि उनके लिए घातक भी साबित हो सकता है. ऐसे कई वीडियो या तस्वीरें वायरल हो रही हैं जो कि घरेलू नुस्खों और बेबुनियाद जानकारियों को बढ़ावा दे रही हैं. आपके इरादे ठीक हो सकते हैं लेकिन ऐसी भयावह स्थिति में यूं ग़लत जानकारियां जानलेवा हो सकती हैं. हम पाठकों से ये अपील करते हैं कि वो बिना जांचे-परखे और वेरीफ़ाई किये किसी भी मेसेज पर विश्वास न करें और उन्हें किसी भी जगह फ़ॉरवर्ड भी न करें.
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