प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के 3 दिवसीय दौरे पर गए थे. उनके दौरे से संबंधित बताकर कुछ पुरानी तस्वीरें और वीडियोज़ भ्रामक दावे के साथ शेयर किये गए. इस दौरान, अमेरिकी अख़बार द न्यू यॉर्क टाइम्स का एक हिस्सा सोशल मीडिया पर वायरल है. वायरल तस्वीर में अख़बार की कथित हेडलाइन है – “पृथ्वी की आख़िरी, सबसे बड़ी उम्मीद (LAST, BEST HOPE OF EARTH)”. नीचे सब-हेडिंग भी दी गई है – “दुनिया के सबसे प्रिय और शक्तिशाली नेता हमें आशीर्वाद देने आये हैं”. इस कथित अख़बार के हिस्से पर 26 सितंबर 2021 की तारीख दिखती है. 22 जून, 2023 को मनोज श्रीवास्तव नाम के एक वेरिफ़ाइड यूज़र ने अखबार की कथित तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, “आज के न्यूयॉर्क टाइम्स का मुख्य पृष्ठ |इसके बाद मोदी विरोधियों ख़ासकर कांग्रेसियों को कुछ कहने को बचा है क्या.” (आर्काइव लिंक)

21 जून 2023 को एक ट्विटर यूज़र ने ये तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, “आज़ के न्यूयॉर्क टाइम्स का मुख्य पृष्ठ,,इसके बाद कुछ कहने को बचा है क्या,,,? मोदी के हाथों में #देश सुरक्षित है.” (आर्काइव लिंक)

2021 से वायरल

साल 2021 में ऑल्ट न्यूज़ के व्हाट्सऐप नंबर पर और मोबाइल एप्लिकेशन पर इस दावे की पड़ताल करने की कई रिक्वेस्ट मिलीं.

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ट्विटर हैन्डल ‘@FltLtAnoopVerma’ ने ये न्यूज़पेपर क्लिप ट्वीट की. (ट्वीट का आर्काइव लिंक)

2021 में फ़ेसबुक और ट्विटर पर ये तस्वीर वायरल थी.

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इस क्लिप की असलियत जानने के लिए एक ट्विटर यूज़र ने भी ऑल्ट न्यूज़ के को-फ़ाउन्डर प्रतीक सिन्हा और मोहम्मद ज़ुबैर को टैग भी किया. व्हाट्सऐप पर भी ये तस्वीर वायरल है. ऑल्ट न्यूज़ की व्हाट्सऐप हेल्पलाइन नंबर पर भी इस क्लिप की सच्चाई जानने के लिए रीक्वेस्ट मिली हैं.

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क्या वाकई ‘द न्यू यॉर्क टाइम्स’ ने नरेंद्र मोदी को ‘दुनिया की आखिरी उम्मीद’ बताया?

न्यूज़ पेपर के कथित हिस्से को ध्यान से देखने पर ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि तारीख वाले हिस्से में सितम्बर की अंग्रेज़ी में स्पेलिंग ग़लत लिखी है. यहां ‘SEPTEMBER’ को ‘SETPEMBER’ लिखा गया है. इसके अलावा, कैप्शन प्रधानमंत्री मोदी पर व्यंग्य करते हुए लिखा है – “महामान्य, मोदीजी हमारे देश पर कृपा बनाए रखने के लिए कोरा कागज साइन कर रहे हैं… हर हर मोदी.”

आगे, हमने ‘द न्यू यॉर्क टाइम्स’ की वेबसाइट पर अख़बार का रविवार का अंक ढूंढा. मालूम चला कि 26 सितंबर 2021 को अख़बार के पहले पन्ने पर नरेंद्र मोदी से जुड़ी कोई ख़बर थी ही नहीं.

अख़बार का वायरल हिस्सा और ‘द न्यू यॉर्क टाइम्स’ का मूल अंक नीचे दिखाया गया है. इसमे दिख रहा अंतर आप साफ़ देख सकते हैं जैसे दोनों में वॉल्यूम नंबर और दाम अलग-अलग है. वायरल तस्वीर का वॉल्यूम नंबर 57,411 है जबकि द न्यू यॉर्क टाइम्स के 26 सितंबर के संस्करण का नंबर 59,193 है. वायरल तस्वीर में कीमत 2.50 डॉलर है जबकि 26 सितंबर के अखबार में कीमत 6 डॉलर है.

एक ट्विटर यूज़र ने द न्यू यॉर्क टाइम्स का 9 नवंबर 2016 पेपर क्लिप शेयर किया था. ध्यान दें कि इस क्लिप और वायरल तस्वीर में वॉल्यूम नंबर और कीमत एक ही है.

द न्यू यॉर्क टाइम्स ने भी ट्वीट करते हुए अखबार की क्लिप को फ़र्ज़ी बताया है.

कुल मिलाकर, सोशल मीडिया पर ‘द न्यू यॉर्क टाइम्स’ का क्लिप व्यंगात्मक रूप से एडिट किया गया. और इसे शेयर करते हुए ये ग़लत दावा किया गया कि अमेरिकी अख़बार ने नरेंद्र मोदी को दुनिया की आखिरी उम्मीद बताया.


रूसी आर्टिस्ट की कृष्ण और पांडवों की पेंटिंग को लोगों ने पंजशीर पैलेस में मौजूद पेंटिंग बताया:

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Kinjal Parmar holds a Bachelor of Science in Microbiology. However, her keen interest in journalism, drove her to pursue journalism from the Indian Institute of Mass Communication. At Alt News since 2019, she focuses on authentication of information which includes visual verification, media misreports, examining mis/disinformation across social media. She is the lead video producer at Alt News and manages social media accounts for the organization.