संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने 24 सितंबर को सिविल सेवा परीक्षा 2020 का परिणाम घोषित किया. इसमें बिहार के कटिहार ज़िले के शुभम कुमार ने पहली रैंक हासिल की. इसके बाद शुभम को समूचे देश से शुभकामनाएं मिलनी शुरू हो गयीं. इसी बीच कुछ लोगों ने शुभम कुमार के नाम से बने एक ट्विटर अकाउंट के कुछ ट्वीट्स के स्क्रीनशॉट शेयर करना शुरू किये जिसमें इस अकाउंट द्वारा कभी महिलाओं के प्रति तो कभी मुसलमानों के लिए अनुचित ट्वीट किये गये थे.

एक यूजर ने कुछ ट्वीट्स के स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा “आईएएस टॉपर शुभम महिला के प्रति कुंठित है” (लिंक)

फ़ेसबुक पेज The Logical Muslims ने कुछ स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा “जब ऐसे लोग DM, SDM जैसे पदों पर पहुंचेंगे तो देश का विकास करेंगे या विनाश ?” (लिंक)

एक यूज़र ने लिखा, “बनने के लिए आप कुछ भी बन सकते हैं मगर जो घटिया मानसिकता के मालिक हैं उसका खामियाजा निश्चित तौर पर देश की गरीब जनता भुगतने वाली है”

एक और यूज़र ने लिखा “एक और जिलाधिकारी मिलने वाला है जो सरकार के मंसुबे को कामयाब करेगा, जब ऐसी मानसिकता थी तो इतना पढ़ने लिखने की क्या ज़रूरत थी, किसी शाखा में चले जाते”

एक यूज़र ने स्क्रीनशॉट शेयर कर तंज़ कसते हुए लिखा “इसके ट्वीट्स देखकर लगता है कि ये आगे चलकर बिहार का बड़ा नाम करेगा” (लिंक)

इसी प्रकार कई फ़ेसबुक पेजफ़ेसबुक यूज़र्स ने इसे शेयर किया.

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फ़ैक्ट-चेक

एक नज़र में ही यह अकाउंट फ़र्ज़ी दिख रहा था. जब इस अकाउंट के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के लिए इसके ट्वीट खंगाले तो मालूम चला कि इसके सारे पुराने ट्वीट डिलीट किये जा चुके थे. इस अकाउंट के पिन किए गए ट्वीट(आर्काइव लिंक) पर आये जवाब देखने पर मालूम हुआ कि कुछ जवाबों में हैंडल @Mahadev_Bhakt9 व कुछ में @Charanjit_99 दिख रहा था.

जब हमने इसे कन्फ़र्म करने के लिए ट्विटर पर पहली और दूसरी सर्च क्वेरी डाली तो हमें इस दोनों यूज़रनेम पर किए गए पुराने जवाब, वायरल ट्वीट वाले अकाउंट पर लाते हुए मिले.

शुभम कुमार ने बाद में एक ट्वीटर हैंडल बनाया और ट्वीट करते हुए जानकारी दी कि यही उनका पर्सनल हैंडल है और बाकि सारे फ़ेक हैं.

इस फ़ैक्ट-चेक में हमने पाया कि यह एक फ़र्ज़ी अकाउंट है जिसका यूपीएससी टॉपर शुभम कुमार से कोई लेना-देना नहीं है. शुभम कुमार का नाम सुर्ख़ियों में आते ही इसका नाम बदला गया है ताकि लोग झांसे में आ सकें और इसकी फ़ॉलोविंग बढ़े.

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Abhishek is a senior fact-checking journalist and researcher at Alt News. He has a keen interest in information verification and technology. He is always eager to learn new skills, explore new OSINT tools and techniques. Prior to joining Alt News, he worked in the field of content development and analysis with a major focus on Search Engine Optimization (SEO).