भारत के अडानी ग्रुप और केन्या सरकार के बीच हाल में कई करार हुए हैं. इनमें केन्या के मुख्य अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को अडानी समूह को लीज पर देना, पावर लाइन बनाने, इत्यादि का ठेका दिया गया. इसके बाद से ही केन्या में इसका जमकर विरोध हो रहा है और वहां की जनता केन्या की सरकार पर सवाल खड़े कर रही है. इसको लेकर सरकार को विरोध प्रदर्शन भी झेलना पड़ रहा है साथ ही हवाई अड्डे के कर्मचारियों ने भी हड़ताल किया. केन्याई सीनेटर रिचर्ड मोमोयेमा ने अडानी के साथ केन्या सरकार के सौदे को खराब और निंदनीय बताया. रिचर्ड मोमोयेमा ने अडानी समूह को धोखेबाज़ बताया और कहा कि उन पर एक महत्वपूर्ण रणनीतिक राष्ट्रीय संपत्ति को लेकर भरोसा नहीं किया जा सकता, यह राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता है.
इसी बीच अडानी ग्रुप का एक प्रेस रिलीज सोशल मीडिया पर वायरल है जिसमें कथित तौर पर अडानी ग्रुप की ओर केन्या में उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वाले लोगों को चेताया गया है और कहा गया है कि ऐसा करने पर वे उन सरकारी शेयरधारकों के नाम उजागर कर देंगे जिन्हें इससे लाभ हुआ है और वे अडानी ग्रुप से रिश्वत लेने वाले व्यक्तियों के नाम भी प्रकाशित करेंगे.
डॉ. अनिरुद्ध मालपानी ने कथित प्रेस रिलीज शेयर करते हुए लिखा कि अडानी ने सार्वजनिक तौर पर स्वीकार किया कि वे लोग रिश्वत देते हैं. वे भारत में भी ऐसा करते हैं. (आर्काइव लिंक)
सुप्रीम कोर्ट के वकील संजय हेगड़े ने वायरल अडानी ग्रुप का कथित प्रेस रिलीज ट्वीट करते हुए लिखा कि अडानी समूह के जनसंपर्क विभाग में किस मूर्ख ने यह प्रेस विज्ञप्ति तैयार की है? क्या उन्हें एहसास है कि आपने रिश्वत देने की बात स्वीकार कर ली है. बाद में उन्होंने इसे डिलीट कर दिया और कहा कि कई लोगों का कहना है कि ये लेटर फ़र्ज़ी है, जब तक इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं हो जाती, मैं अस्थायी रूप से मूल ट्वीट हटा रहा हूँ. (आर्काइव लिंक)
Have been waiting for a clarification or denial from @AdaniOnline but nothing so far. However many people say the letter is fake. Till the authenticity is confirmed @zoo_bear, I will temporarily delete the original tweet. pic.twitter.com/ylIuhtTFfz
— SANJAY HEGDE (@sanjayuvacha) September 16, 2024
फ़ैक्ट-चेक
पहली नज़र में ही देखने पर इस प्रेस रिलीज की भाषा, फॉर्मेट, इत्यादि से प्रतीत होता है कि ये फ़र्ज़ी है. इस कथित प्रेस रिलीज में धमकी भरे लहजे का इस्तेमाल किया गया है और साफ तौर पर रिशेवत देने की बात कबूली गई है, जो कि किसी भी कंपनी की छवि के लिए घोर नुकसानदायक साबित हो सकता है. किसी भी कंपनी के लिए अपने बारे में इस प्रकार की चीजें प्रेस रिलीज में लिखना अविश्वसनीय प्रतीत होता है.
इस लेटर के हेडर में मौजूद लोगो और फूटर में मौजूद अडानी एनर्जी सोल्युशंस लिमिटेड, केन्या के कंट्री मैनेजर किशन दत्त तिवारी का हस्ताक्षर देखने से लगता है कि उसे किसी दूसरे जगह से कट करके यहां पेस्ट किया गया है. लेटर में मौजूद बॉडी के टेक्स्ट की क्लेरिटी और हेडर और फूटर में मौजूद लोगो और हस्ताक्षर की क्लेरिटी में भी काफी अंतर है. इसके अलावा अडानी समूह का लोगो भी सुपरइम्पोज़्ड किया हुआ मालूम पड़ता है.
हमने अडानी ग्रुप का ट्विटर अकाउंट चेक किया तो पाया कि उन्होंने वायरल प्रेस रिलीज को फ़र्ज़ी बताया है. इस प्रेस रिलीज में लिखा है, “हम स्पष्ट रूप से कहते हैं कि न तो अदाणी समूह और न ही उसकी किसी कंपनी या सहायक कंपनी ने केन्या से संबंधित कोई प्रेस रिलीज जारी की है. हम इस झूठे और दुर्भावनापूर्ण काम की कड़ी निंदा करते हैं और सभी से आग्रह करते हैं कि वे इन फ़र्ज़ी धोखाधड़ी वाली प्रेस रिलीज को पूरी तरह से नज़रअंदाज़ करें. हम झूठी बातें फैलाने में शामिल किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे.”
Know more: https://t.co/P8Ybq6c8YI pic.twitter.com/aIcBvh6CSf
— Adani Group (@AdaniOnline) September 16, 2024
कुल मिलाकर, कई लोगों ने अडानी ग्रुप के फ़र्ज़ी प्रेस रिलीज को सच मानकर शेयर करते हुए सवाल उठाया कि अडानी ग्रुप ने केन्या की सरकार को रिश्वत देने की बात कबूली है.
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.
बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.