लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने हाल ही में तीन दिनों के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका का दौरा किया. इस संदर्भ में एक कथित न्यूज़पेपर की कटिंग वायरल है. हेडलाइन में कहा गया है, “अमेरिकी पूछ रहे हैं कि राहुल भारत से हैं या पाकिस्तान से?” कई सोशल मीडिया यूज़र्स का दावा है कि ये क्लिपिंग सैन फ्रांसिस्को स्थित एक अखबार की है.

रिटायर्ड मेजर जनरल हर्ष कक्कड़ ने एक्स पर ये तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा, “अमेरिकी जानना चाहते हैं कि राहुल गांधी भारत से हैं या पाकिस्तान से. कौन व्यक्ति अपने ही घर की निंदा करने विदेश जाता है. पूरी दुनिया में ऐसा सुनने को नहीं मिलता. एकमात्र अपवाद ये आदमी है. क्या कांग्रेस, सैम पित्रोदा, खड़गे, सुप्रिया श्रीनेट और जयराम रमेश दावा करेंगे कि ये कांग्रेस की परंपरा है.” ये फ़ैक्ट-चेक रिपोर्ट लिखे जाने तक इस ट्वीट को 5 लाख से ज़्यादा व्यूज़ और 6,600 से ज़्यादा बार रिशेयर किया गया है. (आर्काइव)

ये तस्वीर रिनीति चटर्जी पांडे नामक एक एक्स यूज़र ने भी शेयर की है. ये आर्टिकल लिखे जाने तक इस ट्वीट को करीब 1.5 लाख बार देखा गया और 4,200 से ज़्यादा बार रिशेयर किया गया है. (आर्काइव)

ये तस्वीर शेयर करने वाले यूज़र्स में नीतू गर्ग नामक यूज़र भी शामिल हैं जो अपने X बायो में खुदको ‘भाजपा महिला मोर्चा’ से जुड़ी बताती हैं. वहीं उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह भी फ़ॉलो करते हैं.

ऑल्ट न्यूज़ के व्हाट्सऐप हेल्पलाइन नंबर (76000 11160) पर भी इस तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए कुछ रिक्वेस्ट मिली हैं.

ध्यान दें कि तस्वीर पहले भी हुई थी वायरल

राहुल गांधी ने पिछले साल भी अमेरिका का दौरा किया था और मई 2023 में कैलिफ़ोर्निया के सैन फ्रांसिस्को में भाषण दिया था. उस वक्त कई भाजपा नेताओं ने राहुल गांधी के भाषण पर नाराज़गी जाहिर की थी. कुछ लोगों ने तो यहां तक ​​कह दिया कि वो पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं. तब भी ये कथित ‘अखबार की क्लिपिंग’ वायरल हुई थी.

ट्विटर यूज़र ‘जन्मजीत सिन्हा’ ने 21 जून 2023 को अखबार की रिपोर्ट की एक क्लीयर तस्वीर ट्वीट की. उन्होंने दावा किया कि सैन फ्रांसिस्को स्थित अखबार ने ये रिपोर्ट इसलिए पब्लिश की क्योंकि राहुल गांधी ने जैसे बात की थी वैसे सिर्फ भारत का दुश्मन ही बात कर सकता है. (आर्काइव)

विश्व हिन्दू परिषद नेता साधवी प्राची (@Sdhvi_prachi) ने 19 जून, 2023 को तस्वीर शेयर की थी. ट्वीट को 1.35 लाख से ज़्यादा बार देखा गया. (आर्काइव)

और कई यूज़र्स जैसे  @SVishnuReddy@POLITICALCRIT14@sarmabjp ने भी ऐसे ही दावे के साथ ये तस्वीर शेयर की.

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फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने इस कथित वायरल तस्वीर में दिख रही रिपोर्ट को ध्यान से देखा तो पाया कि इसमें कई गलतियां हैं जो आमतौर पर अखबारों में नहीं होती हैं. जब फॉर्मेट की बात आती है तो तस्वीर के टेक्स्ट में कंसिस्टेंसी का अभाव है. इसमें व्याकरण संबंधी और टाइपोग्राफ़िकल गलतियां हैं जो एक न्यूज़पेपर में नहीं दिखती हैं. इन गलतियों को आगे आर्टिकल में दिए गए स्क्रीनशॉट में हाइलाइट किया गया है. लाइन्स की व्यवस्था और वाक्य देख कर ऐसा लगता है कि मानो इसे गूगल लेंस का इस्तेमाल करके ट्रांसलेट किया गया है.

इसके अलावा, ‘रिपोर्ट’ में उस जगह का नाम भी ग़लत मिला जहां राहुल गांधी ने भाषण दिया था. इसमें उल्लेख किया गया है कि ये कार्यक्रम ‘सांता क्लॉज़, कैलिफ़ोर्निया’ में हुआ था जबकि कांग्रेस नेता ने सांता क्लारा, कैलिफ़ोर्निया में अपना संबोधन दिया था. हमने ये भी देखा कि तस्वीर में ऊपरी बाएं कोने पर एक लेटर का छोटा हिस्सा दिखता है जो अंग्रेजी में नहीं है. ये हिन्दी लिपि जैसा लगता है.

हमने टेक्स्ट का अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद किया और तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें कई सोशल मीडिया पोस्ट मिले जिनमें ये हिंदी रिपोर्ट थी.

ट्विटर बायो के मुताबिक, राष्ट्रवादी हिंदू महासभा के प्रमुख विवेक पांडे ने 5 जून 2023 को हिंदी रिपोर्ट की तस्वीर शेयर की. (आर्काइव)

जब हमने गूगल ट्रांसलेट का इस्तेमाल करके हिंदी टेक्स्ट का अंग्रेजी में ट्रांसलेट किया तो हमें जो रिजल्ट मिला वो बिल्कुल सोशल मीडिया यूज़र्स द्वारा शेयर की गई तस्वीर जैसा था. इससे साबित होता है कि सैन फ्रांसिस्को अखबार की स्पष्ट अंग्रेजी न्यूज़ रिपोर्ट असल में एक हिंदी रिपोर्ट का गूगल ट्रांसलेटेड वर्ज़न है.

हमने कैलिफ़ोर्निया में पब्लिश होने वाले गैर-अंग्रेजी भाषा के न्यूज़पेपर्स की लिस्ट भी देखी. ये रिपोर्ट लिखे जाने तक कैलिफ़ोर्निया में कोई भी हिंदी न्यूज़पेपर पब्लिश नहीं होता है. असल में अमेरिका में उपलब्ध एकमात्र हिंदी न्यूज़पेपर वो हैं जो भारत से भेजे जाते हैं.

कुल मिलाकर, वायरल अंग्रेजी या हिंदी रिपोर्ट किसी सैन फ्रांसिस्को अखबार या किसी अमेरिकी-आधारित अखबार की नहीं है. राईटविंग यूज़र्स का ये दावा ग़लत है कि सैन फ्रांसिस्को स्थित एक अखबार ने राहुल गांधी के भारतीय होने पर सवाल उठाया.

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