राजस्थान के चूरू में कांग्रेस कमेटी के तत्वावधान में जल निकासी, बिजली आपूर्ति, पेयजल व्यवस्था, सफाई व्यवस्था, स्वास्थ्य आदि जन समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर ब्लॉक कांग्रेस कार्यालय मंडेलिया से हल्ला बोल रैली शुरू होकर कलेक्ट्रेट पहुंची, जिसमें चूरू से कांग्रेस सांसद राहुल कस्वां भी मौजूद रहे.
इस रैली का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है जिसमें देखा जा सकता है कि भीड़ को नियंत्रित करने के दौरान डीएसपी सुनील झाझड़िया ने महिला पुलिसकर्मी की पीठ पर जोरदार थप्पड़ जड़ दिया. सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने पर लोगों ने महिला पुलिसकर्मी के साथ डीएसपी के व्यवहार पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की.
राजस्थान के नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि चूरू ज़िले में कार्यरत पुलिस अधिकारी द्वारा महिला पुलिसकर्मी पर हाथ उठाना नारी शक्ति का अपमान है. जब ड्यूटी के दौरान किसी महिला पुलिसकर्मी पर हाथ उठाया जाता है तो इससे राजस्थान पुलिस बल में कार्यरत सभी महिला कर्मियों में असुरक्षा की भावना पैदा होती है और उनका मनोबल गिरता है. उन्होंने मुख्यमंत्री से उक्त पुलिस अधिकारी को तत्काल निलंबित करने की मांग की.
चुरू जिले में कार्यरत एक RPS अधिकारी द्वारा अपने अधीनस्थ कार्यरत महिला पुलिस कार्मिक पर हाथ उठाना निंदनीय व अशोभनीय कृत्य है तथा यह नारी शक्ति का अपमान है,एक तरफ महिला शिक्षा को बढ़ावा देने व सरकारी क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका बढ़ाने की बातें सरकारें करती है मगर दूसरी तरह जब… pic.twitter.com/i6RUmOZHHN
— HANUMAN BENIWAL (@hanumanbeniwal) June 9, 2025
राजस्थान पुलिस का कवर-अप अभियान सक्रिय
चूरू पुलिस ने इस मामले पर ट्वीट कर दावा किया कि वीडियो को काट-छाँटकर वायरल किया जा रहा है, साथ ही पुलिस ने कहा कि वीडियो शेयर करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
इस प्रकार के वीडियो को वायरल करने वालों को चिन्हित कर आवश्यक विधिक कार्यवाही की जावेगी। वायरल वीडियो की सत्यता के संबंध में जांच की जा रही हैं।
— Churu Police (@ChuruPolice) June 9, 2025
डीएसपी की सफाई
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डीएसपी सुनील झाझरिया ने मामले में सफाई देते हुए कहा कि वायरल वीडियो एडिटेड है. उन्होंने कहा कि वीडियो में जो दिखाया जा रहा है, वह सच नहीं है. उनका कहना है कि महिला कांस्टेबल दूसरी तरफ देख रही थी, इसलिए मैंने उसे आवाज़ लगाई और रैली से आगे जाने को कहा. हाथ उठाने या अभद्र व्यवहार करने जैसी कोई घटना नहीं हुई. ध्यान दूसरी तरफ होने के कारण महिला कांस्टेबल ने सुना नहीं, इसलिए मैं उसके पीछे गया और उसे जल्दी से रैली से आगे जाने को कहा.
महिला पुलिसकर्मी द्वारा एफआईआर
नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, महिला पुलिसकर्मी ने खुद इस वीडियो में उनकी पीठ पर डीएसपी द्वारा जड़े गए ‘थप्पड़’ के आरोप को खारिज कर दिया और कहा कि डीएसपी साहब ने सिर्फ इतना कहा था कि मैं रैली से आगे जाऊं. हाथ उठाने या किसी तरह की बदतमीजी करने जैसी कोई बात नहीं हुई. वायरल वीडियो को तोड़-मरोड़ कर मेरी और विभाग की छवि खराब करने की साजिश की जा रही है. महिला पुलिसकर्मी ने वीडियो शेयर करने वालों छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है, जिसमें कई कांग्रेस के कार्यकर्ता हैं.
क्या वीडियो के साथ कोई छेड़छाड़ की गई है?
हमें इस प्रकरण का पूरा वीडियो स्थानीय पत्रकार अख्तर मुगल के फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल पर मिला. अख्तर कांग्रेस की हल्ला बोल रैली को कवर करने गए थे, घटना के समय वे फेसबुक पर लाइव थे और संयोग से डीएसपी सुनील झाझड़िया द्वारा महिला पुलिसकर्मी की पीठ पर हाथ मारने का वीडियो उनके फेसबुक लाइव में आ गया. यह लाइव वीडियो 8 मिनट 46 सेकंड का है, जिसमें कांग्रेस की रैली के कलेक्ट्रेट गेट पर पहुंचने से लेकर कार्यालय में ज्ञापन सौंपने तक का वीडियो मौजूद है. और इस वीडियो में कोई कट नहीं है. चूंकि यह लाइव वीडियो है, इसलिए साफ है कि इसमें किसी तरह की एडिटिंग या छेड़छाड़ नहीं की गई है.
#चूरू: कांग्रेस हल्ला बोल…….
#इस लाइफ वीडियो में कुछ खास पूरा देखें।Posted by Akther Mugal on Sunday 8 June 2025
पूरे वीडियो में देखा जा सकता है कि जब कांग्रेस पार्टी की हल्ला बोल रैली कलेक्ट्रेट पहुंची तो गेट के अंदर और बाहर कई पुलिसकर्मी मौजूद थे. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को गेट पर ही रोक दिया, लेकिन कुछ देर बातचीत करने के बाद पुलिस ने कुछ लोगों को अंदर जाने के लिए गेट खोल दिया, जिसके बाद कार्यकर्ताओं का झुंड नारेबाज़ी करते हुए गेट के अंदर जाने लगे, इस दौरान पुलिस प्रदर्शनकारियों की भीड़ को नियंत्रित कर रही थी. इसी क्रम में डीएसपी सुनील झाझड़िया ने महिला पुलिस अधिकारी को भीड़ से आगे जाने के लिए कहा, चूंकि महिला पुलिस अधिकारी दूसरी तरफ देख रही थी, इसलिए डीएसपी की बातों पर ध्यान नहीं गया और उन्होंने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, इसके बाद डीएसपी सुनील झाझड़िया ने महिला पुलिस अधिकारी की पीठ पर जोरदार थप्पड़ मारकर उसे दूसरी तरफ जाने को कहा. वीडियो में थप्पड़ की तीव्रता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब हाथ महिला पुलिस अधिकारी की पीठ पर पड़ा तो उसकी आवाज़ वीडियो में रिकार्ड हो गई और देखा जा सकता है कि उन्हें पीछे से धक्का भी लगा.
पूरे वीडियो में डीएसपी सुनील झाझड़िया द्वारा महिला पुलिसकर्मी की पीठ पर हाथ मारने की घटना 2 मिनट 47 सेकंड पर आती है. इसलिए राजस्थान पुलिस के अधिकारियों और पुलिसकर्मियों द्वारा एडिटेड वीडियो वायरल करने का आरोप झूठा है.
चूरू सांसद की प्रतिक्रिया
चूरू सांसद राहुल कस्वां ने इस मामले पर ट्वीट कर कहा कि चूरू पुलिस ने अपनी नाकामी छिपाने के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर एफआईआर दर्ज की है. उन्होंने कहा कि इस डिजिटल युग में लोगों द्वारा फेसबुक लाइव स्ट्रीम वीडियो चलाना आम बात है. ऐसे ही एक लाइव स्ट्रीम के दौरान चूरू पुलिस अधिकारी एक महिला कांस्टेबल को थप्पड़ मारते हुए वीडियो में नजर आया, जिसे मीडिया और आम लोगों ने सोशल मीडिया पर शेयर किया. चूरू पुलिस प्रशासन द्वारा फ़ेसबुक लाइव वीडियो को एडिटेड बताकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर एफआईआर दर्ज करना पूरी तरह से लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है, लोकतांत्रिक व्यवस्था में पुलिस प्रशासन का यह रवैया अस्वीकार्य है.
कल के चूरू में कांग्रेस द्वारा आयोजित ‘हल्ला बोल प्रदर्शन एवं रैली’ के दौरान एक घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर की गई झूठी और बेबुनियाद FIR चूरू पुलिस द्वारा अपनी नाकामी छूपाने का प्रयास है।
इस डिजिटल युग में फेसबुक लाईव स्ट्रीम विडियो आमजन द्वारा चलाना आम बात है। इसी… pic.twitter.com/vSyDSfCvw7
— Rahul Kaswan (@RahulKaswanMP) June 10, 2025
यह पहली बार नहीं है जब राजस्थान पुलिस ने अपनी खामियों को छुपाने के लिए सच पर पर्दा डालने का काम किया हो. राजस्थान पुलिस द्वारा यूट्यूबर एलविश यादव और कृष्णवर्धन सिंह खाचरियावास को एस्कॉर्ट करने के मामले में भी पुलिस ने बार-बार ग़लत दावा किया था. पहले उन्होंने वीडियो को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाया गया बताया, बाद में पुलिस ने इस मामले को लेकर कहा कि वीडियो पुराना है, जबकि वीडियो ना तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाया गया था और ना ही पुराना था. एलविश यादव के व्लॉग में साफ दिख रहा था कि कई मौकों पर पुलिस एलविश यादव और पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के बेटे कृष्णवर्धन सिंह खाचरियावास को अलग-अलग पुलिस वाहनों में एस्कॉर्ट कर रही थी. और इस बात का ज़िक्र व्लॉग में भी किया गया था. इस मामले में भी पुलिस ने कवरअप एफआईआर किया था.
ऑल्ट न्यूज़ ने एक रिपोर्ट में इस मामले पर विस्तृत विश्लेषण किया था, पूरी रिपोर्ट यहाँ पढ़ें:
एल्विश यादव का वीडियो AI एडिटेड और पुराना नहीं है, राजस्थान पुलिस का दावा ग़लत
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