नवी मुंबई के एक स्वघोषित मजदूर नेता और ऐक्टिविस्ट विनय दुबे की तस्वीर किन्हीं शिव यादव ने ट्विटर पर पोस्ट की. इस तस्वीर में विनय एक महिला और एक पुरुष के साथ खड़े हैं. शिव यादव ने दावा किया कि उनके साथ दिखने वाली महिला हिन्दू हैं जिन्होंने मुस्लिम से शादी की थी और विनय इनके पुत्र हैं. दावे के मुताबिक़ विनय के पिता का नाम महमूद है.

विनय दुबे को 10 और लोगों के साथ मुंबई पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया था. इन 10 लोगों में एबीपी मांझा के रिपोर्टर राहुल कुलकर्णी भी शामिल थे. इनपर वो अफ़वाह फैलाने का आरोप है जिसकी वजह से बांद्रा में भारी मात्रा में मज़दूर इकठ्ठा हुए थे. आरोप था कि इन्होंने मज़दूरों से 18 अप्रैल को कुर्ला रेलवे स्टेशन के पास इकठ्ठा होने की बात करते हुए एक वीडियो बनाया जो कि वायरल हो गया. राहुल कुलकर्णी को ज़मानत पर रिहा कर दिया गया लेकिन विनय दुबे को पुलिस कस्टडी में 21 अप्रैल तक रहना होगा.

16 अप्रैल को शिव यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा – “विनय दुबे की माँ ने #मुसलमान से शादी की थी,विनय दुबे के बाप का नाम “महमूद” है! इसका नाम विनय दुबे नाम जानबूझकर रखा गया ,जिससे कि इसे हिन्दू ब्राह्माण समझकर बहुत से हिन्दू भाई बहन गुमराह हो जाये….ये जेहादियों का महत्वपूर्ण पैंतरा है हिन्दुत्व और देश को क्षति पहुँचाने का!” शिव ने बाद में सफ़ाई देते हुए कहा कि जो जानकारी उन्होंने शेयर की वो ग़लत थी. उनके ओरिजिनल ट्वीट को 1100 बार से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया था.

फ़ेसबुक यूज़र विनुभाई पटेल ने ऐसे ही दावे के साथ फ़ोटो पोस्ट की. इस पोस्ट को 19 हज़ार से ज़्यादा बार शेयर किया गया.

ट्विटर और फ़ेसबुक पर कई लोगों ने इसी नेरेटिव के साथ ये तस्वीर पोस्ट की है.

फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ को मालूम पड़ा कि इस तस्वीर के साथ किया गया ये दावा ग़लत है. गूगल सर्च से हमें विनय दुबे की पर्सनल जानकारी मिली जो कि उन्होंने कल्याण लोक सभा सीट से नामांकन दाख़िल करते वक़्त चुनाव आयोग को दी थी. ये रस्मअदायगी 2019 के आम चुनावों के वक़्त की है. ‘माय नेता’ डेटाबेस के मुताबिक़ विनय दुबे के पिता का नाम सोशल मीडिया के दावों से उलट जटाशंकर दुबे है महमूद नहीं.

इसके साथ ही फ़ैक्ट चेकिंग वेबसाइट एस एम होक्सस्लेयर ने ये भी बताया हुआ है कि जिस तस्वीर को सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है वो असल में विनय दुबे ने अपनी फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल पर फ़रवरी 2020 में पोस्ट की थी. ये पटना में चल रहे CAA प्रोटेस्ट में ली गयी थी. ये संभव है कि तस्वीर में विनय के अलावा दिखने वाले दोनों लोग प्रदर्शन में शामिल थे.

15 अप्रैल को टाइम्स नाउ ने विनय दुबे को NCP से जुड़ा नेता बताया था. इसके बाद NCP के प्रवक्ता नवाब मलिक ने ऐसा होने से इनकार कर दिया था और कहा था कि विनय दुबे पार्टी के मेंबर ही नहीं हैं.

ये ध्यान दिए जाने लायक है कि विनय के पिता जटाशंकर दुबे ऑटो ड्राइवर हैं और उन्होंने कोरोना वायरस महामारी से निपटने में मदद करने के वास्ते महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री राहत कोष में 25 हज़ार रुपये दान दिए थे. विनय दुबे ने 10 अप्रैल को महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के ट्वीट को कोट-ट्वीट किया था.

अंत में ये पुख्ता तरीके से कहा जा सकता है कि विनय दुबे की एक पुरानी तस्वीर को शेयर करते हुए इस ग़लत दावे के साथ शेयर किया गया कि वो एक हिन्दू मां और मुस्लिम पिता के बेटे हैं और उन्होंने हिन्दू समाज को गुमराह करने के उद्देश्य से अपनी असली पहचान को उजागर नहीं किया.

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

About the Author

Jignesh is a writer and researcher at Alt News. He has a knack for visual investigation with a major interest in fact-checking videos and images. He has completed his Masters in Journalism from Gujarat University.