बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या का अरब महिलाओं को निशाना बनाने वाला एक पुराना इस्लामोफ़ोबिक ट्वीट बाहर आने के बाद, अरब जगत की जानी-मानी हस्तियों ने ज़ोरदार आलोचना की. तब से अख़बार की एक क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. ये क्लिप डीएनए की एक रिपोर्ट की है. इसकी हेडलाइन है, “क़तर की राजकुमारी सात पुरुषों के साथ संबंध बनाते हुए पकड़ी गई (Qatari Princess caught in Orgy with 7 men)”. ब्रिटिश अख़बार फ़ाइनेंशियल टाइम्स (FT) के हवाले से पब्लिश की गई इस रिपोर्ट में लिखा है, “क़तर की राजकुमारी शेख़ा सल्वा को लंदन के एक होटल में सात पुरुषों के साथ यौन संबंध बनाते पकड़ा गया”. ट्विटर हैंडल @TheSquind से पोस्ट की गई सेम क्लिप को 500 से ज़्यादा बार री-ट्वीट किया गया है. हालांकि @TheSquind ने अपने ट्वीट में यूएई के शाही परिवार की मेंबर, राजकुमारी हेंद अल क़ासिमी, को टैग किया. हाल ही में क़ासिमी ने दुबई में काम कर रहे एक भारतीय व्यक्ति द्वारा यूएई के ख़िलाफ़ लिखे नस्लभेदी और नफ़रती पोस्ट्स को ट्वीट किया था.

इस रिपोर्ट में आगे दावा किया गया कि जब ब्रिटने में क़तर के दूतावास को इस घटना की जानकारी दी गई, दूतावास ने स्टोरी दबाने के लिए अख़बार को 50 मिलियन डॉलर की पेशकश की. ‘किशोर के स्वामी’ नाम के ट्विटर अकाउंट ने क्लिप पोस्ट करते हुए लिखा, “और इस राजकुमारी को, डीएमके का आईटी विंग और सिंगल-सोर्स बेवकूफ़, सिर पर चढ़ाए घूम रहे हैं. ब्लडी पेड कैंपेन रैट्स.”

सोशल मीडिया इंफ़्लुएंसर पायल रोहतगी पहले भी सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने वाली झूठी ख़बरें शेयर करती पाई गई हैं. उन्होंने भी ये न्यूज़पेपर क्लिप ट्वीट करते हुए पत्रकार निधि राजदान पर निशाना साधा.

2016 में अमर उजाला ने भी ये स्टोरी की थी.

फ़ैक्टचेक

एक गूगल सर्च पर, ऑल्ट न्यूज़ को कई ऐसी रिपोर्ट्स मिलीं, जिसमें इस न्यूज़ स्टोरी को ‘फ़र्ज़ी’ बताया गया था. 24 अगस्त, 2016 को पब्लिश हुई ‘फ़र्स्टपोस्ट‘ की रिपोर्ट कहती है, “ब्रिटिश अख़बार फ़ाइनेंशियल टाइम्स द्वारा प्रकाशित, क़तर की राजकुमारी का एक कथित स्कैंडल ‘फ़र्ज़ी’ साबित हो गया. ये रिपोर्ट लिखे जाने के समय तक, कई न्यूज़ रिपोर्ट्स ने फ़ाइनेंशियल टाइम्स की स्टोरी का खंडन कर चुकी हैं – गूगल सर्च से पता चला कि ये स्टोरी बाद में गायब हो गई.”

हमने ट्विटर पर सबसे पुराना आर्टिकल तलाशा, जिसमें FT की कथित रिपोर्ट का हवाला दिया हो. हमें oddcrimes.com वेबसाइट का पता मिला, जो इस कथित रिपोर्ट का सोर्स के तौर पर इस्तेमाल करने वालों में से एक थी. इस वेबसाइट पर पब्लिश की गई रिपोर्ट हटाई जा चुकी है. इस कथित रिपोर्ट के आधार पर सनसनीखेज ख़बरें परोसने वाली कई वेबसाइट्स ने ये ख़बर चलाई.

AWD न्यूज़ ऐसी ही एक वेबसाइट है. ये फ़ेक न्यूज़ वेबसाइट, एक ऐसी झूठी ख़बर चला चुकी है जिसके आधार पर पाकिस्तान ने इज़रायल को परमाणु हमले की धमकी दे दी थी. फ़ैक्ट-चेकिंग वेबसाइट स्नोप्स के अनुसार, इस वेबसाइट का ‘फ़ैक्ट्स के साथ बस औपचारिकता वाला नाता है. इसकी बजाय ये राष्ट्रवादी फ़ंतासी और साज़िश वाली थ्योरीज़ के ज़रिए भय पैदा करने वाली (ध्यान खींचने वाली) स्टोरीज़ पब्लिश करने में ज़्यादा मशगूल रहती है.” AWD न्यूज़ की फ़ेक न्यूज़ स्टोरी का आर्काइव वर्ज़न आप यहां देख सकते हैं.

गौरतलब है कि AWD न्यूज़ ने FT की कथित रिपोर्ट का हवाला देते हुए, अपनी ख़बर का सोर्स मिडिल ईस्ट प्रेस (आर्काइव) को बताया था.

मज़ेदार बात ये है कि middleeastpress.com ने भी अपना आर्टिकल डिलीट कर दिया है. इस आर्टिकल में भी फ़ाइनेंशियल टाइम्स की कथित रिपोर्ट का हवाला दिया गया था. हालांकि, इसमें कोई हाइपरलिंक नहीं था.

इसलिए, पूरे दावे के साथ कहा जा सकता है कि FT की ऐसी कोई रिपोर्ट अस्तित्व में नहीं है, जिसमें ‘क़तर की राजकुमारी को सात पुरुषों के साथ पकड़े जाने’ का दावा किया गया हो. इसके अलावा, FT की कथित रिपोर्ट का हवाला देने वाली सबसे पहली वेबसाइट्स में से एक फ़र्ज़ी ख़बरें चलाने के लिए कुख़्यात रही है.

मुंबई से चलने वाले अंग्रेज़ी टैबलॉयड आफ़्टरनून वॉयस के ईमेल के जवाब में, FT के न्यूज़रूम में एडिटोरियल असिस्टेंट माइकल लिंडसे ने बताया था, “हमें जानकारी है कि आपके द्वारा मेंशन किया गया आर्टिकल सबसे पहले www.awdnews.com पर पब्लिश हुआ है. ये हमारी वेबसाइट नहीं है. AWD के द्वारा पब्लिश किए गए फ़र्ज़ी आर्टिकल के लिए फ़ाइनेंशियल टाइम्स जिम्मेदार नहीं है. और फ़ाइनेंशियल टाइम्स ने ऐसी कोई न्यूज़ रिपोर्ट न तो चलाई है, और न ही ऐसी किसी घटना में शामिल रहा है, जैसा कि AWD के फ़र्ज़ी आर्टिकल में दावा किया गया है.”

अरब की महिला उद्यमी की असंबंधित तस्वीर

दरअसल, जिस महिला की तस्वीर को क़तर की राजकुमारी ‘शेख़ा सल्वा’ बताकर शेयर किया जा रहा है, वो दुबई की कंपनी मज़रुई होल्डिंग्स की चीफ़ ऑपरेटिंग ऑफ़िसर आलिया अल मज़रुई हैं. दुबई-आधारित न्यूज़ चैनल ‘गल्फ़ न्यूज़’ के साथ उनका एक वीडियो इंटरव्यू देखा जा सकता है.

इसके अलावा, उनके ट्विटर अकाउंट से किया गया ट्वीट भी देखा जा सकता है.

अत:, चार साल पुरानी एक फ़र्ज़ी न्यूज़ स्टोरी को सोशल मीडिया पर फैलाकर यूएई की राजकुमारी हेंद अल क़ासिमी को बदनाम करने की कोशिश की गई.

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About the Author

Jignesh is a writer and researcher at Alt News. He has a knack for visual investigation with a major interest in fact-checking videos and images. He has completed his Masters in Journalism from Gujarat University.