कई सोशल मीडिया यूज़र्स एक वीडियो शेयर कर रहे हैं जिसमें भीड़ एक सार्वजनिक बस में तोड़-फोड़ कर रही है और ईंटो से बस की खिड़कियां तोड़ रही है. भीड़ में दिख रहे ज़्यादातर लोगों ने मुस्लिम समुदाय से जुड़ी टोपी पहनी है. @Congress_Indira नाम के एक ट्विटर हैन्डल ने 1 अगस्त 2023 को ये वीडियो शेयर करते हुए मुसलमानों के लिए अपशब्द का इस्तेमाल किया है. (आर्काइव लिंक)
सोनम महाजन, गोपाल गोस्वामी और नीरज अत्री ने 2 अगस्त 2023 को ये वीडियो शेयर करते हुए मुसलमानों पर निशाना साधा है.
2019 में भी हुआ था वायरल
2019 में भी ये वीडियो खूब वायरल हुआ था. उस वक़्त इसे मुंबई का बताया जा रहा था. दावा किया जा रहा था कि शुक्रवार की नमाज़ के बाद मुंबई में ऑटो वाले ने BEST बस पर हमला कर दिया क्योंकि बस ने अपने किराए में कमी की थी.
संदेश में लिखा है,”जुम्मे नमाज़ के बाद…ऑटो वाले ने BKC में खड़ी BEST की बस की तोड़फोड़ की…क्योंकि वो लोग ने लो रेट में BKC टू स्टेशन सेवा स्टार्ट की”.
Jumme ki namaz ke baad ….auto wale ne BKC me khadi BEST ki bus ki todfod ki …kyuki wo log ne low rate me BKC to Stn seva start ki ….. its Dangerous site . Signal of future what lies ahead of us. pic.twitter.com/AxoOg56Oqg
— Milind Thuse (@milindthusempt) July 13, 2019
इस वीडियो को एक अन्य कैप्शन के साथ भी शेयर किया गया था, “बांद्रा से BKC के बीच नए चालू किये गए रूट के विरोध में उसी रूट के मुस्लिम रिक्शावालों का समूह”. ऐसा दावा ट्विटर पर भी शेयर किया गया.
Oppose of bus route started to Bandra to BKC by group of Muslim Rikshawala’s running share Riksha on that route#शान्ति_प्रिय_समुदाय#मुंबई pic.twitter.com/2QtflS4aY4
— D_twit (@DipeshHathiyani) July 12, 2019
फैक्ट-चेक
ऑल्ट न्यूज़ ने वीडियो को बारीकी से जांचा और पाया कि ये घटना गुजरात के सूरत में हुई थी.
वीडियो में दिख रही बस के साइड में ‘SITILINK’ लिखा दिख रहा है. SITILINK शब्द का प्रयोग सूरत बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के लिए किया जाता है. यह सार्वजनिक बस व्यवस्था है जो की सूरत में चलती है.
वीडियो में इस बस का नंबर प्लेट में धुंधले अक्षरों में ‘GJ 05’ दिख रहा है. GJ 05 सूरत के लिए RTO वाहन पंजीकरण कोड है.
जब हमने संबधित की-वर्डस ‘सूरत की बस में पत्थरबाज़ी’ से यूट्यूब पर सर्च किया तो हमें सूरत की एक न्यूज़ चैनल ‘दिवांग न्यूज़’ की 5 जुलाई, 2019 की एक रिपोर्ट मिली. इस वीडियो क्लिप में हमले के बाद के दृश्य भी दिखाए गए हैं. वीडियो का टाइटल है, “सूरत: पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे क्योंकि मॉब लिंचिंग के खिलाफ रैली एक हिंसक घटना में बदल गई”.
TV9 गुजराती ने भी इस घटना के बारे में रिपोर्ट पब्लिश की थी. सूरत में मॉब लिंचिंग के खिलाफ प्रदर्शन रैली 5 जुलाई, 2019 को हुई थी. हालांकि, ये प्रदर्शन हिंसक हो गई थी और लोग पथराव करना शुरू कर दिये थे. द टाइम्स इंडिया के मुताबिक, “भीड़ अचानक से गुस्से में तब आ गई जब उन्हें जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने के लिए मक्काई पूल से आगे जाने की अनुमति नहीं दी गई. रिपोर्ट के मुताबिक, दो बसों पर हमला किया गया था. लोगों ने टेक ऑफ रेस्तरां के पास एक सिटी बस को निशाना बनाकर उसकी खिड़की के शीशे और बाकी हिस्से भी तोड़ दिए.”
चालीस लोगों को इस हिंसा के आरोप में गिरफ्तार किया गया.
गुजरात के सूरत में हुई हिंसा का पुराना वीडियो गलत दावे से शेयर किया गया कि महाराष्ट्र के मुंबई में BEST बस के दामों में गिरावट को लेकर मुस्लिम रिक्शाचालकों ने हिंसक प्रदर्शन किया. हाल ही में ये वीडियो एक बार फिर मुस्लिम समुदाय पर निशाना साधते हुए बिना किसी संदर्भ के शेयर किया जा रहा है.
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