15 जून को कई मीडिया संगठन ने रिपोर्ट किया कि उत्तर प्रदेश के भाजपा विधायक राजेश मिश्रा की बेटी साक्षी मिश्रा और उनके के पति अजितेश कुमार को इलाहाबाद हाईकोर्ट से अगवा कर लिया गया। हाल ही में इस जोड़े ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो संदेश साझा किया था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि साक्षी के पिता से उन्हें जान का खतरा है। वे दोनों अंतर सामुदाय विवाह के विवाद में फंस गए है, क्योंकी साक्षी ब्राह्मण है और अजितेश दलित समुदाय से है। एक अन्य वीडियो में दोनों ने पुलिस सुरक्षा की मांग की है और बताया है कि राजेश मिश्रा ने उन दोनों की शादी को नामंज़ूर कर दिया है।
Another video of the couple requesting help. pic.twitter.com/S9Uc63Zqc4
— Saurabh Trivedi (@saurabh3vedi) July 10, 2019
कई मुख्यधारा के मीडिया संगठन जैसे कि हिंदुस्तान टाइम्स, द टाइम्स ऑफ़ इंडिया, वन इंडिया, News X और दुबई स्थित गल्फ न्यूज़ ने इंडो एशियाई न्यूज़ सर्विस (IANS) के हवाले एक लेख प्रकशित किया, जिसमें बताया गया कि साक्षी और उसके पति को इलाहाबाद हाईकोर्ट के बाहर से अगवा कर लिया गया है।
उसके कुछ घंटो बाद, उपरोक्त बताए गए मीडिया संगठन ने अपने लेख में बदलाव किया और बताया कि किसी अन्य जोड़े को अगवा किया गया था। हालांकि, सिर्फ इंडिया टुडे ने इस गलत खबर को लेकर स्पष्टीकरण दिया है।
फ्री प्रेस जर्नल ने भी इस बारे में लेख प्रकाशित किया था कि साक्षी और अजितेश को अगवा किया गया है और अभी तक उसने अपने लेख में बदलाव नहीं किया है। उनके वर्तमान लेख में कहा गया है,“इस सनसनीखेज घटना में नया मोड़, बरेली के रहने वाले युगल, जो पिछले सप्ताह से सुर्ख़ियों में बने हुए हैं कि उनके किये गए दावे के मुताबिक कि उनके अंतरजातीय विवाह को लेकर बीजेपी के एक विधायक से उन्हें खतरा है। सोमवार इलाहाबाद उच्च न्यायालय के बाहर से बंदूक की नोक पर उनका अपहरण कर लिया गया था, जहां पर वे सुरक्षा की मांग करने गए थे”-(अनुवाद)।
दो अलग घटनाएँ
अगवा किया गया जोड़ा, साक्षी मिश्रा और उसके पति नहीं थे। अमरोहा जिले के रहने वाले एक मुस्लिम दंपति को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के बाहर से अगवा कर लिया गया था और बाद में उन्हें पुलिस द्वारा बचा लिया गया था। यह जोड़ी अब पुलिस हिरासत में है।
पुलिस के मुताबिक, फतेहपुर जिले के कल्याणपुर पुलिस स्टेशन ने उस दंपति को अगवा करने के लिए इस्तेमाल की गई गाड़ी को हिरासत में ले लिया है। प्रयागराज पुलिस ने इस दावे को खारिज कर दिया है कि साक्षी मिश्रा और उसके पति अजितेश को अगवा किया गया। 15 जुलाई को प्रयागराज द्वारा किये गए ट्वीट के मुताबिक,”सोशल मीडिया पर अफवाह/भ्रामक खबर फैलाई जा रही है कि प्रयागराज में साक्षी,अजितेश का अपहरण कर लिया गया है, जो निराधार है| साक्षी, अजितेश कोर्ट कैंपस के अंदर पुलिस अभिरक्षा में पूरी तरह सुरक्षित हैं| जिस प्रेमी युगल का अपहरण किया गया था वह भी इस समय फतेहपुर पुलिस की हिरासत में है”|
सोशल मीडिया पर अफवाह/भ्रामक खबर फैलाई जा रही है कि प्रयागराज में साक्षी,अजितेश का अपहरण कर लिया गया है, जो निराधार है| साक्षी, अजितेश कोर्ट कैंपस के अंदर पुलिस अभिरक्षा में पूरी तरह सुरक्षित हैं|
जिस प्रेमी युगल का अपहरण किया गया था वह भी इस समय फतेहपुर पुलिस की हिरासत में है| https://t.co/WEJNjrFXec
— PRAYAGRAJ POLICE (@prayagraj_pol) July 15, 2019
फ़र्स्टपोस्ट को दिए एक बयान में, फतेहपुर के एसपी रमेश ने कहा, “जांच के बाद, हमें पता चला कि यह मुस्लिम जोड़ा आज (सोमवार) को इलाहाबाद उच्च न्यायालय गया था, जहां से उनके पिता और लड़की के चाचाओं ने उन्हें अगवा कर लिया था। अमरोहा जिले के रहने वाले इस जोड़े को पुलिस ने बचा लिया था। अब प्रयागराज पुलिस और अमरोहा पुलिस साथ में मिलके इस मामले की जांच करेंगी”-(अनुवाद)।
इंडिया टुडे के अपडेट किये हुए लेख के मुताबिक, अपहरण के वक़्त ही साक्षी मिश्रा और अजितेश इलाहाबाद हाईकोर्ट में पुलिस सुरक्षा की मांग के लिए पहुंचे थे, जिस वजह से यह गड़बड़ी हुई। लेख के मुताबिक,“यह घटना सुबह 8.30 बजे इलाहाबाद कोर्ट के सामने हुई थी। इस घटना के समय की वजह से यह गड़बड़ी हुई। इसी समय पर, बीजेपी विधायक राजेश मिश्रा की बेटी साक्षी मिश्रा और उनके पति अजितेश वहां पर पुलिस सुरक्षा मांगने के लिए पहुंचे थे”-(अनुवाद)।
इंडिया टुडे ने बाद में स्पष्टीकरण दिया कि,“न्यूज़ एजेंसी IANS ने रिपोर्ट किया था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के बाहर से अगवा किया गया जोड़ा साक्षी और उनके पति अजितेश है। हालांकि, इंडिया टुडे ने बाद में पाया कि साक्षी और अजितेश सुरक्षित हैं और उन्होंने कोर्ट की कार्यवाही में हिस्सा भी लिया है”-(अनुवाद)।
IANS की गलत खबर को, कई मीडिया संगठन ने जांच किये बगैर ही प्रकाशित कर दिया। 15 जुलाई को मुख्यधारा की मीडिया और सोशल मीडिया में यह गलत खबर काफी हद तक छाई रही, जिससे कहीं न कहीं पाठकों को गुमराह किया गया।
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