सोशल मीडिया में नागरिकता संशोधन विधेयक (CAA) और राष्ट्रिय नागरिक रजिस्टर (NRC) के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शन के बीच कुछ व्यक्तियों द्वारा पत्थरबाज़ी करने की एक तस्वीर प्रसारित की गई है। तस्वीर में दिख रहे समूह के बीच मुस्लिम टोपी पहने एक बुज़ुर्ग व्यक्ति को पत्थर मारते हुए देखा जा सकता है। यह तस्वीर इस सन्देश के साथ वायरल है –“रहमान चचा 500 रु लेकर पत्थर फेंकने गये थे…. यूपी पुलिस ने उन्हें 1,50,000 का नोटिस भेज दिया।”
पवन खरब नामक एक उपयोगकर्ता के पोस्ट को करीब 5,300 बार शेयर किया गया है, खरब ने अपनी फेसबुक प्रोफाइल में खुद को राष्ट्रीय सवयंसेवक संघ से जुड़ा हुआ बताया है।
कई अन्य उपयोगकर्ताओं ने इस तस्वीर को ट्विटर और फेसबुक पर समान दावे से साझा किया है।
24 दिसंबर को पाकिस्तानी-कनाडियन लेखक तारेक फतह ने भी इस समान तस्वीर को ट्वीट करते हुए लिखा है, “इसी बीच #, भारत एक ‘शांतिप्रिय’ कार्यवाही में।” (अनुवाद) इस ट्वीट को अब तक करीब 4,500 बार रिट्वीट किया जा चूका है।
Meanwhile #, in India a ‘peaceful’ in action. pic.twitter.com/cVNeOwTErX
— Tarek Fatah (@TarekFatah) December 24, 2019
पुरानी तस्वीर
इस तस्वीर की गूगल रिवर्स सर्च करने पर हमने पाया कि यह कम से कम तीन साल पुरानी तस्वीर है। हमें यह तस्वीर 8 जनवरी, 2016 की एक पोस्ट में साझा की हुई मिली। उपयोगकर्ता ने दावा किया कि यह तस्वीर मालदा दंगों की है।
During Malda Riots..Very Peaceful Protestor Tries to Pacify Situation by Throwing a Stone @tathagata2 @bengaleebabu pic.twitter.com/mXtQrESTvM
— সমরजीत দাस🇮🇳 (@jitsamar14) January 8, 2016
ऑल्ट न्यूज़ इस बात का पता नहीं लगा पाया है कि यह तस्वीर पश्चिम बंगाल में हुए दंगों की है या नहीं। हालांकि, यह ध्यान देने योग्य है कि 3 जनवरी, 2016 को मालदा के कालियाचक ब्लॉक में हिंसा हुई थी। ऑल्ट न्यूज़ ने इस तस्वीर को साझा करने के सबसे शुरूआती उदाहरण में 8 जनवरी, 2016 का पोस्ट पाया।
निष्कर्ष के तौर पर, पत्थराव की पुरानी तस्वीर, देशभर में CAA के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन की पृष्भूमि में साझा की गयी। तस्वीर के साथ दावा यह गलत सुझाव देता है कि मुस्लिम व्यक्ति पैसों के लिए पथराव कर रहा है, जिसकी वजह से उत्तरप्रदेश सरकार ने उनपर भारी जुर्माना लगाया है।
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