एक जख्मी लड़के की तस्वीर इस दावे के साथ वायरल है कि एक ‘क्रिश्चियन’ स्कूल में अय्यप्पा की माला पहनने पर छात्र को तेज़ाब से बाथरूम धोने के लिए बाध्य किया गया था। इस तस्वीर और साथ में साझा किये गए तेलुगु भाषा के दावे को, एक यूज़र मेकला नागार्जुन रेड्डी ने भी साझा किया था। उनकी पोस्ट को करीब 13,000 बार शेयर है। पोस्ट के साथ साझा किया गया कैप्शन है – “అయ్యప్పమాల వేసుకున్నందుకు క్రిస్టియన్ స్కూల్లో యాసిడ్ తో బాత్రూమ్ క్లీన్ చేపించిన స్కూల్ యాజమాన్యం. యాసిడ్ పడి గాయపడిన బాలుడు.”

ट्विटर उपयोगकर्ता SahaJio (@oldhandhyd) द्वारा एक अंग्रेजी सन्देश के साथ तस्वीरों का यह समूह भी साझा किया गया था, जिसमें बताया गया है कि यह घटना गुड शेफर्ड स्कूल, तमिलनाडु में हुई थी। उन्होंने सन्देश में लिखा है – “अय्यप्पा माला पहनने के लिए सज़ा. – तेज़ाब से स्कूल का टॉयलेट साफ करना पड़ा। तेज़ाब बच्चे के हाथों पर गिरा। वह घायल। टीएन, तूतिकोरिन, एराल, इडयारकाडु टीएनटीए (डीएनडीए?) गुड शेफर्ड स्कूल। सरकारी सहायता प्राप्त..! #noconversion”। (अनुवाद)

अंग्रेजी संदेश को कई अन्य ट्वीटर उपयोगकर्ताओं – @ByRakeshSimha और @nandaji1958 – और फेसबुक पेज (TheEducatedIndianNews) द्वारा प्रसारित किया गया है। ऐसा ही दावा हिंदी भाषा में भी किया गया है – “#HinduKid : तमिलनाडु के एक सरकारी मद से चलने वाले स्कूल में “अय्यप्पा माला” पहनने पर एक हिंदू बच्चे को एसिड से विद्यालय के सारे टायलेट साफ करने की सजा मिली, बच्चा एसिड से झुलस गया #Secularism #Tamilnadu और हम ,हमारे बच्चों को क्रिसमस का केक कटवा रहे हैं, और वो हमारे बच्चों को एसिड से नहला‌ रहे हैं.”

झूठा दावा

गूगल पर कीवर्ड सर्च करने पर ऑल्ट न्यूज़ को द टाइम्स ऑफ़ इंडिया की 5 दिसंबर को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। इस लेख के अनुसार, 12-वर्षीय लड़के महाराजा को “उसके बाएं हाथ का बड़ा हिस्सा और पैर की ऊंगलियां, हेडमास्टर के निर्देश पर रसायन विज्ञान प्रयोगशाला से तेज़ाब की बोतलें निकालते समय हादसे की वजह से जलने के कारण घायल हो गईं।” (अनुवाद) इस रिपोर्ट में आगे कहा गया है, “प्रारंभिक पूछताछ के अनुसार, रसायन विज्ञान प्रयोगशाला का एक हिस्सा दीमकों ने क्षतिग्रस्त कर दिया था, जिसके बाद हेडमास्टर ने इसे खाली करने के लिए लड़कों को कहा था।” (अनुवाद)

पांच छात्र – महाराजा, प्रमोद, वेलराज, मुरुगपेरुमन, जयकुमार और वसुराजन को तेज़ाब की बोतलें हटाने का काम दिया गया था, जिस दौरान महाराजा गंभीर रूप से घायल हो गया था और प्रमोद भी सामान्य रूप से जला था।

द टाइम्स ऑफ इंडिया में महाराजा के हवाले से कहा गया था कि एक ‘महत्वपूर्ण’ व्यक्ति स्कूल का दौरा करने वाले थे, इसलिए कुछ छात्रों को “प्रयोगशाला से कचरे हटाने के लिए कहा गया। मैं तेजाब की बोतल लेकर जा रहा था। मेरे पीछे एक लड़का ठोकर खाकर मेरे ऊपर गिर गया। मेरी बोतल नहीं टूटी, लेकिन उसकी बोतल टूट गई और मेरे ऊपर गिर गई” (अनुवाद)–उसने कहा। तूतीकोरिन जिले के मुख्य शिक्षा अधिकारी (सीईओ) ए ज्ञानगोरी ने इस मीडिया संगठन को बताया कि “जिले के सभी स्कूलों को परिपत्र भेजा जाएगा कि वे तेज़ाब और ज्वलनशील और अन्य खतरनाक सामग्री को संभालने के लिए छात्रों को ना बोलें।” (अनुवाद)

ऑल्ट न्यूज़ ने ज्ञानगोरी से संपर्क किया, जिन्होंने सोशल मीडिया के दावों को “झूठा” करार दिया और बताया कि इस घटना का कोई सांप्रदायिक या धार्मिक संबंध नहीं था। उन्होंने कहा, “हेडमास्टर ने जो किया वह गलत था। उन्हें छात्रों से लैब साफ करने के लिए नहीं कहना चाहिए था। लेकिन यह दावा कि उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि एक छात्र ने अय्यप्पा की माला पहनी थी, गलत है। लगभग पांच छात्रों को यह काम दिया गया था और वे सभी अलग-अलग समुदायों के थे।” सीईओ ने कहा कि स्कूल को सरकारी सहायता प्राप्त है और पूरी तरह सरकार द्वारा प्रबंधित नहीं है। हालांकि, उनके निर्देश पर हेडमास्टर को उसी दिन निलंबित कर दिया गया था।

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, लड़कों को “थूथुकुडी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भेजे जाने से पहले एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।” (अनुवाद )

एक घटना, जिसमें तमिलनाडु के पलयाकयाल के पास इडयारकाडु में गुड शेफर्ड हायर स्कूल में रसायन विज्ञान की प्रयोगशाला की सफाई करने के दौरान दो स्कूली बच्चे तेज़ाब के छींटे पड़ने पर घायल हो गए थे। इस घटना की तस्वीर सोशल मीडिया में सांप्रदायिक दृष्टिकोण से जोड़कर साझा की गई। यह दावा कि उनमें से एक लड़के को अय्यप्पा की माला पहनने पर स्कूल के बाथरूम को तेज़ाब से साफ करने के लिए लगाया गया था, निराधार है। पांच छात्रों को रसायन विज्ञान प्रयोगशाला से कचरे हटाने का काम दिया गया था और तेज़ाब की एक बोतल टूटने पर उनमें से दो जल गए थे।

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About the Author

Pooja Chaudhuri is a researcher and trainer at Bellingcat with a focus on human rights and conflict. She has a Master's in Data Journalism from Columbia University and previously worked at Alt News.