पुरे देश भर में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ चल रहे विरोध के दौरान प्रदर्शनकारियों पर निशाना साधते हुए सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर की जा रही है। तस्वीर में, सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रही एक महिला के आंख पर पट्टी बंधे हुए देखा जा सकता है और यह पट्टी हिज़ाब के ऊपर से बांधी गयी है। इस वजह से सोशल मीडिया में महिला और अन्य प्रदर्शनकारियों पर निशाना साधा जा रहा है। तस्वीर को साझा करते हुए लिखा है – “तुम ना डरो अच्छी बात है…लेकिन पहले ये बताओ कि वो कौन सा डॉक्टर है जिसने हिजाब के ऊपर से पट्टी बांध दी 🤔 मतलब हद होती है झूठ की !! 😂😂” इस तस्वीर को भाजपा के महासचिव कुलदीप सिंह चहल ने भी समान सन्देश के साथ साझा किया है। उनके पोस्ट को भाजपा के पूर्व सांसद परेश रावल ने यह कहते हुए रिट्वीट किया है कि, “ये वोह डॉक्टर होगा जिसकी अपनी आँख पे पट्टी बंधी होगी!”
ये वोह डॉक्टर होगा जिसकी अपनी आँख पे पट्टी बंधी होगी ! https://t.co/W2ACSbecXd
— Paresh Rawal (@SirPareshRawal) January 2, 2020
मधु कीश्वर ने भी 8 जनवरी को यही समान दावा किया है।
झूठा दावा
ऑल्ट न्यूज़ ने अपनी जांच में पाया कि तस्वीर के साथ साझा किया गया दावा पूरी तरह से गलत है। प्रसारित की जा रही तस्वीर में ‘ज़फर अब्बास’ शब्द लिखा हुआ देखा जा सकता है। गूगल सर्च करने पर हमें पता चला कि ज़फर अब्बास एक पत्रकार है, जिन्होंने ट्विटर पर कुछ ऐसी ही समान तस्वीरों को साझा करते हुए लिखा है, “जामिया छात्रों ने अपनी एक आंख पर पट्टी बांधकर मिन्हाजुद्दीन के प्रति एकजुटता जाहिर की है, जिन्होंने 15 दिसंबर को दिल्ली पुलिस के हमले में अपनी आंख गवा दी थी।#JamiawalaBagh #JamiaMillia #CAAProtests #CAA_NRC_NPR” (अनुवाद)
Jamia today ! pic.twitter.com/qQp1IXLkCA
— Zafar Abbas (@zafarabbaszaidi) December 29, 2019
आगे, सर्च करने पर हमें इस प्रदर्शन से सम्बंधित कुछ मीडिया संगठनों के रिपोर्ट भी मिले, जैसे कि एनडीटीवी, ज़ी न्यूज़। मीडिया ख़बरों के मुताबिक, 15 दिसंबर, 2019 को दिल्ली पुलिस और जामिया के प्रदर्शनकारी छात्रों के बीच हुई झड़प के दौरान एक छात्र मोहम्मद मिन्हाजुद्दीन ने अपनी आंख गवा दी थी। मिन्हाजुद्दीन के प्रति एकजुटता दर्शाने के लिए 29 दिसंबर, 2019 को जामिया के छात्रों ने अपनी आंख पर पट्टी बांधकर विरोध-प्रदर्शन में हिस्सा लिया था। इस प्रकार, तस्वीर में दिखाई दे रही महिला ने जामिया के छात्र मोहम्मद मिन्हाजुद्दीन का साथ देने के लिए आयोजित प्रदर्शन में अपनी आंख पर पट्टी बांधी थी।
कारवां की वेब एडिटर सुरभी कांगा ने ट्वीट कर इस प्रदर्शन की कुछ तस्वीरें साझा की थी। ट्वीट के अनुसार, “#Jamia में फ़िलहाल, हज़ारों लोग यहां हमदर्द विधविद्यालय द्वारा किये गए नाटक “जामियावाला बाग़” को देखने के लिए इक्क्ठा हुए है। कई लोग पुलिस की बर्बरता में अपनी आंख गंवाने वाले मिन्हाजुद्दीन के समर्थन में पट्टी बांधकर विरोध जता रहे हैं।” (अनुवाद) तस्वीरों में एक व्यक्ति को महिला छात्र की आंख पर पट्टी बांधते हुए देखा जा सकता है।
At #Jamia right now: hundreds gathered here to watch “Jamiawala Bagh,” a play by students of Hamdard University. Many wearing bandages against police brutality and in solidarity with Minhajuddin, who lost an eye after the police attacked him. #CAAProtest #JamiaProtest pic.twitter.com/3yDssnfYLP
— sk (@surabhikanga) December 29, 2019
इसके अतिरिक्त, ऑल्ट न्यूज़ ने पत्रकार ज़फर अब्बास से भी बात की, जिन्होंने बताया कि वे इस प्रदर्शन को कवर कर रहे थे। उन्होंने कहा, “सिर्फ छात्रों ने ही नहीं, नागरिकों ने भी इस अद्भुत प्रदर्शन में हिस्सा लिया था। प्रदर्शन के दौरान कुछ लोग पट्टी बांट भी रहे थे। “ उन्होंने इस प्रदर्शन को कवर करते हुए एक फेसबुक लाइव भी किया था।
With an Eye bandaged : Jamia students put bandages on one eye in solidarity with Jamia student Minhajuddin who lost an eye in the police crackdown in #JamiaMilliaIslamia
Posted by Zafar Abbas on Sunday, 29 December 2019
इस प्रकार, सोशल मीडिया पर जामिया छात्रों द्वारा खुद को घायल दिखाने के लिए फ़र्ज़ी पट्टी बांधने का दावा गलत साबित होता है। दरअसल, जामिया के छात्र मोहम्मद मिन्हाजुद्दीन का समर्थन करने हेतु अपनी आंख पर पट्टी बांधकर विरोध-प्रदर्शन में हिस्सा ले रहे थे।
समान दावे से वायरल है यह तस्वीर
यह तस्वीर समान दावे से फेसबुक और ट्विटर पर वायरल है।
इस तस्वीर को ट्विटर पर भाजपा के राष्ट्रिय महासचिव आभिजात मिश्रा ने भी समान दावे से ट्वीट किया है।
तुम ना डरो अच्छी बात है…
लेकिन पहले ये बताओ कि वो कौन सा डॉक्टर है जिसने हिजाब के ऊपर से पट्टी बांध दी 🤔
मतलब हद होती है झूठ की !! 😂😂#IndiaSupportsCAA pic.twitter.com/kcIyDCFWCL
— Abhijat Mishra (@AbhijatMishr) December 30, 2019
इसके अलावा, यह तस्वीर व्हाट्सएप पर भी साझा की जा रही है।
[अपडेट: इस रिपोर्ट में 9 जनवरी, 2020 को मधु कीश्वर के ट्वीट को शामिल किया गया है।]सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.
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