कई ट्विटर और फ़ेसबुक यूज़र्स ने एक भीड़-भाड़ वाले इलाके की तस्वीर शेयर की. इस तस्वीर में नज़र आ रहा सबसे बड़ा, या मुख्य ढांचा, एक मस्जिद है. दावों के मुताबिक ये तस्वीर मुंबई की है. पिछले कुछ दिनों से अभिनेत्री कंगना रानौत और शिव सेना के बीच टकराव के कारण महाराष्ट्र सुर्ख़ियों में है. कंगना के ऑफ़िस को कथित तौर पर गैर कानूनी निर्माण बताकर ब्रिहंमुम्बाई महानगर पालिका (BMC) द्वारा उसे तोड़े जाने के बाद कुछ सोशल मीडिया यूज़र्स सवाल कर रहे हैं कि शहर की मस्जिदें कब तोड़ी जाएंगी?

एक फ़ेसबुक यूज़र विनीत हिन्दू ने वायरल इमेज शेयर करते हुए लिखा, “मुंबई में 200 से ज्यादा अवैध मस्जिदें हजारों मजारें सड़कों के बीच बनी हैं! पर BMC को सिर्फ कंगना का ऑफिस अवैध निर्माण लगा! #लानत_है” इस पोस्ट को 3,000 से ज़्यादा बार शेयर किया गया. (आर्काइव लिंक)

हिन्दू युवा वाहिनी सदस्य योगी देवनाथ ने इस तस्वीर को ट्वीट करते हुए लिखा, “ये भी अवैध निर्माण हैं इसे कब तोड़ेंगे उद्धव.” इस ट्वीट को करीब 4,000 बार रीट्वीट किया गया. (आर्काइव लिंक)

फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने रिवर्स इमेज सर्च किया और पाया कि इस तस्वीर को दैनिक भास्कर ने अगस्त में पब्लिश किया था. ये मध्य प्रदेश के शहर सागर में कटरा बाज़ार की ड्रोन से ली गयी तस्वीर है. फ़ोटो क्रेडिट के मुताबिक ये तस्वीर टोनू निर्मल ने खींची है. इस रिपोर्ट के अनुसार लॉकडाउन में ढील देने, और ईद और रक्षाबंधन के नज़दीक होने के कारण बाज़ार में भीड़ थी.

जब हमने इसी इलाके में गूगल पर मस्जिद सर्च किया तो हमने पाया कि जामा मस्जिद (मर्क़ज़) के ऊपर भी हरे रंग का शेड है और ये भी वायरल तस्वीर में दिख रही मस्जिद की तरह चौराहे के बीच स्थित है.

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इसके साथ ही, हमने गूगल मैप पर अपलोड की गयी मस्जिद की तस्वीर को वायरल तस्वीर के साथ कम्पेयर किया. हमने ऐसे 5 बिंदु बताये हैं जिनसे साफ़ होता है कि वायरल तस्वीर मध्य प्रदेश के शहर सागर में स्थित जामा मस्जिद की है, न कि मुंबई की.

  1. हरा शेड
  2. एक मीनार और 2 गुम्बद
  3. एक ही सीक्वेंस में 7 खिड़कियां 2,2,3 (दायीं से बायीं ओर)
  4. गुम्बद के नीचे एक जैसी खिड़की
  5. एक जैसी तिरछी दीवार

यानी सोशल मीडिया का ये दावा कि वायरल तस्वीर में दिख रही मस्जिद मुंबई में है, बिल्कुल ग़लत है. ये मस्जिद मध्य प्रदेश के शहर सागर के कटरा बाज़ार में है.

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About the Author

🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.