अगस्त के आखिरी हफ़्ते से कई फ़ेसबुक और ट्विटर यूज़र एक शव यात्रा की तस्वीरें शेयर कर रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि पुणे के एक डॉक्टर रमाकांत जोशी का अंतिम संस्कार मुस्लिम युवाओं ने मिलकर किया क्योंकि कोविड-19 के कारण उनके परिवार के लोग नहीं आ पाए.
ट्विटर यूज़र @MohammadFahim78 ने ये वायरल इमेज शेयर करते हुए लिखा, “पुणे में आज MBBS डॉ रमाकांत जोशी जी की मृत्यु हो गई है उनका एक लड़का है लेकिन वह अमेरिका में है और पत्नी की उम्र74वर्ष है और डॉ चाहते थे कि वे 4 लोगों के कंधों पर जाऊं लेकिन कोरोना के वजह से कोई भी परिजन उनके पास आने के लिए तैयार नहीं था मुस्लिम युवकों ने मिलकर सारी व्यवस्था की.” (आर्काइव लिंक)
फ़ेसबुक यूज़र जागेश चावला ने ये तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा कि मुस्लिम युवाओं ने हिन्दू रीति-रिवाज़ों के अनुसार डॉक्टर का अंतिम संस्कार कराया. कैप्शन था, “पुणे में आज MBBS डॉ. रमाकांत जोशी जी की कोरोना से मृत्यु हो गई. उनका एक लड़का है, लेकिन वह अमेरिका में रहता है और…” इस पोस्ट को 1,000 से ज़्यादा बार शेयर किया गया. (आर्काइव लिंक)
पुणे में आज MBBS डॉ. रमाकांत जोशी जी की कोरोना से मृत्यु हो गई ।
उनका एक लड़का है, लेकिन वह अमेरिका में रहता है और…Posted by Jagdeesh Chawla on Friday, August 28, 2020
एक अन्य यूज़र ने दावा किया कि ये अंतिम संस्कार तबलीग़ी जमात के युवाओं ने करवाया है.
फ़ैक्ट चेक
ऑल्ट न्यूज़ ने सर्च इंजन Bing पर रिवर्स इमेज सर्च किया और पाया कि ये वायरल इमेज पाकिस्तानी ब्लॉग सियासत पर 2 मई को अपलोड की गयी थी. इसके आर्टिकल के अनुसार, ये मेरठ के एक मंदिर के 68 वर्षीय पुजारी, रमेश माथुर की अंतिम यात्रा है.
इससे हिंट लेते हुए हमने गूगल पर कीवर्ड सर्च किया और पाया कि द टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने 30 अप्रैल और एशिया नेट ने 1 मई को अपनी रिपोर्ट में ये वायरल तस्वीर शेयर की है. रिपोर्ट्स के मुताबिक इन तस्वीरों में मेरठ के पुजारी रमेश माथुर की अंतिम यात्रा दिख रही है. टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक रमेश माथुर के परिवार ने शव को श्मशान ले जाने के लिए चार लोगों की ज़रूरत जताई. ये घटना चर्चा में इसलिए आई क्यूंकि एक मुस्लिम शख़्स ने अंतिम संस्कार में हिस्सा लिया.
हिंदुस्तान टाइम्स (HT) और द स्टेट्समैन ने भी इस घटना पर रिपोर्ट की थी लेकिन दूसरी तस्वीर का इस्तेमाल किया था. HT की रिपोर्ट के अनुसार न ही पुजारी रमेश माथुर का बेटा दिल्ली में रहता है और न ही कोरोना लॉकडाउन में रिश्तेदार आ सकते थे. रिपोर्ट में बताया गया, “मुस्लिम समुदाय के पड़ोसियों ने पहले अर्थी बनाने में बेटे की मदद की, उसके बाद सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अंतिम संस्कार में भी शामिल हुए.”
किसी भी रिपोर्ट में मुस्लिम व्यक्तियों के तबलीग़ी जमात से होने की बात नहीं की गयी है. इसके साथ ही ऑल्ट न्यूज़ को अलग से भी इस दावे के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली.
लेकिन ये बात साफ़ है कि सोशल मीडिया का दावा कि इन तस्वीरों में पुणे के डॉक्टर रमाकांत जोशी का अंतिम संस्कार दिख रहा है, बिल्कुल ग़लत है. इस इमेज में मेरठ के 68 वर्षीय पुजारी रमेश माथुर की शव यात्रा दिख रही है. ये बात अप्रैल के आखिरी हफ़्ते की है जब पूरे देश में लॉकडाउन लगा हुआ था.
इस वायरल तस्वीर को ‘सरोज खान’ का अंतिम संस्कार बताकर भी शेयर किया गया था
इस तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च करते हुए हमने पाया कि इसे वेबसाइट ट्रू स्कूप (आर्काइव लिंक) और न्यूज़ टीवी (आर्काइव लिंक) ने भी अपने अपने वीडियोज़ में बॉलीवुड कोरियोग्राफ़र सरोज खान का अंतिम संस्कार बताकर दिखाया था.
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