महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के दिन 30 जनवरी को उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले के जेवर गांव का एक युवक नई दिल्ली में दिखाई दिया था। उसने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ आंदोलनरत जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों की भीड़ के बीच बंदूक निकाल ली और एक प्रदर्शनकारी पर गोली चलाकर उन्हें घायल कर दिया था। इसके तुरंत बाद, समाचार एजेंसी ANI ने शूटर की 10वीं कक्षा की CBSE मार्कशीट की प्रति साझा की, जिसके अनुसार उसकी जन्मतिथि अप्रैल 2002 है। इससे पता चलता है कि वह नाबालिग है।

ANI के ट्वीट के बाद, भारत के चुनाव आयोग (ECI) की वेबसाइट से ली गई एक व्यक्ति की मतदाता जानकारी का एक स्क्रीनशॉट जवाबी दावे के रूप में सोशल मीडिया में प्रसारित होने लगा। स्क्रीनशॉट वाला नाम शूटर के नाम से मिलता है। राज्य (उत्तर प्रदेश) और निर्वाचन क्षेत्र (जेवर) भी उनके निवास स्थल से मिलते हैं। इस दस्तावेज़ में उनके पिता का नाम ‘दीपचंद शर्मा’ है।

यह स्क्रीनशॉट साझा करने वालों में एक डॉ. अजीम खान भी शमिल है, जिन्होंने लिखा था कि यह ‘सबूत’ है कि शूटर वयस्क है।

अकादमिक अशोक स्वैन ने भी यह भी दावा किया कि स्क्रीनशॉट के आधार पर अभियुक्त वयस्क है।

हालांकि, बाद में उन्होंने अपना ट्वीट हटा लिया था।

3 जनवरी को फ़र्स्टपोस्ट ने “जामिया शूटर आयु विवाद : CBSE प्रमाण पत्र ‘उसे’ ‘नाबालिग’ दर्शाता है, EC दस्तावेज उसे अप्रैल 2019 से पंजीकृत मतदाता दिखलाता है” (अनुवाद) शीर्षक से एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। इस रिपोर्ट में कहा गया है, “जबकि, 30 जनवरी की घटना के बाद कई मीडिया रिपोर्ट पुष्टि करते हैं कि शर्मा “नाबालिग”थे, सब होते हुए भी चुनाव आयोग की वेबसाइट बताती है कि शूटर “नाबालिग” नहीं है। हालाँकि, अभी भी इन विवरणों का सत्यापन चल रहा है।” (अनुवाद)

कई उपयोगकर्ताओं ने electoralsearch.in वेबसाइट से मतदाता विवरण का स्क्रीनशॉट भी साझा किया है।

तथ्य-जांच

30 जनवरी को, TV9 भारतवर्ष ने शूटर की उम्र पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की, जिसमें इस मीडिया संगठन ने उनके आधार कार्ड की एक फोटोकॉपी साझा की थी। कार्ड पर अंकित उनकी जन्म तिथि – 8 अप्रैल 2002 – CBSE की मार्कशीट (जिसे TV9 भारतवर्ष की रिपोर्ट में भी शामिल किया गया है) में बताई गई जन्म तिथि से मिलती है लेकिन, पिता का नाम नहीं मिलता है। वायरल ECI दस्तावेज में पिता का नाम ‘दीपचंद शर्मा’ बताया गया है, जो TV9 भारतवर्ष की रिपोर्ट में बताए गए शूटर के पिता के नाम से नहीं मिलता है।

भारतीय कानून के तहत नाबालिग की पहचान की सुरक्षा के लिए इस रिपोर्ट में आरोपी के परिवार के सदस्यों के नाम सामने नहीं रखे गए हैं।

दैनिक भास्कर की एक अन्य रिपोर्ट में पिता का नाम शामिल किया गया है, जो TV9 भारतवर्ष की रिपोर्ट में बताए गए नाम से मिलता है।

यूट्यूब चैनल ‘जनज्वार’ ने जेवर से एक ग्राउंड रिपोर्ट अपलोड की, जिसमें चैनल ने पड़ोसियों और शूटर के परिवार के सदस्यों के साथ बात की थी। इसमें उनके पिता भी शामिल हैं, जो प्रसारण के 6:35वें मिनट पर अपना परिचय देते हैं। वह व्यक्ति खुद को ‘दीपचंद शर्मा’ नहीं बताते हैं। रिपोर्ट में शूटर की CBSE मार्कशीट भी दिखाई गई है, जिसमें उनके माता-पिता के नाम दिखाई दे रहे हैं। पिता का नाम TV9 भारतवर्ष और दैनिक भास्कर के बताए नाम से मिलता है।

आगे की पुष्टि के लिए, ऑल्ट न्यूज़ ने ECI की वेबसाइट पर मतदाता डेटा को खंगाला।

किसी व्यक्ति के मतदाता डेटा की जांच करने के लिए, नाम, पिता या पति का नाम, उम्र या जन्म तिथि और राज्य जैसी अनिवार्य जानकारी देनी होती है। जिला और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के बारे में विवरण वैकल्पिक हैं, लेकिन उनसे खोज परिणाम आसान हो सकते हैं। ECI वेबसाइट पर आरोपी के विवरणों — जैसा कि मीडिया में बताया गया है — (अनिवार्य और वैकल्पिक दोनों) के साथ की गई खोज का कोई परिणाम नहीं मिलता है। इसका मतलब है कि उन विवरणों के साथ कोई पंजीकृत मतदाता नहीं है।

ऑल्ट न्यूज़ ने ज़िला और निर्वाचन क्षेत्र का विशिष्ट विवरण दिए बिना भी केवल अनिवार्य विवरण के साथ ECI की वेबसाइट पर तलाश की तो हमें केवल एक मतदाता मिला (नीचे लाल रंग में हाइलाइट किया गया) जिसका नाम और पिता का नाम शूटर के विवरण के समान है। हालांकि, उनकी आयु 19 वर्ष है, और शूटर (जो गौतम बुद्ध नगर के जेवर का है) से अलग, सहारनपुर के रहने वाले हैं। पिता का नाम भी बीच के नाम के रूप में दर्ज़ नाम से सटीक नहीं मिलता था।

इस प्रकार, सोशल मीडिया में वायरल मतदाता विवरण का स्क्रीनशॉट, जामिया शूटर के बारे में मीडिया की खबरों में बताई गई उपलब्ध जानकारी से नहीं मिलता है। उसके पिता का नाम दीपचंद शर्मा नहीं है, जिसकी पुष्टि यूट्यूब चैनल ‘जनज्वार’ द्वारा दिए गए पिता के साक्षात्कार से होती है।

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

About the Author

Pooja Chaudhuri is a researcher and trainer at Bellingcat with a focus on human rights and conflict. She has a Master's in Data Journalism from Columbia University and previously worked at Alt News.