26 सेकंड की एक क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल है जिसमें कुछ लड़के किसी मंदिर परिसर में एक-दूसरे पर पत्थर फेंक रहे हैं. वीडियो को इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि ये ‘जिहादी’ (मुस्लिम समुदाय के व्यक्तियों का ज़िक्र) हैं जो मंदिर के अंदर पथराव और भगदड़ मचाने के लिए ज़िम्मेदार हैं.
राईटविंग प्रॉपगेंडा आउटलेट सुदर्शन न्यूज़ ने X (पूर्व में ट्विटर) पर घटना के बारे में एक वीडियो रिपोर्ट शेयर करते हुए दावा किया कि ‘जिहादियों’ के एक ग्रुप ने मंदिर पर हमला किया. वीडियो में एक टिकर भी दिखाया गया है, जिसमें लिखा है, “माता मंदिर में जिहादी आतंक, कब होगा एक्शन?” बाद में वीडियो हटा दिया गया.
कई मौकों पर ग़लत सूचना और सांप्रदायिक प्रॉपगेंडा शेयर करते हुए पाए जाने वाले सुदर्शन न्यूज़ के वरिष्ठ पत्रकार सागर कुमार (@KumaarSaagar) ने ये वीडियो पोस्ट किया और कैप्शन में ज़िक्र किया: “जहांगीरपुरी में अचानक काली माता मंदिर में जिहादियों ने पथराव कर दिया. बताया जा रहा है कि ये बच्चों का आपसी झगड़ा था, तो मंदिर पर पथराव क्यों..?” बाद में उन्होंने ट्वीट डिलीट कर दिया.
अक्सर सांप्रदायिक ग़लत जानकारी शेयर करने वाले प्रीमियम सब्सक्राइब्ड X यूज़र दीपक शर्मा (@SonOfभारत7) ने वायरल क्लिप को कैप्शन के साथ शेयर किया, जिहादियों का मंदिर पे हमला दिल्ली जहांगीर पूरी में आपसी विवाद में मुसलमानों ने दुर्गा मंदिर को निशाना बनाया…पत्थरबाज़ी करके मंदिर में की तोड़फोड़ सोते रहो हिन्दुओं.” (आर्काइव)
जिहादियों का मंदिर पे हमला
दिल्ली जहांगीर पूरी में आपसी विवाद में मुसलमानों ने दुर्गा मंदिर को निशाना बनाया…
पत्थरबाज़ी करके मंदिर में की तोड़फोड़ 📍
सोते रहो हिन्दुओं 🖐️ pic.twitter.com/0YHo9BGfV1
— Deepak Sharma (@SonOfBharat7) November 4, 2024
@KreatelyMedia, @AvkushSingh, @TufailChaturve, @Sudanshutrivedi जैसे कई अन्य यूज़र्स और पेज ने वायरल क्लिप को ऐसे ही दावे के साथ ट्वीट किया.
फ़ैक्ट-चेक
सबंधित की-वर्डस सर्च करने पर हमें घटना से संबंधित कई न्यूज़ रिपोर्ट्स मिलीं. एबीपी न्यूज़ की रिपोर्ट के मुताबिक, घटना 4 नवंबर को दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हुई थी. रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि पुलिस को मिली जानकारी के मुताबिक, दो ग्रुप्स के बीच विवाद हो गया, जिनमें ज़्यादातर युवा लड़के थे. दोनों गुटों के लड़के एक ही समुदाय के थे. झड़प जारी रहने पर एक गुट मंदिर के अंदर भाग गया और दूसरे गुट ने बाहर से पथराव कर दिया.
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, पहले पथराव मंदिर के बाहर हुआ और इस टकराव में दो लोग घायल हो गए.
किसी भी रिपोर्ट में इस मामले में किसी भी सांप्रदायिक ऐंगल का कोई ज़िक्र नहीं है. ऊपर ज़िक्र दोनों ही रिपोर्ट में बताया गया है कि दोनों ग्रुप एक ही समुदाय के हैं.
इसके अलावा, हमें पत्रकार लवली बख्शी (@lavelybashi) का एक ट्वीट मिला. इसमें उत्तर पश्चिम दिल्ली के DCP अभिषेक धानिया का एक वीडियो बयान था. DCP ने घटना में किसी भी सांप्रदायिक ऐंगल से साफ इनकार किया. उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि इस घटना के लिए ‘जिहादियों’ के ज़िम्मेदार होने का दावा करने वाले सोशल मीडिया पोस्ट पूरी तरह से फर्ज़ी और निराधार हैं. उन्होंने कहा कि पथराव में शामिल सभी लोग एक ही धार्मिक समूह और समुदाय के हैं.
डीसीपी ने अपने बयान में कहा:
“एक ही धर्म और एक ही समुदाय के दो समूह और उनमें से लगभग सभी किशोर आपस में झगड़ा कर रहे थे. फिर वे पथराव पर उतर आये. झड़प के दौरान एक समूह मंदिर परिसर में भाग गया और वहां से पथराव शुरू कर दिया. जब पुलिस ने अपनी जांच शुरू की, तो हमने पाया कि इन दोनों समूहों में झगड़े का इतिहास रहा है. इसके आलावा, तीन किशोर CCL (Children in Conflict with the Law) हैं, जिनके खिलाफ पहले से FIR दर्ज है… दो किशोर घायल हो गए थे और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उनकी देखभाल की गई और अब उन्हें छुट्टी दे दी गई है. हमने इस मामले में सभी किशोर आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की है.
साथ ही मैं ये भी कहना चाहूंगा कि कुछ लोग इस घटना का इस्तेमाल सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर, खासकर ट्विटर पर, कुछ लोगों द्वारा पूरी घटना को ग़लत तरीके से पेश किया गया है, जहां ये दिखाया गया है कि जिहादियों ने मंदिर पर हमला किया है. ऐसा कोई ऐंगल नहीं है. ये सब फर्ज़ी और निराधार है, और इसमें कोई सच्चाई नहीं है… जिला पुलिस की साइबर टीम इस पर काम कर रही है और हमने तीन-चार ट्विटर हैंडल की पहचान की है, जिन्होंने जानबूझकर घटना के कुछ फ़ुटेज को ग़लत मैसेज के साथ लीक किया ताकि हमारे सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़े. हम उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे…”
दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके के ए ब्लॉक में काली माता मंदिर में हुए बीती रात पथराव का एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ जिसको कुछ शरारती तत्वों ने दूसरा एंगल देने की कोशिश की जबकि यह कुछ जूविनाइल लड़कों का आपसी झगड़ा था और इसका किसी विशेष समुदाय से कोई लेना-देना नहीं था
पुलिस ने… https://t.co/9CKNevI15U pic.twitter.com/OpALL66vlC
— Lavely Bakshi (@lavelybakshi) November 5, 2024
कुल मिलाकर, सोशल मीडिया यूज़र्स के एक वर्ग ने दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में किशोरों के बीच लड़ाई की एक घटना को सांप्रदायिक ऐंगल दे दिया. पुलिस ने पुष्टि की कि घटना में कोई सांप्रदायिक ऐंगल नहीं था. मुसलमानों को इस घटना के लिए ज़िम्मेदार ठहराने वाले पोस्ट पूरी तरह से फर्ज़ी और निराधार हैं. घटना में शामिल सभी लोग एक ही धार्मिक समूह और समुदाय के थे.
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