बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रानौत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद से ही खबरों में हैं. वे फ़िल्म इंडस्ट्री के परिवारवाद का शिकार होने की बात लगातार करती आयीं हैं और उनके मुताबिक सुशांत के साथ भी यही हुआ था. हालांकि बॉलीवुड पर लगातार बोलती आ रहीं कंगना का अब शिवसेना के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार के साथ नया विवाद शुरू हो चुका है. और ये लड़ाई अब राजनीतिक रूप ले चुकी है. महीने की शुरुआत में ही कंगना ने मुंबई की पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से तुलना की थी, उसके बाद बृहन्मुंबाई म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (BMC) ने उनके बांद्रा स्थित ऑफ़िस के एक हिस्से को तोड़ दिया था.

टाइम्स नाउ पर नविका कुमार के साथ इंटरव्यू के दौरान कंगना ने दावा किया कि वो भाजपा के साथ गठबंधन होने के कारण शिवसेना को वोट देने के लिए मजबूर थीं. उन्होंने बांद्रा में वोट डालने की बात करते हुए कहा, “मैं बीजेपी सपोर्टर हूं. मैं शिवसेना के लिए वोट क्यों करूंगी?” उन्होंने कहा, “देखिए मुझे राजनीति समझ नहीं आती. मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं है. मुझे समझ नहीं आता कि यह गुटबाजी क्यों होती है लेकिन मैं शिवसेना को वोट देने के लिए मजबूर थी क्योंकि वहां भाजपा का विकल्प ही नहीं था. उस क्षेत्र में उनका गठबंधन सिर्फ शिवसेना के साथ ही था इसलिए मैंने उन्हीं को वोट दिया और अब मुझे उसका ईनाम मिल रहा है.”

फ़ैक्ट-चेक

इंडिया टुडे के उप संपादक कमलेश सुतार ने कंगना के दावे में कुछ तथ्यात्मक गलतियों की ओर इशारा किया. उन्होंने लिखा, ”महाराष्ट्र सीईओ के आंकड़ों के अनुसार कंगना रानौत बांद्रा वेस्ट सीट की मतदाता हैं. 2019 में भाजपा के आशीष शेलर यहां से सेना-भाजपा गठबंधन के प्रतिनिधि थे. लोकसभा में फिर से भाजपा की पूनम महाजन ने चुनाव जीता.”

सुतार के ट्वीट के जवाब में कंगना ने उन पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया और उन्हें लीगल नोटिस भेजने की चेतावनी दी. उन्होंने लिखा, ”मैं साफ़ तौर से लोकसभा चुनाव की बात कर रही हूं लेकिन ये जानबूझकर विधानसभा चुनाव की बात ला रहे हैं.”

हालांकि जैसा कि सुतार ने बताया, कंगना का दावा कि वो शिवसेना को वोट देने के लिए मजबूर थीं, सच नहीं हो सकता. कंगना रानौत जिस क्षेत्र में लोकसभा और विधानसभा वोट डालने के लिए रजिस्टर्ड हैं वहां के प्रतिनिधि भाजपा के थे. साथ ही भाजपा-शिवसेना गठबंधन ने चुनाव लड़ा था.

लोकसभा चुनाव

2019 के लोकसभा चुनाव में कंगना ने खार के पोलिंग बूथ में वोट दिया.

खार मुंबई का सब-अर्बन ज़िला है जो मुंबई नॉर्थ सेंट्रल लोकसभा क्षेत्र के अन्तर्गत आता है. ये जानकारी आप चीफ़ इलेक्टोरल ऑफ़िसर, महाराष्ट्र की वेबसाइट पर ’जनरल इन्फॉर्मेशन लिस्ट ऑफ़ पोलिंग स्टेशन’ सेक्शन में जाकर देख सकते हैं.

भाजपा की पूनम महाजन भाजपा-शिवसेना की प्रतिनिधि थीं जिहोने मुंबई नॉर्थ सेंट्रल में जीत दर्ज की थी.

यानी, कंगना का ये दावा कि लोक सभा चुनाव में वो भाजपा के साथ पार्टी के गठबंधन के कारण शिवसेना प्रतिनिधि को वोट करने के लिए मजबूर थीं, सच नहीं हो सकता.

विधानसभा चुनाव

अमर उजाला की एक रिपोर्ट के अनुसार अक्टूबर 2019 में विधानसभा चुनाव के समय कंगना मुंबई में नहीं थी. अगर उन्होंने वोट दिया होता तो वो भाजपा नेता के लिए होता. बांद्रा वेस्ट विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के आशीष शेलर भाजपा-शिवसेना गठबंधन के प्रतिनिधि थे और उन्होंने उस सीट पर जीत भी दर्ज की थी. (नीचे दिया गया स्क्रीनशॉट इंडियन एक्सप्रेस से लिया गया है.)

कंगना रानौत ने नेशनल टेलीविज़न पर झूठा दावा किया और फिर सोशल मीडिया पर भी. और जब लोगों ने उनसे इस बात के लिए जवाब मांगा तो उन्होंने पत्रकार कमलेश सुतार को कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी. मुंबई प्रेस क्लब ने कंगना के बयान की निंदा की और लिखा, ”सेलिब्रिटी, नेता और उनके कार्यकर्ता प्लीज़ पत्रकारों को न धमकाएं.” कंगना ने बाद में ट्वीट्स डिलीट कर दिए.

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About the Author

Pooja Chaudhuri is a researcher and trainer at Bellingcat with a focus on human rights and conflict. She has a Master's in Data Journalism from Columbia University and previously worked at Alt News.