13 जून को इज़राइल द्वारा ईरानी परमाणु साइट्स पर हमला करने के बाद शुरू हुए ईरान-इज़राइल संघर्ष के बीच, (जिसमें कई नागरिक मारे गए) एक बिजली संयंत्र की तरह दिखने वाले विशाल विस्फ़ोट का एक वीडियो वायरल हुआ. सोशल मीडिया यूज़र्स ने वीडियो शेयर करते हुए दावा किया कि ये इज़राइल का है और बंदरगाह शहर हाइफ़ा में तेल रिफ़ाइनरियों को ईरानी मिसाइलों से उड़ा दिया गया है.

न्यूज़ आउटलेट ABP न्यूज़ हिंदी और इनख़बर ने ईरान द्वारा इज़राइल के पावर स्टेशन पर हाइपरसोनिक मिसाइलें दागने पर अपनी रिपोर्ट में वायरल वीडियो के स्क्रीनशॉट का इस्तेमाल किया. (आर्काइव लिंक: 12)

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X यूज़र @Niharik43914213 ने 18 जून को वायरल वीडियो पोस्ट किया जिसके कैप्शन में लिखा था कि ईरान ने एक तेल रिफ़ाइनरी को उड़ा दिया. इस आर्टिकल को लिखे जाने तक इस पोस्ट को 2 लाख से ज़्यादा बार देखा गया था. (आर्काइव)

एक और X यूज़र, @SilentlySirs ने वायरल वीडियो पोस्ट करते हुए दावा किया गया कि ये इज़राइल के हाइफ़ा में बाज़न ऑयल रिफ़ाइनरी के विनाश का है. इस आर्टिकल के लिखे जाने तक इसे लगभग 5 लाख बार देखा गया है. (आर्काइव)

इसी वीडियो को कई यूज़र्स, जैसे @AuctionMirza, @AAPka_Manojk@AhsanPti786 और अन्यों ने X पर इसी दावों के साथ शेयर किया था. (आर्काइव लिंक: 123)

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फ़ैक्ट-चेक

सबसे पहले, ऑल्ट न्यूज़ ने ये देखने के लिए जांच की कि क्या चल रहे संघर्ष में ईरानी मिसाइलों द्वारा बाज़ान तेल रिफ़ाइनरी को नष्ट कर दिया गया था, जैसा कि सोशल मीडिया पर दावा किया गया है.

17 जून की रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 16 जून को ईरानी हमलों में उसके एक बिजली स्टेशन के प्रभावित होने के बाद बाज़ान ग्रुप्स ने सभी रिफ़ाइनरियों को बंद कर दिया.

ये वेरिफ़ाई करने के लिए कि क्या वायरल वीडियो उसी हमले का है, हमने इस वीडियो के कीफ़्रेम्स को कुछ पर रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें 19 नवंबर 2015 का एक यूट्यूब वीडियो मिला. वायरल क्लिप 25 सेकेंड के टाइमस्टैम्प के आसपास दिखाई देती है.

यूट्यूब वीडियो के कैप्शन (जिसमें कहा गया था, “चीनी रासायनिक संयंत्र विस्फ़ोट”) को ध्यान में रखते हुए सर्च करने पर हमें 13 नवंबर, 2015 को सिचुआन अग्निशमन विभाग द्वारा एक चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो पर एक पोस्ट मिला.

हमने देखा कि ये विजुअल्स 12 नवंबर 2015 को सिचुआन अग्निशमन विभाग द्वारा किए गए एक अभ्यास के हैं और ये वायरल वीडियो में देखी गई संरचनाओं से मेल खाते हैं. 

इसे लेकर 12 नवंबर 2015 की एक चीनी न्यूज़ वेबसाइट पर भी रिपोर्ट पब्लिश की गई थी.

निष्कर्ष के तौर पर, 2015 का एक वीडियो, सोशल मीडिया यूज़र्स इस झूठे दावों के साथ शेयर कर रहे हैं कि ये इज़राइल में तेल रिफ़ाइनरियों को ईरानी मिसाइलों से प्रभावित होते हुए दिखाता है. जबकि इसमें चीन के सिचुआन प्रांत में एक फ़ायर ड्रिल दिखाई गई है. यहां तक ​​कि ABP हिंदी और इनखबर ने भी ईरानी हमलों से प्रभावित इजरायली पावर स्टेशन पर अपनी कहानियों में चीनी ड्रिल के विजुअल्स का इस्तेमाल किया. हालांकि, एक तेल शोधन समूह (बज़ान) से जुड़ा एक पावर स्टेशन हमलों में प्रभावित हुआ था. लेकिन ये वीडियो इस घटना से संबंधित नहीं है.

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