बांग्लादेश के चटगांव से स्थानीय हिंदू नेता जितेंद्र कांति गुहा की बताकर एक तस्वीर सोशल मीडिया पर काफी शेयर की जा रही है. तस्वीर में खून से लथपथ एक व्यक्ति को पेड़ से बंधा देखा जा सकता है. इसे शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि अवामी लीग के स्थानीय नेता मोहम्मद जसीम की इफ्तार पार्टी में शामिल होने से मना करने की वजह से जितेंद्र कांति गुहा पर बर्बर तरीके से हमला किया गया. घटना को सांप्रदायिक रंग दिया गया है.

तस्वीर को ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन की पूर्व अध्यक्ष रश्मि सावंत ने ट्विटर पर शेयर किया था, रश्मि सावंत के खिलाफ़ नस्लवाद के आरोप लगाए जाने के बाद उन्हें अपने पद से इस्तीफा देने के लिए कहा गया था.

कई वेरीफ़ाईड ट्विटर हैंडल जैसे @shashank_ssj, @TrulyMonica, @rajgopal88, और @MajorPoonia ने भी इसी दावे के साथ इस घटना की तस्वीरें शेयर की हैं.

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सुदर्शन न्यूज़ ने भी यही दावा किया.

ये तस्वीरें फ़ेसबुक पर भी इसी दावे के साथ वायरल हैं.

फ़ैक्ट-चेक

हमने गूगल पर की-वर्ड्स सर्च किया. हमें इस घटना के बारे में कई रिपोर्ट्स मिलीं. यूनाइटेड न्यूज़ ऑफ़ इंडिया (UNI) की एक रिपोर्ट के अनुसार, जितेंद्र कांति गुहा बांग्लादेश के दक्षिण चटगांव के एक प्रमुख हिंदू नेता हैं. गुहा चटगांव दक्षिण में बांग्लादेश के हिंदू बौद्ध ईसाई ओक्या परिषद के उपाध्यक्ष हैं और स्थानीय अवामी लीग के पूर्व अध्यक्ष भी हैं.

UNI की रिपोर्ट के मुताबिक, घटना 29 अप्रैल की दोपहर को हैदगांव के ब्रह्मनघाटा में गौचिया सामुदायिक केंद्र के सामने हुई. गौचिया सामुदायिक केंद्र में हैदगांव यूनियन अवामी लीग ने एक “इफ़्तार महफिल” और चर्चा के लिए बैठक आयोजित की थी. हालांकि, यूनियन परिषद (यूपी) के अध्यक्ष BM जसीम को इफ़्तार में नहीं बुलाया गया था. ऐसा माना जाता है कि नहीं बुलाए जाने की वजह से स्थानीय पार्षद और उनके समर्थक नाराज़ हो गए और उन्होंने कार्यक्रम स्थल पर हमला कर दिया.

UNI से बात करते हुए हैदगांव यूनियन अवामी लीग के संयुक्त संयोजक शाहिदुल इस्लाम ज़ुलु ने कहा, “यूनियन अवामी लीग ने जासिम को इफ्तार पार्टी में आमंत्रित नहीं किया क्योंकि वो सत्तारूढ़ अवामी लीग के विद्रोही उम्मीदवार के रूप में चुने गए थे. कार्यक्रम में नहीं बुलाए जाने से वो नाराज़ हो गए और 30-40 लोगों के साथ कार्यक्रम स्थल पर आ गए. ये लोग यूनियन अवामी लीग के संयोजक महमूदुल हक हाफिज सहित दूसरे लोगों को गालियां देने लगे.

द डेली स्टार के मुताबिक, ये घटना पार्टी के भीतर दुश्मनी की वजह से हुई. इस रिपोर्ट में भी ये बताया गया है कि हेंडगांव संघ परिषद के अध्यक्ष के कार्यकर्ताओं ने इफ़्तार पार्टी में नहीं बुलाने की वजह से हमला किया. स्थानीय पार्षद BM जसीम ने आरोप लगाया कि जितेंद्र कांति गुहा पर स्थानीय लोगों ने हमला किया क्योंकि वे उनसे नाराज़ थे. साथ ही ये भी कहा कि जितेंद्र कांति गुहा ने लोगों से पैसे लिए थे और उन्हें अलग-अलग सुविधाएं देने का वादा किया था.

ऑल्ट न्यूज़ ने जितेंद्र गुहा के बेटे इमोन गुहा से संपर्क किया. इमोन ने बताया कि उनके पिता असल में अवामी लीग के नेता हैं और ये हमला पार्टी के भीतर राजनीतिक दुश्मनी की वजह से हुआ था न कि उनकी धार्मिक पहचान की वजह से. इमोन ने कहा, “इस घटना के पहले से ही मेरे पिता के साथ उनकी दुश्मनी थी. मेरे पिता ने एक चुनाव में भाग लिया था जिससे उनके प्रतिद्वंद्वी, जसीम (दूसरे नेता) खफ़ा थे. मेरे पिता इफ़्तार पार्टी के आयोजक नहीं बल्कि सिर्फ एक अतिथि थे, फिर भी उन्हें पहले की दुश्मनी की वजह से पीटा गया.”

इमोन ने आगे कहा, “जसीम, उनके बेटे वसी, शाकिब और इंद्रजीत चौधरी लियो ने मेरे पिता के साथ मारपीट की, और वे घटना के दौरान मौजूद थे. मेरे पिता किसी भी तरह की असामाजिक गतिविधियों के खिलाफ़ हैं और जिन लोगों ने उन पर हमला किया वे ऐसी गतिविधियों में शामिल थे. इसके अलावा, अध्यक्ष को इफ़्तार में नहीं बुलाया गया था और मेरे पिता गेस्ट थे. यही सब हमले का कारण बना. मेरे पिता अभी भी बहुत जख्मी हैं और उनका ऑपरेशन होना बाकी है.”

हमें सुब्रत डे मान के यूज़र की एक फ़ेसबुक पोस्ट भी मिली. सुब्रत ने जितेंद्र गुहा के भतीजा होने का दावा किया है. फ़ेसबुक पोस्ट में उनके भतीजे ने जो डिटेल शेयर किया है, वो जितेंद्र गुहा के बेटे द्वारा दिए गए बयान और न्यूज़ रिपोर्ट्स से मेल खाता है.

कुल मिलाकर, जितेंद्र गुहा पर हमला इफ़्तार में शामिल होने से मना करने पर नहीं बल्कि स्थानीय पार्षद के साथ राजनीतिक दुश्मनी की वजह से किया गया था.

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