चलती ट्रेन को निशाना बनाकर किए गए विस्फ़ोट का एक वीडियो कुछ भारतीय मीडिया आउटलेट्स और सोशल मीडिया यूज़र्स शेयर कर रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि ये हाल ही में पाकिस्तान में यात्री ट्रेन पर हुए हमले का फुटेज है. 

दरअसल 11 मार्च को बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) के अलगाववादी आतंकवादियों ने दक्षिण-पश्चिमी पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में जाफ़र एक्सप्रेस पर हमला किया जो लगभग 400-500 यात्रियों को लेकर जा रही थी. BLA ने पटरियां उड़ा दीं और गोलीबारी की जिससे ड्राइवर की मौत हो गई और ट्रेन पर नियंत्रण कर लिया. 36 घंटे तक चली घेराबंदी में करीब 100 यात्रियों को बंधक बना लिया गया.

घटना के तुरंत बाद, कई भारतीय न्यूज़ आउटलेट्स ने ट्रेन के पास विस्फ़ोट के वायरल वीडियो को हालिया घटना के रूप में शेयर किया. इनमें एबीपी न्यूज़ भी शामिल था. 12 मार्च को मीडिया हाउस ने ट्रेन हाईजैक कैसे हुआ, इस बारे में जानकारी देते हुए वीडियो शेयर किया. आगे दिए गए वीडियो में 24 सेकेंड और 2 मिनट 3 सेकेंड पर, आप वायरल क्लिप देख सकते हैं. चैनल के एंकर का दावा है कि ये BLA द्वारा जारी किए गए नए विजुअल्स हैं. (आर्काइव)

ध्यान दें कि ऑल्ट न्यूज़ ने कई मामलों में एबीपी न्यूज़ द्वारा शेयर की गई ग़लत सूचनाओं की पड़ताल की है.

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दैनिक जागरण ने भी क्लिप शेयर की और कहा कि वीडियो में दिखाए गए विस्फ़ोट BLA के हमले के दावों से मेल खाते हैं – कि ट्रेन के हाईजैक से पहले रेल पटरियों को उड़ा दिया गया था. हालांकि, मीडिया ने स्वतंत्र रूप से वीडियो की पुष्टि नहीं की है. (आर्काइव)

उत्तर प्रदेश से भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता, प्रशांत उमराव (@ippatel) ने वायरल क्लिप X पर पोस्ट की और पाकिस्तान पर निशाना साधा. प्रशांत उमराव ने दावा किया कि ये शायद दुनिया में ट्रेन अपहरण की पहली घटना है और ये पड़ोसी देश की स्थिति का संकेत देता है. (आर्काइव)

ये फ़ैक्ट-चेक रिपोर्ट लिखे जाने तक इस पोस्ट को 2 लाख 60 हज़ार से ज़्यादा बार देखा गया.

ध्यान दें कि पेशे से वकील प्रशांत पटेल उमराव ने 2023 में ग़लत दावा किया था कि बिहार के 12 प्रवासियों को हिंदी में बात करने के लिए तमिलनाडु में फांसी दे दी गई थी. इससे सांप्रदायिक तनाव फैल गया और इसके बाद उन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ा. उनके मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सतर्क रहने और ग़लत सूचना शेयर करने के लिए माफी मांगने की सलाह दी थी. उमराव के मामले को उदाहरण के तौर पर इस्तेमाल करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ आने वाली ज़िम्मेदारी पर ज़ोर दिया.

इस क्लिप को श्रद्धा (@immortalsoulin) नामक एक X यूज़र ने भी शेयर किया था. उनके बायो के मुताबिक, प्रो-राइट आउटलेट ऑपइंडिया के उप-संपादक है. इस आर्टिकल के लिखे जाने तक पोस्ट को 1 लाख 50 हज़ार से ज़्यादा बार देखा गया है. (आर्काइव)

X यूज़र रौशन सिन्हा (@Mr.Sinha_) ने भी वायरल वीडियो को शेयर करते हुए BLA को “पाकिस्तानी सरकार के अत्याचार” से लड़ रहा “स्वतंत्रता सेनानी” कहा. (आर्काइव)

ये रिपोर्ट लिखे जाने तक इस पोस्ट को 60 हज़ार से ज़्यादा बार देखा गया है.

ध्यान दें कि ऑल्ट न्यूज़ ने इस X यूज़र के आधारहीन दावों और ग़लत सूचनाओं का कई बार फ़ैक्ट-चेक किया है.

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इसी तरह के दावे शेयर करने वालों की लिस्ट में @MeghUpdates, @KreatelyMedia, @ocjain4 @ImtiazMadmood जैस कई X एकाउंट्स शामिल हैं.

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फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने सबसे पहले नोट किया कि किसी भी अंतरराष्ट्रीय आउटलेट्स ने पाकिस्तान में हुए ट्रेन हमले की रिपोर्ट देते हुए वायरल क्लिप या उसके स्क्रीनशॉट का इस्तेमाल नहीं किया.

फिर हमने क्लिप के फ़्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें सलीम महसूद (@SaleemMehsud) नामक CNN स्ट्रिंगर की 2022 की X पोस्ट मिली.

महसूद के X बायो के मुताबिक, उनकी रिपोर्ट पाक-अफ़गान सीमा क्षेत्र, और उग्रवाद पर केंद्रित है. उनके पोस्ट में वीडियो अप्रैल 2022 का है. कैप्शन में कहा गया है कि BLA के हक्कल मीडिया ने 18 जनवरी 2022 को बलूचिस्तान में ट्रेन पर इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) हमले सहित आतंकवादी हमलों का 10 मिनट का वीडियो जारी किया था. पोस्ट में उस क्षेत्र का भी ज़िक्र किया गया है जहां ये हुआ था.

इसे ध्यान में रखते हुए, छानबीन करने पर हमें पाकिस्तानी मीडिया आउटलेट द नेशन के जनवरी 2022 का एक न्यूज़ आर्टिकल मिला. इस रिपोर्ट के अनुसार, 18 जनवरी को सिबी के मशफ़ाक इलाके में एक रेलवे ट्रैक पर एक आईईडी विस्फ़ोट हो गया जब रावलपिंडी जाने वाली जाफर एक्सप्रेस अपने गंतव्य की ओर बढ़ रही थी जिससे कम से कम दो लोग घायल हो गए.

हमें BLA के आधिकारिक मीडिया सेल, हक्कल पर CNN स्ट्रिंगर द्वारा शेयर किए गए वीडियो का लंबा वर्ज़न मिला. 14 अप्रैल 2022 को अपलोड किए गए वीडियो में 2022 में BLA द्वारा किए गए हमलों के फ़ुटेज हैं. 5 मिनट 48 सेकेंड पर, वायरल हिस्सा दिखाई देता है. वीडियो में हमले का स्थान, तारीख और समय भी है – मशकफ़, सिबी; जनवरी 18, 2022; 2:30 अपराह्न—BLA लोगो के साथ. इससे साबित होता है कि वायरल वीडियो 2022 में BLA द्वारा अपलोड किए गए हमलों के लंबे फ़ुटेज का हिस्सा है. यहां एक स्क्रीनशॉट देखा जा  सकता है:

कुल मिलाकर, वायरल क्लिप असल में जनवरी 2022 में BLA के हमले का फुटेज है न कि मार्च 2025 में जाफ़र एक्सप्रेस हाईजैक का. एबीपी न्यूज़ और दैनिक जागरण ने बिना वेरिफ़ाई किए भ्रामक वायरल वीडियो का इस्तेमाल किया.

 

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