कुछ पुलिसकर्मियों के बीच ज़मीन पर लेटे हुए एक व्यक्ति का वीडियो सोशल मीडिया में काफ़ी शेयर हो रहा है. वीडियो में ज़मीन पर लेटा हुआ व्यक्ति लगातार खांस रहा है और पानी की मांग कर रहा है. ऑल्ट न्यूज़ के ऑफ़िशियल मोबाइल ऐप पर 10 जून से इस वीडियो की सच्चाई जानने के लिए कई रीक्वेस्ट आई हैं. वीडियो के ऊपर टेक्स्ट है, “भागलपुर जेल का बड़ा बाबू कोरोना पीड़ित.”
11 अप्रैल 2020 को फ़ेसबुक यूज़र गुलाम सरवर ने ये वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, “भागलपुर के सेंट्रल जेल में बड़ा बाबू को करोना हुआ।” आर्टिकल लिखे जाने तक इस वीडियो को 11 हज़ार बार देखा जा चुका है. (फ़ेसबुक पोस्ट का आर्काइव लिंक)
भागलपुर के सेंट्रल जेल में बड़ा बाबू को करोना हुआ।
Posted by Gulam Sarwar on Saturday, 11 April 2020
ये वीडियो फ़ेसबुक पर इसी दावे से वायरल है.
फ़ैक्ट-चेक
की-वर्ड्स ‘bhagalpur central jail corona’ से सर्च करने पर 11 अप्रैल 2020 को यूट्यूब पर अपलोड किया हुआ ये वीडियो मिला. यूट्यूब चैनल ने इस वीडियो को भागलपुर सेंट्रल जेल में हुए मॉक ड्रिल का बताया है.
सर्च करने पर 14 अप्रैल का “जागरण” का एक आर्टिकल मिला. रिपोर्ट में कहा गया है कि सेंट्रल जेल में 9 अप्रैल 2020 को कोरोना वायरस के मरीज़ को कैसे रेस्क्यू करना है, इस बारे में एक मॉक ड्रिल किया गया था. वीडियो में दिखने वाला कोरोना का मरीज़ जेल का सेल कीपर ही है. रिपोर्ट के मुताबिक, सोशल मीडिया पर ये वीडियो तेज़ी से वायरल हो गया और इसके साथ झूठा दावा किया जाने लगा कि जेल के बड़े बाबू को कोरोना हो गया है. इसके बाद प्रशासन ने इस मामले में एसएसपी आशीष भारती से शिकायत की है. एसएसपी भारती ने बताया कि कोरोना के मुद्दे में बिना किसी पुष्टि के वीडियो को वायरल करने वालों के खिलाफ़ कारवाई की जाएगी.
इसके अलावा “दैनिक भास्कर” ने भी इस मॉक ड्रिल के बारे में रिपोर्ट पब्लिश की है.
अप्रैल महीने में वायरल हुए वीडियो की जांच “द लल्लनटॉप”, “द क्विन्ट” जैसे मीडिया संगठनों ने की है.
जैसा कि हमने देखा, बिहार के भागलपुर की सेंट्रल जेल में हुए मॉक ड्रिल के वीडियो को सोशल मीडिया में इस झूठे दावे से शेयर किया जाने लगा कि जेल के बड़े बाबू को कोरोना वायरस का संक्रमण हो गया है. सोशल मीडिया पर वीडियो के साथ होने वाले ऐसे सभी दावे झूठे हैं.
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