मकतूब मीडिया ने 14 अप्रैल को एक रिपोर्ट पब्लिश की जिसकी हेडलाइन थी, “द कश्मीर फ़ाइल्स देखकर लौट रहे एक व्यक्ति ने मुस्लिम युवक पर तलवार से हमला किया.” सियासत ने भी रिपोर्ट किया कि आरोपी ‘द कश्मीर फ़ाइल्स’ देखने के बाद घर वापस आ रहा था जब उसने युवक पर हमला किया.
इस रिपोर्ट के आधार पर, कई फ़ेसबुक एकाउंट्स ने ऐसा ही दावा किया. इस लिस्ट में वेरीफ़ाईड पेज इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल, AMU सिटीजन्स [1.5 लाख से ज़्यादा फ़ॉलोअर्स] और AIMIM समस्तीपुर – बिहार [1 लाख से ज़्यादा फ़ॉलोअर्स] शामिल हैं. कुछ ट्विटर एकाउंट्स ने भी यही दावा किया.
फ़ैक्ट-चेक
कर्नाटक स्टेट पुलिस की फ़ैक्ट-चेक विंग ने बताया गया कि ये घटना कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ ज़िले में 13 अप्रैल को हुई थी. 30 साल के आरोपी का नाम होन्नप्पा बोवी है और पीड़ित 18 वर्षीय अमानुल्लाह इरफ़ान है. दोनों पड़ोसी हैं.
पुलिस ने लिखा, “हालांकि हमले की घटना सच है. लेकिन इसका मकसद ‘द कश्मीरी फ़ाइल्स’ फिल्म नहीं है जैसा कि आरोप लगाया गया है. ये बिल्कुल व्यक्तिगत कारणों से हुआ था. लेकिन घटना को हेट क्राइम दिखाने के लिए ऐसा दावा किया गया है.”
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— Karnataka State Police Factcheck (@kspfactcheck) April 15, 2022
हलियाल पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 324 (स्वेच्छा से खतरनाक हथियारों का इस्तेमाल करके चोट पहुंचाना), 307 (हत्या का प्रयास), और 504 (शांति भंग करने के लिए जानबूझकर अपमान) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
ऑल्ट न्यूज़ ने हलियाल थाने में नीलामनावर रंगनाथ से संपर्क किया. उन्होंने कहा, ‘इस घटना का न तो कोई सांप्रदायिक ऐंगल है और न ही इसका ‘द कश्मीर फ़ाइल्स’ से कोई लेना-देना है. आरोपी को उसी दिन ग़िरफ्तार किया गया था जिस दिन ये घटना हुई थी.”
रंगनाथ ने आगे कहा, “प्रारंभिक जांच से पता चला है कि ये घटना बिल्कुल व्यक्तिगत कारणों से हुई थी. ग़िरफ्तार किये गए आरोपी ने हिरासत में बताया कि उसकी मां दिव्यांग है जिस वजह से मोहल्ले में रहने वाला अमानुल्लाह उसकी मां को चिढ़ाता था. उसने अपनी मां का बदला लेने के लिए उस पर धारदार हथियार से वार कर दिया.”
ऑल्ट न्यूज़ ने सब-इंस्पेक्टर शिवानंद से भी बात की. उन्होंने कहा, ‘आरोपी ने चाकू का इस्तेमाल किया था. सोशल मीडिया पर किया जा रहा दावा झूठा है कि आरोपी ने तलवार का इस्तेमाल किया.”
इसके अलावा, पीड़ित के पिता ने ऑल्ट न्यूज़ को बताया, “इस घटना को सांप्रदायिक रंग देना बिल्कुल ग़लत है. मेरे बेटे पर एक आदमी ने हमला किया था जो नशे की हालत में था. गांव के हिंदू हमारे समर्थन में आगे आए हैं और उन्होंने ही प्राथमिकी दर्ज कराने में हमारी मदद की.”
हमने अमानुल्लाह के चाचा समीर जमनूर से भी संपर्क किया जो शिकायतकर्ता हैं. उन्होंने कहा, “हम पूरी तरह घटना के पीछे की वजह से अनजान थे. बाद में पुलिस ने हमें आरोपी द्वारा हिरासत में लिए गए कबूलनामे के बारे में सूचित किया.”
कुल मिलाकर, एक घायल मुस्लिम युवक की तस्वीरें इस झूठे दावे के साथ शेयर की गई कि एक हिंदू व्यक्ति ने ‘द कश्मीर फ़ाइल्स’ देखने के बाद उस पर हमला किया. पुलिस और पीड़ित के पिता के अनुसार, घटना का कोई सांप्रदायिक मकसद नहीं था.
मकतूब मीडिया ने ग़लत रिपोर्ट के लिए माफी मांगी और ट्वीट करते हुए स्टोरी वापस ले लिया.
We are withdrawing the story and apologising for our poor judgement. We will be committed to upholding integrity in work.
2/2
— Maktoob (@MaktoobMedia) April 15, 2022
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