सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल है जिसमें दो आदमी एक बैनर पकड़े हुए दिख हैं. बैनर पर लिखा है, “बराए मेहरबानी कोई भी नमाज़ी मस्जिद के बाहर सड़क पर नमाज़ न पढ़ें.” बैनर पर लिखे टेक्स्ट के मुताबिक, इसे मेरठ के भवानी नगर में दरबार वाली मस्जिद के बाहर लगाया गया था. ये तस्वीर इस दावे के साथ वायरल हो रही है कि पुलिस की अनुमति के बिना आगरा में सड़क पर नमाज़ पढ़ने के आरोप में 150 लोगों के खिलाफ़ प्राथमिकी दर्ज करने के बाद ये बैनर मेरठ की एक मस्जिद के बाहर लगाया गया था. इस दावे के साथ ये बताने की कोशिश की गई है कि कैसे योगी आदित्यनाथ की सरकार राज्य में सख्त कानून व्यवस्था के साथ एक मिसाल कायम कर रही है.
पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने इसी दावे के साथ ट्विटर पर ये तस्वीर ट्वीट की. इसे 5 हज़ार से ज़्यादा लाइक्स और लगभग 1,500 बार रीट्वीट किया गया है.
आगरा में सड़क पर बिना अनुमति नमाज पढ़ने वाले 150 लोगों के खिलाफ पुलिस ने FIR दर्ज कर दी जिसके बाद मेरठ की मस्जिद में बैनर टांग दिए गए हैं कि सड़क पर नमाज कोई न पढ़े।
कानून का कड़ाई से पालन हो,तो कानून तोड़ने वाले खुद सुधर जाएंगे, #योगी जी का यूपी इसकी मिसाल पेश कर रहा है। pic.twitter.com/6TzRlHejXK— Ashok Shrivastav (@AshokShrivasta6) April 23, 2022
इसी दावे के साथ ये तस्वीर फ़ेसबुक पर भी शेयर की गई है.
यूपी में भाजपा योगी सरकार को दिए आपके 1 वोट की ताकत। 🚩🚩🚩
Posted by Narottam Mishra Fan Club on Friday, 22 April 2022
फ़ैक्ट-चेक
रिवर्स इमेज सर्च करने पर ऑल्ट न्यूज़ को नवभारत टाइम्स में 16 अगस्त 2019 को छपी एक रिपोर्ट मिली. आर्टिकल में ये तस्वीर शेयर की गई है.
इसके आलावा, 3 साल पहले इनशॉर्ट्स ने मेरठ पुलिस के ऑफ़िशियल हैंडल के एक ट्वीट का हवाला देकर आर्टिकल पब्लिश किया था. मेरठ पुलिस ने 16 अगस्त 2019 को ये तस्वीर ट्वीट की थी.
पटेल मण्डप वाली मस्जिद पर इमाम हाजी अख्तर ने बैनर लगाए #uppolice @dgpup @adgzonemeerut @igrangemeerut @Uppolice pic.twitter.com/m6NlJOxLVd
— MEERUT POLICE (@meerutpolice) August 16, 2019
इसके अलावा, हमें IPS अजय साहनी का 16 अगस्त 2019 का एक फ़ेसबुक पोस्ट भी मिला.
पटेल मण्डप वाली मस्जिद पर इमाम हाजी अख्तर ने बैनर लगाए
Posted by IPS Ajay Sahni on Friday, 16 August 2019
ये बैनर 2019 में भवानी नगर में दरबार वाली मस्जिद के बाहर यूपी पुलिस की एक पहल के तहत लगायी गयी थी. इसके ज़रिये लोगों से सड़क पर नमाज़ अदा करने से परहेज करने का आग्रह किया गया था. क्योंकि इससे यातायात बाधित होता था. पुलिस महानिदेशक (DGP) ओपी सिंह ने इस संबंध में कहा, “विशेष अवसरों पर, जब त्योहारों पर नमाज़ अदा करने के लिए बड़ी भीड़ इकट्ठा होती है तो ज़िला प्रशासन द्वारा इसकी अनुमति दी जा सकती है. लेकिन हर शुक्रवार की प्रार्थना के दौरान इस प्रथा को नियमित रूप से अनुमति नहीं दी जाएगी.” इसे देखते हुए अलग-अलग जगहों पर बैनर भी लगाए गए थे.
22 अप्रैल, 2022 को योगी आदित्यनाथ द्वारा सड़क पर धार्मिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध के बाद, आगरा में बिना अनुमति के एक मस्जिद के सामने सड़क पर नमाज़ अदा करने के लिए 150 से ज़्यादा लोगों को बुक किया गया था. लेकिन अभी जो तस्वीर वायरल हो रही है वो हाल की घटना से जुड़ी नहीं है.
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