“दुबई में छोटी लड़की के सवालों के सामने राहुल चुप्पी साधने के लिए मजबूर हुए” -यह शीर्षक माय नेशन पोर्टल के एक लेख का है। इस लेख में यह दावा किया गया है कि राहुल गांधी की हाल की दुबई यात्रा के दौरान एक 14-वर्षीया-लड़की ने उनसे दो सवाल पूछे जिसका वो जवाब नहीं दे सके। लेख के अनुसार, उन सवालों ने कांग्रेस अध्यक्ष को शर्मिंदा कर दिया जिन्होंने “एक मुस्कान के साथ इसे टाल दिया” और लाइव टेलीकास्ट को कांग्रेस द्वारा काट दिया गया। लेख के अनुसार, उनसे पूछा गया पहला सवाल “राहुल गांधी जो कि लगातार जातीय और सामाजिक विभेद के खिलाफ आवाज उठाते हैं, वह गुजरात में अपने माथे पर भस्म लगाते हैं और कश्मीर का दौरा करते समय कुफ़ी (पारंपरिक मुस्लिम टोपी) पहनते हैं क्यों? “, जबकि कांग्रेस अध्यक्ष से पूछा गया दूसरा प्रश्न था, “कांग्रेस, जो कि गर्व करती है कि उसने कई दशकों तक भारत पर राज किया। तब जो विकास और कल्याण के काम नहीं हो पाए थे। क्या वह अब किए जाएंगे? ”

माय नेशन के इस लेख के साथ इसके दावे की पुष्टि करने वाला कोई वीडियो नहीं था। तुरंत ही यह लेख, सोशल मीडिया में प्रसारित होने लगा। इसे शेयर करने वालों में आरबीआई के अतिरिक्त निदेशक गुरुमूर्ति भी थे, जो कई बार अफवाहों के भ्रम में आ चुके हैं।

फर्जी समाचार वेबसाइट पोस्टकार्ड न्यूज़ भी इसे शेयर करने में अग्रणी रहा। पोस्टकार्ड न्यूज़ के “घातक दुबई” (Deadly Dubai) शीर्षक लेख में भी वही दावा था कि प्रसारण इसलिए रोक दिया गया क्योंकि राहुल गांधी 14-वर्षीया-लड़की को जवाब नहीं दे पाए।

तीन साल पुरानी तस्वीर

ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि इस दावे की उत्पत्ति एक तमिल वेबसाइट से हुई जहां से इसे माय नेशन, फिर पोस्टकार्ड न्यूज़राइटलॉग (Rightlog) ने उठाया। एक लड़की की तस्वीर सभी लेखों और सोशल मीडिया पोस्टों में प्रसारित की गई थी।

रिवर्स इमेज सर्च का उपयोग करके ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि यह तस्वीर 3 साल पुराने “बेटी बचाओ सिद्धि बागवे का प्रभावशाली भाषण” (SAVE GIRL CHILD Powerful Speech by SIDDHI BAGWE) शीर्षक वाले एक यूट्यूब वीडियो से ली गई थी। इसके विवरण के अनुसार, मुंबई के उपनगर विक्रोली स्थित संत जोसेफ हाईस्कूल में यह वीडियो बनाया गया था।

सच क्या है?

माय नेशन का लेख कहता है, “एक सम्मेलान में राहुल गाँधी वहां मौजूद भारतीयों को संबोधित किया और लोगों से सवाल पूछने को कहा।तभी 14 साल की एक लड़की ने सवाल पूछने के ले अपना हाथ उठाया। राहुल गांधी ने अपने वालंटियर को इशारा दिया कि वह माइक उसे दे दे…”। ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि राहुल गांधी ने एक स्टेडियम में एक सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित किया, और दो अन्य कार्यक्रम जिनमें वे बोले, वे थे- एक, विश्वविद्यालय के छात्रों को तथा दूसरा, लेबर कैम्प में कामगारों को। स्टेडियम वाले कार्यक्रम में उन्होंने भाषण दिया और कोई सवाल नहीं लिया, जबकि विश्वविद्यालय के छात्रों से चर्चा में उन्होंने पहले छात्रों से सवाल लिए फिर कार्यक्रम के अंत तक उन्हें संक्षेप में संबोधित किया। लेबर कैम्प की अपनी चर्चा में उन्होंने लोगों को संबोधित किया और तब सभा में उपस्थित लोगों की समस्याएं सुनीं।

स्टेडियम में अप्रवासी भारतीयों से उनकी चर्चा का लाइव प्रसारण हुआ और इसका वीडियो भी उपलब्ध है। इस चर्चा में राहुल गांधी ने लोगों से कोई सवाल नहीं लिया और अपना भाषण समाप्त करके वे निकल गए। दर्शकों से बातचीत का एकमात्र प्रमाण तब मिलता है जब वह आंध्र प्रदेश की एक महिला को संदर्भित करते हैं, जो दर्शकों में रही होगी, और कांग्रेस के सत्ता में आने पर आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने का वादा करते हैं।

राहुल गांधी की दूसरी चर्चा विश्वविद्यालय के छात्रों से आईएमटी दुबई विश्वविद्यालय में हुई थी। इस चर्चा में राहुल गांधी ने छात्रों से सवाल लिए और संक्षेप में छात्रों को संबोधित किया। पूरा कार्यक्रम बिना किसी बाधा के लाइव प्रसारित हुआ और 14-वर्षीया-लड़की के सवाल, जैसा कि माय नेशन के लेख में दावा किया गया, इस सत्र में नहीं था।

लेबर कैम्प में हुई तीसरी चर्चा में भी किसी 14-वर्षीया-लड़की का कोई सवाल नहीं दिखा।

ये सभी कार्यक्रम मीडिया द्वारा बड़े पैमाने पर कवर किए गए, फिर भी, न तो 14-वर्षीया-लड़की द्वारा सवाल पूछने का कोई वीडियो कहीं है, और न ही किसी विश्वसनीय मीडिया प्रकाशन में इसका कोई जिक्र है। हालांकि, समर्थन में कोई वीडियो नहीं होने से यह दावा प्रथम दृष्टि में ही झूठा लगता है, फिर भी, ऑल्ट न्यूज़ ने इसकी आगे जांच करने का फैसला किया।

ऑल्ट न्यूज़ ने दो पत्रकारों से बात की, जिन्होंने राहुल गांधी की दुबई यात्रा को कवर किया था और उनकी सभी सार्वजनिक चर्चा में उपस्थित थे। एल्विस चुम्मर (Elvis Chummar) जो जय हिंद मिड्ल ईस्ट (Jai Hind Middle East) के प्रमुख हैं, उनमें एक पत्रकार थे। उन्होंने हमसे कहा, “यह 100% झूठी खबर है।” मनोरमा के राजू मैथ्यू ने भी ऐसा कोई सवाल उठाए जाने से इनकार किया।

बाद में ‘माय नेशन‘ ने अपनी अंग्रेजी वाले लेख में एक नया वाक्य जोड़कर अपडेट किया- “एक निजी कार्यक्रम के दौरान जिसमें राहुल गांधी ने बच्चों से चर्चा की…”। इस कहानी के पुराने संस्करण का बैकअप यहां देखा जा सकता है। वैसे, राहुल गांधी के यात्रा कार्यक्रम में ऐसा कोई कार्यक्रम नहीं था जिसमें बच्चों से चर्चा शामिल हो। केवल तीन चर्चाएं हुईं — कामगारों से लेबर कैम्प में, विश्वविद्यालय के छात्रों से और सार्वजनिक कार्यक्रम क्रिकेट स्टेडियम में।

इस भ्रामक दावे का — जिसे माय नेशन के संपादक अभिजीत मजुमदार ने खुद ट्वीट किया — सोशल मीडिया में वायरल होना जारी है। कई भाजपा-समर्थक-हैंडल्स उसी संदेश के साथ इसे शेयर कर रहे हैं। इस दावे को ट्वीट करने वाले अन्य लोगों में — आशुतोष मुगलिकर जो ओपइंडिया (OpIndia) में योगदान देते हैं, और गौरव प्रधान जिन्हें कई बार गलत सूचना फैलाते हुए हमने दिखलाया है — शामिल हैं।

हमने पिछले समय में, राजनीतिक प्रचार के कई उदाहरण देखे हैं, जब किसी झूठे संदेश को आगे बढ़ाने के लिए क्लिप्ड किए हुए वीडियो शेयर किए जाते हैं। आश्चर्य की बात है कि इस बार किसी समर्थक वीडियो ना होने के बावजूद, आरबीआई के अतिरिक्त निदेशक सहित बड़ी संख्या में सोशल मीडिया हैंडल, एक ऐसी खबर पर विश्वास करने और उसे शेयर कर रहे हैं, जो सरासर झूठ है।

ऑल्ट न्यूज़ का लेख प्रकाशित होने के बाद, माई नेशन के संपादक, अभिजीत मजुमदार ने ट्वीट किया कि उनके लेख को आरथी कृष्णा के एक बयान से अपडेट किया गया है, जो इंडियन ओवरसीज़ कांग्रेस के सचिव हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि जो सवाल पूछे गए थे राहुल ने जवाब दिया था उनको। हालांकि, आरथी कृष्णा ने अपने एक ट्वीट के माध्यम से इस दावे का खंडन किया और कहा कि उन्हें गलत बताया गया था और इस तरह के कोई सवाल नहीं पूछे गए थे।

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