28 मार्च को न्यूज़ नेशन समेत कई मीडिया आउटलेट्स ने एक ख़बर चलाई कि महाराष्ट्र के मलंग गढ़ में मुस्लिम समुदाय के लोग मंदिर में घुसकर अल्लाह-ओ-अकबर चिल्लाने लगे. न्यूज़ नेशन ने इस ब्रॉडकास्ट में 4 मिनट 13 सेकंड पर 2 निर्माणों की तरफ़ इशारा करते हुए दावा किया कि बायीं तरफ़ बाबा मलंग की दरगाह है और दायीं तरफ़ मच्छिंद्रनाथ समाधि है.

ऑल्ट न्यूज़ ने 6 अप्रैल को न्यूज़ नेशन के मुख्य संपादक संजय कुलश्रेष्ठ, महाराष्ट्र के ब्यूरो चीफ़ विकास श्रीवास्तव और रिपोर्टर पंकज मिश्रा से बात की. संजय कुलश्रेष्ठ ने हमसे बात करने से इनकार कर दिया और न्यूज़ नेशन के सभी प्लेटफ़ॉर्म्स से चुपचाप ये ब्रॉडकास्ट हटा लिया गया. ये वीडियो आप नीचे देख सकते हैं. ऐंकर को कहते सुना जा सकता है, “पहाड़ी पर ये मलंग गढ़ बना हुआ है, और खासतौर पर यहां बाबा मलंग की मज़ार है, और इसी के बगल में लगकर है मच्छिंद्रनाथ जी की समाधी. मतलब यहां हिन्दू और मुस्लिम दोनों समुदायों ने मिलकर शिरकत की थी.”

न्यूज़ नेशन का वो ट्वीट जो बाद में डिलीट कर दिया गया.

क्या है मामला?

ऑल्ट न्यूज़ ने 3 अप्रैल को अपनी रिपोर्ट में पाया था कि मुस्लिम समुदाय के लोग 28 मार्च को वाकई एक आरती के दौरान घुसे थे. उस दिन मुस्लिम त्यौहार शब-ए-बारात भी मनाया जा रहा था. लेकिन मुस्लिम समुदाय के लोग किसी मंदिर में नहीं घुसे थे.

ये विवाद हाजी मलंग में हुआ जिसे भारत सरकार ने दरगाह के तौर पर मान्यता दी हुई है. शिव सेना ने 1986 में दावा किया कि ये जगह 700 वर्ष पुराना मच्छिंद्रनाथ मंदिर है. उसके बाद से ही कई हिन्दू इस जगह को मंदिर के तौर पर मानने लगे. सुप्रीम कोर्ट ने 1954 और 1968 में इसे दरगाह माना था. इस मामले पर फ़ैसला आना अभी बाकी है.

न्यूज़ नेशन ने दुकान को मच्छिंद्रनाथ समाधि बता दिया

न्यूज़ नेशन ने जो विज़ुअल दिखाया वो न ही हाजी मलंग है और न ही मच्छिंद्रनाथ की समाधि. हमने हाजी मलंग बाबा दरगाह ट्रस्ट के चेयरमैन नासिर खान के बेटे रिज़वान खान के बेटे से संपर्क किया. उन्होंने हमें बताया:

1. हाजी मलंग दरगाह नहीं, बल्कि न्यूज़ नेशन ने बख्तियार शाह बाबा दरगाह दिखाया.

2. न्यूज़ नेशन ने जिसे मच्छिंद्रनाथ समाधि बताया वो असल में एक दुकान है.

बायीं ओर बना निर्माण: बख्तियार शाह बाबा दरगाह

गूगल मैप्स पर ये जगह देखी जा सकती है. गुम्बद वाली जगह को बख्तियार शाह बाबा दरगाह के तौर पर चिन्हित किया गया है.

नीचे की गयी तुलना में न्यूज़ नेशन द्वारा दिखाये गये विज़ुअल और गूगल मैप्स पर इस जगह के बीच समानता देखी जा सकती है.

लेकिन दोनों समुदायों का विवाद यहां से ऊंची जगह पर स्थित हाजी मलंग दरगाह में हुआ था. नीचे इस जगह को गूगल मैप्स पर देख सकते हैं.

लाल निशान: बख्तियार शाह बाबा दरगाह
हरा निशान: हाजी मलंग दरगाह

रिज़वान खान ने बख्तियार शाह बाबा दरगाह की और भी तस्वीरें हमारे साथ शेयर कीं. इसमें से एक तस्वीर दूर से खींची गयी है और दूसरी पास से, जिसमें नीला ढांचा भी नज़र आ रहा है.

दायीं तरफ़ बना ढांचा: दुकान

न्यूज़ नेशन ने बख्तियार शाह बाबा दरगाह में बनी इस नीली झोपड़ी को मच्छिंद्रनाथ की समाधि बताई थी. लेकिन ये दरगाह के बगल में बनी एक दुकान है. इस दुकान के मालिक मोइद्दीन अब्बा मोहम्मद शेख ने ऑल्ट न्यूज़ को बताया, “मैंने न्यूज़ नेशन का वीडियो देखा. मैं विश्वास के साथ कहता हूं कि चैनल ने जो नीली झोपड़ी दिखाई है वो मेरी ही दुकान है.”

मोइद्दीन फ़िलहाल अपने घर, केरल में हैं. उनके भतीजे अल्ताफ़ ने हमें एक वीडियो भेजा जिसमें वो बता रहे हैं, “ये पीछे शेड मेरे मामा मोइद्दीन अब्बा शेख की फूल की दुकान है. ये जो सामने दिख रही है ये हाजी बख्तियार शाह बाबा, हाजी मलंग का पहली दरगाह, पहली सलामी है. न्यूज़ ने 31 मार्च को जो दुकान के बारे में बताया है, वो इसी दुकान के बारे में बताया है. उस वीडियो में 4 मिनट 20 सेकंड से लेकर 4 मिनट 33 सेकंड तक जिस समाधि का नाम बताया है वो बिल्कुल ग़लत रिपोर्ट है जो हमारी दुकान को समाधि के नाम से बताया है.”

न्यूज़ नेशन ने 28 मार्च को हाजी मलंग दरगाह में हिन्दू और मुस्लिम समुदाय के बीच हुए विवाद पर रिपोर्टिंग करते हुए अपने ब्रॉडकास्ट में दो जगहें ग़लत बताई. चैनल ने बख्तियार शाह बाबा दरगाह को हाजी मलंग और बगल में बनी दुकान को मच्छिंद्रनाथ की समाधि बता दी. पिछले साल दिल्ली का निजामुद्दीन जब कोविड-19 हॉटस्पॉट बना था तब TV9 भारतवर्ष ने मरकज़ की ईमारत के ग्राउंड फ़्लोर को ‘अंडरग्राउंड सुरंग’ बता दिया था.

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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.