जन अधिकार पार्टी के नेता राजेश रंजन ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ एक व्यक्ति के तस्वीर शेयर की. उन्होंने दावा किया कि ये वही विकास दुबे है जिसकी गिरफ़्तारी के प्रयास के दौरान आठ पुलिसकर्मियों की गोली मार कर हत्या कर दी गयी. राजेश रंजन ने फ़ेसबुक और ट्विटर दोनों पर ये तस्वीर शेयर कीं और लिखा, “यह जो फूल दे रहा है, यही वह कुख्यात है जिसने आठ पुलिसकर्मियों को सरेआम भून दिया…”

योगेश शुक्ला, जो खुद को कांग्रेस पार्टी के एग्ज़ीक्यूटिव मेंबर बताते हैं, उन्होंने दावा किया कि 8 पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाला शख़्स भारतीय जनता पार्टी का नेता है. उन्होंने लिखा, “यह है कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों को मारने वाला भाजपा नेता योगी जी का चेला विकास दुबे…”

इंडिया टीवी के ऐंकर सुशांत सिन्हा ने एक दूसरी तस्वीर शेयर की, जिसे बाद में उन्होंने डिलीट कर दिया. उन्होंने इस तस्वीर को ट्वीट करते हुए भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को टैग किया और लिखा, “बीजेपी जब विकास की बात करती थी तो वो विकास दुबे की बात करती थी क्या @JPNadda जी? शहीद पुलिसवालों के परिवारों को इस तस्वीर पर कोई सफाई के पाएंगे?”

सपा नेता अली खान महमूदाबाद ने योगी आदित्यनाथ और गृह मंत्री अमित शाह के साथ उस व्यक्ति की तस्वीरें शेयर की थीं, जिसे बाद में डिलीट कर लिया गया.

ऑल्ट न्यूज़ को इस तस्वीर की पड़ताल की रिक्वेस्ट भी मिली हैं.

तस्वीर में दिखने वाला शख्स भाजपा नेता विकास दुबे नहीं

तस्वीरों में दिख रहे व्यक्ति कानपुर के लोकल भाजपा नेता हैं. इत्तेफ़ाक से, उनका भी नाम विकास दुबे है. उन्होंने इस ग़लत जानकारी को ख़ारिज करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया. एक वीडियो स्टेटमेंट में वो कहते हैं, “मैं पंडित विकास दुबे, कानपुर, बुंदेलखंड का भारतीय जनता पार्टी का क्षेत्रिय अध्यक्ष हूं. कुछ अराजक तत्व द्वारा फ़ेसबुक व ट्विटर पर अपराधी विकास दुबे के साथ मेरा नाम जोड़ा जा रहा है. ऐसे लोगों के खिलाफ मैं सख्त से सख्त कार्रवाई करते हुए मुकदमा लिखाने जा रहा हूं.”

बीजेपी नेता विकास दुबे ने शेयर की गयी गलत जानकारियों की कुछ पोस्ट की तस्वीरें भी शेयर कीं.

अफवाहों से बचे
जो भी लोग आज पुलिस के साथ बदमाशों की हुई मुठभेड़ में उनकी शहादत को नमन करने की बजाय घटिया राजनीति करने का…

Posted by Pandit Vikas Dubey Bjym on Thursday, 2 July 2020

इसके अलावा आरोपी विकास दुबे और भाजपा नेता के चेहरे की बनावट कहीं से मेल नहीं खाती.

गैंग्स्टर विकास दुबे, हिस्ट्रीशीटर को पहले भी कई बार गिरफ़्तार किया गया था, लेकिन दोष साबित नहीं हो पाने के कारण वो बचता रहा. 3 जुलाई की अल सुबह यूपी पुलिस ने विकास दुबे को गिरफ़्तार करने की कोशिश की लेकिन वहां हुई मुठभेड़ में 8 पुलिसवालों की जान चली गयी. NDTV के अनुसार, 2001 में BJP नेता संतोष शुक्ला के मर्डर का आरोप भी दुबे पर लगाया गया था लेकिन बाद में उसे बरी कर दिया गया. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, विकास दुबे ने बहुजन समाजवादी पार्टी ज्वाइन की थी और नगर पंचायत के मेंबर के रूप में चुना गया था. एक तस्वीर सामने आयी है, जिससे मालूम चलता है कि विकास दुबे की पत्नी ऋचा दुबे सपा के टिकट से ज़िला पंचायत का चुनाव लड़ रही थीं. न्यू इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, वो 2015 में उपचुनाव जीती थीं.

इस तरह भाजपा नेता विकास दुबे को गलत तरीके से कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या का आरोपी विकास दुबे बताया गया.

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About the Author

Pooja Chaudhuri is a researcher and trainer at Bellingcat with a focus on human rights and conflict. She has a Master's in Data Journalism from Columbia University and previously worked at Alt News.