सोशल मीडिया पर चार तस्वीरों का एक कोलाज काफी वायरल है. दावा किया जा रहा है कि ये राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, PM नरेंद्र मोदी, महाराष्ट्र के CM एकनाथ शिंदे और उत्तर प्रदेश के CM योगी आदित्यनाथ की युवावस्था की तस्वीरें हैं. वायरल दावे में ये बताने की कोशिश की गई है कि ये चारों व्यक्ति सीधे-सादे बैकग्राउंड से आते हैं और इसके बावजूद इन्होंने उच्च स्तर की सफलता हासिल की.

एकनाथ शिंदे की कथित तस्वीर में उन्हें एक सजे हुए ऑटो रिक्शा के सामने देखा जा सकता है. सबको पता है कि राजनीति में आने से पहले एकनाथ शिंदे अपने परिवार का पालन करने के लिए ऑटोरिक्शा चलाते थे. नरेंद्र मोदी के युवावस्था की कथित तस्वीर में उन्हें फ़र्श पर झाडू लगाते हुए देखा जा सकता है. द्रौपदी मुर्मू की कथित तस्वीर में साड़ी पहने एक युवा महिला को हेडगियर पहने हुए दिखाया गया है. और योगी आदित्यनाथ की तस्वीर में उन्हें भगवा कपड़े पहने एक मंच पर ध्यान करते हुए दिखाया गया है. इन सभी तस्वीरों के नीचे तेलुगु में व्यक्तियों के नाम भी लिखे गए हैं.

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तेलुगु न्यूज़ आउटलेट हैशटैग यू ने 27 जुलाई को एक आर्टिकल पब्लिश किया जिसमें यही दावा किया गया.

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इस कोलाज को कई बार ट्विटर पर शेयर किया गया है. फ़िल्म मेकर सुभाष घई ने भी इसे शेयर किया है. (पहला लिंक, दूसरा लिंक, तीसरा लिंक, चौथा लिंक, पांचवां लिंक, छठा लिंक)

कंगना रनौत ने भी ये तस्वीरें अपने इन्स्टाग्राम स्टोरी के रूप में शेयर करते हुए लिखा, “इसी को तो कहते हैं लोकतंत्र के अच्छे दिन.”

एकनाथ शिंदे की कथित तस्वीर को अलग से भी शेयर किया गया है. इन ट्वीट्स के रिप्लाई में लोग मान रहे हैं कि ये एकनाथ शिंदे ही हैं.(पहला लिंक, दूसरा लिंक, तीसरा लिंक, चौथा लिंक)

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फ़ैक्ट-चेक

पहली तस्वीर: ऑटोरिक्शा के सामने खड़े एकनाथ शिंदे

ट्विटर पर हमें कई ऐसे कमेंट्स मिले, जिनमें दावा किया गया था कि तस्वीर में दिख रहे शख्स असल में महाराष्ट्र रिक्शा पंचायत के अध्यक्ष बाबा कांबले हैं.

इसे ध्यान में रखते हुए हमने गूगल पर एक की-वर्ड्स सर्च किया. हमने देखा कि कई प्रमुख मीडिया आउटलेट्स ने बताया है कि वायरल तस्वीर में दिख रहे व्यक्ति एकनाथ शिंदे नहीं बल्कि बाबा कांबले हैं.

नीचे बाबा कांबले से बात करते हुए आज तक की एक वीडियो रिपोर्ट है जिसमें उन्होंने तस्वीर की सच्चाई बताई है.

ऑल्ट न्यूज़ ने बाबा कांबले से संपर्क किया. उन्होंने हमें बताया कि ये तस्वीर असल में उन्हीं की है. उन्होंने आगे कहा, “ये तस्वीर 1997 में ली गई थी. उस वक्त, हमने रात में यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए पिंपरी-चिंचवड़ में रात-रानी रिक्शा स्टैंड बनाया था. ये तस्वीर श्रावण मास के दौरान ली गई थी. इस दौरान हम आमतौर पर पूजा करते हैं और अपने रिक्शा को सजाते हैं. जिस वक्त ये तस्वीर ली गई थी, मैंने भी अपने रिक्शे को सजाया था.”

हमें 22 जुलाई, 2022 को ‘महाराष्ट्र रिक्षा पंचायत पुणे‘ द्वारा पोस्ट की गई ये तस्वीर मिली जो बाबा कांबले की बातों की पुष्टि करती है.

पोस्ट के कैप्शन का अनुवाद- “ये तस्वीर महाराष्ट्र रिक्शा पंचायत के संस्थापक-अध्यक्ष और मजदूर नेता बाबा कांबले की है, बाबा कांबले 1997 में रिक्शा चलाते हुए और पिंपरी के रातरानी रिक्शा स्टैंड पर श्रावण के महीने में रिक्शा की पूजा करते हुए.”

महाराष्ट्र रिक्षा पंचायत संस्थापक अध्यक्ष कष्टकऱ्यांचे नेते बाबा कांबळे यांचा रिक्षा सोबत फोटो रिक्षा चालवताना 19 97…

Posted by महाराष्ट्र रिक्षा पंचायत पुणे on Friday, 22 July 2022

इस तरह ये साफ है कि तस्वीर में दिख रहे शख्स एकनाथ शिंदे नहीं बल्कि महाराष्ट्र रिक्शा पंचायत के अध्यक्ष बाबा कांबले हैं.

दूसरी तस्वीर: झाड़ू लगाते युवा पीएम मोदी

गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमने देखा कि झाड़ू लगाते हुए पीएम मोदी की कथित तस्वीर 2014 के लोकसभा चुनावों के बाद से इंटरनेट पर वायरल थी.

ऑल्ट न्यूज़ ने 2019 में इसी तस्वीर की पड़ताल की थी. उस वक्त एक प्रमुख समाचार चैनल, इंडिया TV ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन पर स्पेशल 20 मिनट के अपने शो ‘अनहर्ड स्टोरीज ऑफ़ पीएम नरेंद्र मोदी’ में इस तस्वीर को प्रसारित किया था.

2016 में दायर एक RTI याचिका से पता चला कि तस्वीर फ़र्ज़ी थी. जनता का रिपोर्टर के मुताबिक, RTI के जवाब में लिखा था, “… मांगी गई जानकारी रिकॉर्ड का हिस्सा नहीं है. ये ध्यान दिया जा सकता है कि उक्त तस्वीर को एडिट किया गया है और तस्वीर में मौजूद व्यक्ति श्री नरेंद्र मोदी नहीं हैं.” नीचे ABP लाइव की रिपोर्ट का एक स्क्रीनग्रैब है.

असली तस्वीर यहां देखी जा सकती है जिसमें एक व्यक्ति ने झाड़ू पकड़ा है. इस तरह, नरेंद्र मोदी की कथित तस्वीर असल में एडिट की गई है.

तीसरी तस्वीर: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के युवावस्था की तस्वीर

तस्वीर की क्वालिटी देखकर ऐसा लगता है कि ये हाल ही में खिंची गई है. जांच के लिए हमने एक गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें न्यूज़18 के 23 जुलाई का एक आर्टिकल मिला जो द्रौपदी मुर्मू के बारे में था. इस आर्टिकल में यही तस्वीर थी. आर्टिकल के मुताबिक, तस्वीर में दिख रही महिला उपरबेड़ा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सफाई कर्मचारी सुकुमार टुडू है. यहां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का जन्म हुआ था.

इस तरह ये साफ़ है कि तस्वीर में दिख रही महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू नहीं है.

चौथी तस्वीर: युवा योगी आदित्यनाथ

गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर ऑल्ट न्यूज़ ने देखा कि इस तस्वीर में दिख रहे व्यक्ति असल में योगी आदित्यनाथ ही हैं. इस तस्वीर का इस्तेमाल कई प्रमुख मीडिया आउटलेट्स ने योगी को प्रोफ़ाइल करते हुए किया है. मुंबई मिरर का मैस्कॉट ऑफ़ हिंदुत्व एंड मैन ऑफ़ इंटरग्रिटी नामक आर्टिकल उनमें से एक है. ये आर्टिकल योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त होने से कुछ दिन पहले 19 मार्च, 2017 को पब्लिश हुआ था.

हमें इस घटना की दूसरी तस्वीर भी मिली जिसे अलग ऐंगल से खिंचा गया था. इस तस्वीर को 2020 में ट्विटर पर शेयर करते हुए एक यूज़र ने लिखा कि उन्हें ये तस्वीर गोरखनाथ मठ के रिकॉर्ड में मिली.

कुल मिलाकर, कोलाज में इस्तेमाल की गई चार तस्वीरों में से तीन तस्वीरें जो कथित तौर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के युवावस्था की बताई जा रही थी वो फर्ज़ी हैं. सिर्फ योगी आदित्यनाथ की तस्वीर ही असली है.

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About the Author

Student of Economics at Presidency University. Interested in misinformation.