एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. इस वीडियो में घने बादलों के बीच बवंडर जैसा कुछ दिख रहा है. साथ ही तेज़ हवा की वजह से आस-पास धुआं जैसा है. बैकग्राउंड में किसी शख्स की आवाज़ भी आ रही है जो ये दृश्य देखकर हैरानी जता रहा है. ये वीडियो शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि इलाहाबाद के संगम में बादल गंगा नदी से पानी ले जा रहा है.
सुधीर श्रीवास्तव नाम के यूज़र ने वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा “इलाहाबाद के संगम में गंगा से बादल पानी ले जाते हुए यह पहली बार हुआ है। प्रकृति का अद्भुत दृश्य देखें” (आर्काइव लिंक)
इलाहाबाद के संगम में गंगा से बादल पानी ले जाते हुए यह पहली बार हुआ है।
प्रकृति का अद्भुत दृश्य देखें….
हर हर महादेव🙏 pic.twitter.com/0wJQ3UUX0C— सुधीर श्रीवास्तव (सोनू) (@sudhirshiv567) August 1, 2022
अमित नाम के एक यूज़र ने वीडियो के कुछ फ़्रेम्स को ट्वीट करते हुए ऐसा ही दावा किया. (आर्काइव लिंक)
इलाहाबाद के संगम में गंगा से बादल पानी ले जाते हुए यह पहली बार हुआ है।
प्रकृति का अद्भुत दृश्य देखें….
हर हर महादेव pic.twitter.com/mIQ1u6kYwX— अमित (@Am_du1) August 1, 2022
राकेश कुमार पांडे नाम के यूज़र ने फ़ेसबुक पर ये वीडियो पोस्ट करते हुए ऐसा ही दावा किया.
ये वीडियो इसी दावे के साथ 2018 से फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर वायरल है.
ट्विटर यूज़र सतवीर सिंह ने वीडियो 2018 में ट्वीट करते हुए ऐसा ही दावा किया था. (आर्काइव लिंक)
इलाहाबाद के संगम में गंगा से बादल पानी ले जाते हुए प्रकृति का अद्भुत दृश्य pic.twitter.com/Haiebcc0q4
— SATVEER SINGH (@actorsatveersin) July 27, 2018
फ़ैक्ट-चेक
ऑल्ट न्यूज़ ने वायरल वीडियो के फ़्रेम को रीवर्स इमेज सर्च किया. हमें पुणे मिरर और TOI+ के जून 2018 के ट्वीट्स मिलें. इन ट्वीट्स में वीडियो के साथ लिखा था कि महाराष्ट्र में टॉर्नेडो जैसी स्थिति देखने को मिली.
#Tornado witnessed in #Maharashtra for the first time!! https://t.co/RWrBXuo6x7 pic.twitter.com/TfTFiWWNeX
— Pune Mirror (@ThePuneMirror) June 9, 2018
की-वर्ड्स सर्च करने पर हमें पुणे मिरर की 9 जून 2018 की रिपोर्ट मिली. इस आर्टिकल के मुताबिक, पुणे के नाज़रे बांध के पास रणमाला गांव में 8 जून 2018 को टॉर्नेडो जैसी स्थिति देखी गई. इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद 9 जून 2018 को सेंटर फ़ॉर सिटिज़न साइंस (सीसीएस) की तीन सदस्यीय टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर इसकी जांच की और 10 से अधिक चश्मदीदों से इसके बारे में पूछताछ की. टीम ने इससे जुड़ी कई जानकारी जुटाई और घटना के समय मौजूद लोगों द्वारा रिकार्ड किये गए वीडियोज़ और तस्वीरें भी इकट्ठा की.
ऑब्ज़र्वेशन और वीडियो रिकॉर्ड के आधार पर, टीम ने प्राथमिक निष्कर्ष में कहा कि टॉर्नेडो की अवधि लगभग 90 से 120 सेकंड थी. इसने पानी और ज़मीन सहित लगभग 800 से 1,000 मीटर की दूरी तय की थी. सीसीएस के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. जे आर कुलकर्णी ने कहा, “मामले का ऑब्ज़र्वेशन करने पर हमारी टीम ने निष्कर्ष निकाला कि टॉर्नैडो F0 से F5 (फुजिता स्केल) की तीव्रता से आगे बढ़ा था.
कुल मिलाकर, 2018 में पुणे के रणमाला गांव में आए टॉर्नैडो का वीडियो शेयर करते हुए कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने भ्रामक दावा किया कि इलाहाबाद के संगम में बादल गंगा नदी से पानी ले जा रहा है.
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