सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें काफ़ी वायरल हैं. इन तस्वीरों में एक महिला चोटिल दिखती है. बाकी तस्वीरों में महिला को डंडे से पीटा गया है वहीं तीसरी तस्वीर में महिला के आस-पास पुलिस खड़ी है. ये तस्वीरें 2016 में मैनपुरी ज़िले में हुई घटना की बतायी गयी हैं. आरोप है कि समाजवादी पार्टी के नेता ने इस लड़की की पिटाई की थी लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के दवाब में आरोपी को गिरफ़्तार नहीं किया गया था.
बता दें कि उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के दौरान, समाजवादी पार्टी की महिला कार्यकर्ता के साथ बदसुलुकी की गई थी. इस मामले में 6 पुलिसकर्मियों को सस्पेन्ड कर दिया गया. वहीं इस मामले के 1 आरोपी को गिरफ़्तार भी किया गया. दूसरे आरोपी की तलाश में पुलिस जुटी है. समाजवादी पार्टी ने भाजपा पर अपने कार्यकर्ताओं को नामांकन नहीं भरने देने और उनका पर्चा फाड़ देने के आरोप लगाए हैं. समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने पंचायत चुनाव में हिंसा पर योगी सरकार पर निशाना साधा था.
भाजपा उत्तर प्रदेश की प्रदेश महामंत्री प्रियंका सिंह रावत ने ये तस्वीरें ट्वीट करते हुए लिखा, “2016 में ये था समाजवादी पार्टी का गुंडाराज…घटना मैनपुरी ज़िले की है बीच सड़क पर समाजवादी पार्टी नेता ने लड़की को पीटा था और पुलिस तमाशबीन बनी रही थी।मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के दबाव से इस गुंडे की गिरफ्तारी नही हुई थी। जिनके घर खुद शीशे के हो दूसरो पर पत्थर नहीं फेंका करते।”. आर्टिकल लिखे जाने तक इस ट्वीट को 2,647 बार रीट्वीट किया गया है. (आर्काइव लिंक)
कन्नौज ज़िला के छिबरामऊ से भाजपा विधायक अर्चना पांडेय ने भी ये तस्वीरें इसी दावे के साथ पोस्ट की हैं.
ट्विटर हैन्डल ‘@Utmostultimate’ ने भी ये तस्वीरें इसी दावे के साथ ही ट्वीट की हैं.
फ़ेसबुक और ट्विटर पर ये तस्वीरें वायरल हैं.
फ़ैक्ट-चेक
इन तस्वीरों की जांच ऑल्ट न्यूज़ ने मई 2020 में की थी जब इसे CAA प्रदर्शन से जोड़कर शेयर किया गया था. इस बात में कोई 2 राय नहीं है कि ये तस्वीरें 2016 में मैनपुरी में हुई एक घटना से संबंधित हैं.
22 दिसम्बर 2016 के स्कूप व्हूप के आर्टिकल के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में एक महिला से पहले तो कुछ लोगों ने छेड़खानी की और जब महिला और उसके पति ने इसके खिलाफ़ आवाज़ उठाई तो महिला को बुरी तरह से पीटा गया. ये घटना 19 दिसम्बर 2016 को हुई थी जब वंदना तिवारी और अश्विन तिवारी किसी से रास्ता पूछ रहे थे. उस वक़्त कुछ लोगों ने वंदना से छेड़खानी की. इन लोगों ने वंदना के बारे में कुछ भद्दे कमेंट्स किये और बाद में उनका दुपट्टा छीनने की कोशिश की. ‘NDTV’ की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने 1 व्यक्ति को गिरफ़्तार किया और बाकी के लोगों की तलाश जारी थी.
दैनिक भास्कर ने रिपोर्ट किया था कि इस मामले में किशनी थाना के इंस्पेक्टर लक्ष्मण सिंह ने आनंद यादव और 2 अज्ञात लोगों के खिलाफ़ मामला दर्ज कर लिया था. इसमें से मुख्य आरोपी आनंद को गिरफ़्तार कर लिया गया था.
ऑल्ट न्यूज़ ने इस घटना की और भी कई रिपोर्ट्स देखीं. लेकिन रिपोर्ट्स में इस मामले के आरोपियों के किसी भी राजनीतिक दल से जुड़े होने की बात नहीं बताई गई है.
इस तरह, 2016 में हुई छेड़खानी की घटना की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हैं. इन तस्वीरों को भाजपा नेता और समर्थकों ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए शेयर किया कि अखिलेश यादव के शासन के दौरान, समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता महिलाओं से ऐसा व्यवहार कर रहे थे.
तस्वीर 2015 की और पटियाला की, सोशल मीडिया पर हाल की बताकर चंडीगढ़ पुलिस की आलोचना के साथ शेयर :
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