सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल है जिसमें एक पुलिसकर्मी कंधे पर लाश उठाकर ले जा रहा है. दावा है कि परिवारवालों द्वारा लाश को हाथ लगाने से इनकार करने के बाद बदायूं पुलिस का एक पुलिसकर्मी इस व्यक्ति की लाश कंधे पर उठाकर ले गया. यूपी विधानसभा सदस्य और कांग्रेस विधायक आराधना मिश्रा ने ये तस्वीर इसी दावे के साथ ट्वीट की. (आर्काइव लिंक)

आराधना मिश्रा ने ये तस्वीर फ़ेसबुक पर भी पोस्ट की है.

ट्विटर और फ़ेसबुक पर ये तस्वीर वायरल है.

ट्विटर हैन्डल ‘@TarunJhanjher’ ने ये तस्वीर बदायूं के एसआई प्रशांत सिंह की बताते हुए ट्वीट की है.

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फ़ैक्ट-चेक

वायरल तस्वीर के बारे में बदायूं पुलिस ने ट्वीट करते हुए बताया कि ये तस्वीर पुरानी है.

आगे, की-वर्ड्स सर्च करने पर हमें एक रिपोर्ट मिली जिससे मालूम पड़ा कि ये तस्वीर 11 महीने पुरानी है.

इसके अलावा, ट्विटर यूज़र सचिन कौशिक ने तस्वीर की हकीकत बताते हुए लिखा, “जिन तस्वीरों को बदायूँ का बताया जा रहा है,वो आगरा के थाना फतेहपुर सीकरी की हैं और पिछले वर्ष सर्दियों की हैं। ये तस्वीरें #COVID19 की भी नहीं बल्कि उससे पूर्व की हैं। SI प्रशांत व का०अमन शव को मोर्चरी ले जाने के लिए गाड़ी तक कंधे पर लाए थे न कि अंतिम संस्कार के लिए।”. एक और ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि घटनास्थल तक गाड़ी नहीं पहुंच सकती थी इसलिए उसे 200-250 मीटर दूर रखा गया था. सचिन कौशिक ने ट्विटर बायो में ख़ुद को पुलिसकर्मी बताया है.

सचिन के ट्वीट पर एक यूज़र ने अख़बार की एक क्लिप शेयर की है जिसमें ये तस्वीर दिख रही है. अख़बार के मुताबिक, तस्वीर में दिख रहा पुलिसकर्मी आगरा के फ़तेहपुर सीकरी का एसआई प्रशांत सिंह है. वो कोरई गांव के तालाब से शव मिलने की सूचना पर पहुंचा था. अज्ञात शव का पंचनामा कर उसे मुर्दाघर ले जाने के लिए प्रशांत ने लाश को कंधे पर उठाया था क्योंकि वहां पर गाड़ी का इंतज़ाम नहीं हो पा रहा था.

हमने प्रशांत सिंह से संपर्क किया. वो फ़िलहाल आगरा के एतमादुद्दौला थाने में बतौर सब इंस्पेक्टर तैनात हैं. उन्होंने बताया कि ये तस्वीर पुरानी है और इसका कोरोना से कोई संबंध नहीं है. उन्होंने हमें इससे जुड़ा एक वीडियो भी भेजा.

कुशीनगर, उत्तर प्रदेश के डीएसपी सन्दीप वर्मा ने भी ये तस्वीर 16 मई 2021 को पोस्ट की थी. पोस्ट पर एसआई प्रशांत सिंह ने रिप्लाइ करते हुए तस्वीर को पुरानी बताया था.

 

7 अप्रैल 2020 को ये तस्वीर फ़ेसबुक पर पोस्ट की गई थी. यानी इतना साफ़ हो गया कि ये तस्वीर पुरानी है.

आज तक ने भी इस तस्वीर के बारे में एक फ़ैक्ट-चेक रिपोर्ट पब्लिश की है.

इस तरह, पुरानी तस्वीर सोशल मीडिया पर कोरोना महामारी की दूसरी लहर से जोड़कर शेयर की गई. महामारी के दूसरे दौर में देश के अलग-अलग जगहों से लाशे फेंके जाने की खबरें आ रही हैं.


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About the Author

Kinjal Parmar holds a Bachelor of Science in Microbiology. However, her keen interest in journalism, drove her to pursue journalism from the Indian Institute of Mass Communication. At Alt News since 2019, she focuses on authentication of information which includes visual verification, media misreports, examining mis/disinformation across social media. She is the lead video producer at Alt News and manages social media accounts for the organization.