इज़रायल और फ़िलिस्तीन के बीच बने हुए तनाव के बीच सोशल मीडिया पर लगातार इससे जुड़ी ख़बरें, वीडियोज़ और तस्वीरें शेयर की जा रही हैं. कई मौकों पर ये भी पाया जा रहा है कि शेयर की गयी जानकारी या दावा ग़लत या भ्रामक है. ऐसा ही एक वीडियो शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि हमास के मुर्दे भी खुजली कर रहे हैं.

कई मौकों पर ग़लत जानकारी फैलाने फैलाने X हैन्डल्स @MeghUpdates और @KreatelyMedia ने भी ये वीडियो शेयर किया.

समीरा नाम के वेरीफ़ाइड हैन्डल ने भी ये वीडियो इसे दावे के साथ शेयर किया है.

2021 में भी हुआ था वायरल

फ़ेसबुक यूज़र हीरेन सवानी ने ये वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, “मुर्दों को भी खुजली होती है, इजराइल को बदनाम करने के लिए गाजा में मुर्दों की एक्टिंग करके जमीन पर लेटे लोग अचानक अपना शरीर खुजाते हुए एक्सपोज़ हो गए क्योंकि चीटियां काट रही थी, बस इतना सा दिमाग है इन मुल्लों के पास”. (आर्काइव लिंक)

मुर्दों को भी खुजली होती है 😂
इजराइल को बदनाम करने के लिए गाजा में मुर्दों की ऐक्टिंग करने जमीन पर लेटे लोग अचानक अपना शरीर खुजाते हुए एक्सपोज हो गए क्योंकि चीटियां काट रही थी,बस इतना सा दिमाग है इन मुल्लो के पास

Posted by Hiren Savani on Sunday, 16 May 2021

फ़ेसबुक यूज़र उदय कुमार शर्मा ने भी ये वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, “मित्रों, इस्राइल को बदनाम करने के लिए मुर्दों की ऐक्टिंग करने वाले जमीन पर लेटे लोग अचानक अपना शरीर खुजाते हुए एक्सपोज हो गए क्योंकि इन्हें चीटियां काट रही थी, बस इतना ही दिमाग है इनके पास, आखिर इन मूर्खों को नेस्तनाबूद करना कितना मुश्किल होगा इस्राइल जैसे देश को???? देख सकते हैं “.

श्वेताभ पाठक ने भी ये वीडियो इज़रायल और फ़िलिस्तीन से जोड़कर शेयर किया है.

भाजपा के आशीष मेहता ने ये वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “इस्राइल को बदनाम करने के लिए मुर्दों की ऐक्टिंग करने वाले जमीन पर लेटे लोग अचानक अपना शरीर खुजाते हुए एक्सपोज हो गए क्योंकि चीटियां काट रही थी”.

ट्विटर हैन्डल ‘@MirYanaSY’ ने ये वीडियो ट्वीट किया. (आर्काइव लिंक)

फ़ेसबुक पर ये वीडियो वायरल था. व्हाट्सऐप पर भी ये वीडियो जमकर शेयर किया जा रहा था. ऑल्ट न्यूज़ के व्हाट्सऐप नंबर (7600011160) पर भी इस वीडियो के फ़ैक्ट-चेक की कई रिक्वेस्ट मिलीं थीं.

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पुराना वीडियो

वीडियो के फ़्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें 28 अक्टूबर 2013 का El-Badil Newspaper का यूट्यूब वीडियो मिला. टाइटल के मुताबिक, “अल-अज़हर विश्वविद्यालय के अंदर शवों का एक सांकेतिक प्रदर्शन”.

‘Akhbar El yom TV’ ने भी ये वीडियो 28 अक्टूबर 2013 को अपलोड किया था.

इसी आधार पर अरबी भाषा में की-वर्ड्स सर्च करने से मालूम हुआ कि ये वीडियो मिस्र की अल-अज़हर यूनिवर्सिटी का है जहां छात्रों ने मिस्र की पुलिस और सेना के ख़िलाफ़ मुर्दा बनकर विरोध प्रदर्शन किया था.

ये पहली बार नहीं है जब इस वीडियो को अलग एजेंडे के साथ शेयर किया गया हो. मार्च 2014 में मिस्र के ही एक टीवी चैनल El Balad TV ने ये वीडियो 2013 के रब्बा नरसंहार से जोड़कर चलाया था.

2018 में इसे सीरिया में हुए केमिकल हमले और फ़िलिस्तीन से जोड़कर शेयर किया गया था. मिस्र में भी ये वीडियो समय-समय पर वायरल होता रहा है. अंतर्राष्ट्रीय न्यूज़ एजेंसी AFP ने 19 अप्रैल 2021 को मिस्र में अलग दावे से वायरल इस वीडियो को भ्रामक बताया था.

इसके अलावा, सीरिया की फ़ैक्ट-चेकिंग एजेंसी वेरीफ़ाय-एसवाई, Dogrula.org, अटलांटिक काउंसिल के डिजिटल फ़ॉरेंसिक रीसर्च लैब (DFRlab) और अरबी फ़ैक्ट चेकिंग ऑर्गेनाइज़ेशन Misbar ने इस वीडियो के बारे में फ़ैक्ट-चेक रिपोर्ट्स पब्लिश की हैं.

इस तरह, ये वीडियो असल में मिस्र के अल-अज़हर यूनिवर्सिटी के छात्रों का साल 2013 में मिस्र की पुलिस व आर्मी के ख़िलाफ़ मुर्दा (सांकेतिक) के रूप में विरोध प्रदर्शन करने का है. इस वीडियो का फ़िलिस्तीन व इज़राइल से कोई संबंध नहीं है.

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Abhishek is a senior fact-checking journalist and researcher at Alt News. He has a keen interest in information verification and technology. He is always eager to learn new skills, explore new OSINT tools and techniques. Prior to joining Alt News, he worked in the field of content development and analysis with a major focus on Search Engine Optimization (SEO).