सोशल मीडिया पर समाजवादी पार्टी (सपा) के चिन्ह वाले एक कथित लिफ़ाफ़े की तस्वीर वायरल है. लिफ़ाफ़े के अंदर 500 रुपये का नोट रखा है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उत्तर प्रदेश के सोशल मीडिया सह-संयोजक शशि कुमार ने ये तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा, “समाजवादी वोट खरीदो योजना.” उन्होंने आगामी यूपी विधानसभा चुनाव से पहले ये तस्वीर शेयर की. (आर्काइव लिंक)

इसे CKMKB नामक भाजपा समर्थक फ़ेसबुक पेज ने भी पोस्ट किया जिसे आर्टिकल लिखे जाने तक 24 हज़ार से ज़्यादा बार शेयर किया जा चुका है.

कुछ यूज़र्स इस तस्वीर का एक और वर्ज़न शेयर कर रहे हैं जिसमें लिफ़ाफ़े के नीचे दाईं ओर यूपी में मेरठ के सरधना निर्वाचन क्षेत्र से SP-RLD उम्मीदवार सपा नेता अतुल प्रधान का नाम लिखा है. साथ ही लिफ़ाफ़े पर ‘मिशन 2022’ भी लिखा है.

ये तस्वीर फ़ेसबुक पर काफी वायरल है. इसके अलावा, कुछ तस्वीरों में ऐसे ही लिफ़ाफ़े पर भाजपा का निशान है.

ये तस्वीर ट्विटर पर भी शेयर की जा रही है.

फ़ैक्ट-चेक

रिवर्स इमेज सर्च करने पर ऑल्ट न्यूज़ को ये तस्वीर 2017 की पोस्ट में मिली. नीचे तस्वीर में साफ दिखता है कि लिफ़ाफ़े पर अतुल प्रधान का नाम नहीं लिखा है. यानी, वायरल पोस्ट में उनका नाम अलग से एडिट कर डाला गया है.

इस ट्वीट में लिफ़ाफ़े के सामने वाले हिस्से की तस्वीर भी शेयर की गई है. इसमें गोरखपुर के सपा नेताओं की तस्वीर और उनके नाम हैं. लिफ़ाफ़े पर पूर्व विधायक विजय बहादुर यादव और पूर्व मंत्री राम भुआल निषाद की तस्वीरें हैं.

ऑल्ट न्यूज़ ने 2017 में गोरखपुर ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र से सपा के उम्मीदवार विजय बहादुर यादव से बात की. उन्होंने बताया, “अगर लोगों को वोट के लिए रिश्वत देने के पीछे मेरा हाथ था, तो ये कैसे संभव है कि पिछले पांच सालों में इसमें कोई जांच नहीं हुई? इस शर्मनाक राजनीति के पीछे बीजेपी का हाथ है. ये पार्टी यूपी में सत्ता में है. अगर वो चाहते तो जांच करा सकते थे”, साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि लिफ़ाफ़े पर इस्तेमाल की गई उनकी तस्वीर करीब 15 साल पुरानी है.

ऑल्ट न्यूज़ को इस लिफ़ाफ़े के बारे में और कुछ जानकारी नहीं मिली. लेकिन इतना साफ है कि ये तस्वीर आगामी यूपी चुनावों से संबंधित नहीं है क्योंकि ये तस्वीर करीब 2017 से इंटरनेट पर मौजूद है. सपा और भाजपा दोनों को निशाना बनाने के लिए एक ही लिफ़ाफ़े की एडिटेड तस्वीर शेयर की जा रही है.

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About the Author

Pooja Chaudhuri is a researcher and trainer at Bellingcat with a focus on human rights and conflict. She has a Master's in Data Journalism from Columbia University and previously worked at Alt News.