भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संतोष रंजन राय ने एक महिला की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, “हाथरस वाली भौजी आज किसान बनी है…” तस्वीर में लाल पोशाक पहने महिला के पीछे सिख प्रदर्शनकारी खड़े हैं. जबलपुर की डॉक्टर राजकुमारी बंसल, जिन्हें हाथरस पीड़िता के घर में देखा गया था और लोगों ने इनके बारे में ग़लत सूचनाएं शेयर कीं थीं, पर नक्सली होने और प्रेस को गवाही देने के लिए हाथरस पीड़िता के घरवालों को बहकाने का आरोप लगाया था. उन्होंने इन आरोपों का खंडन किया था और कहा था कि वो सिर्फ़ मानवता की खातिर वहां गयीं थीं और उनका एकमात्र मकसद पीड़िता के परिवार की मदद करना था.
हाथरस वाली भौजी आज किसान बनी है…. 🤪😂 pic.twitter.com/RBNpgUu0tB
— Santosh Ranjan Rai (@SantoshRanjan_) November 29, 2020
भाजपा युवा मोर्चा इंदौर के नेता गौरव तिवारी ने भी अपने ट्वीट में यही कहा. (आर्काइव लिंक)
इसे भाजपा समर्थक शेफ़ाली वैद्या ने भी शेयर किया था. (आर्काइव लिंक)
Is this true? https://t.co/EJVqPyCOQs
— Shefali Vaidya. (@ShefVaidya) November 29, 2020
ये दावा ट्विटर और फे़सबुक पर काफ़ी वायरल है.
CAA विरोध प्रदर्शन की तस्वीर
एक कीवर्ड सर्च करने पर हमें एक ब्लॉग मिला जहां 25 सितम्बर को इस तस्वीर को अपलोड किया गया था. यहां ये तस्वीर पूरी है जिसमें और भी लोग दिख रहे हैं. इससे साबित होता है कि ये तस्वीर किसानों के आन्दोलन की तो बिल्कुल नहीं है.
पूरी इमेज को ध्यान से देखने पर पीछे दुकानों पर लिखे नाम नज़र आते हैं. हमने इससे हिंट लेते हुए इस इलाके को मैप पर जियोलोकेट किया जहां तस्वीर ली गयी है.
1. रेमंड स्टोर का बोर्ड
2. पीटर इंग्लैंड
3. पनाश (Panache) एक्ज़िबिशंस प्राइवेट लिमिटेड
4.बिल्डिंग की चार खिड़कियां
ये सभी दिल्ली के शाहीन बाग़ के कालिंदी कुंज रोड पर स्थित हैं.
(नोट: नीचे दिए गए ग्राफ़िक में 2017 की गूगल मैप तस्वीर है, तब पनाश एक्ज़िबिशंस का बोर्ड नीला हुआ करता था.)
इस तस्वीर में पीछे एक हरा टेंट भी नज़र आ रहा है. ऑल्ट न्यूज़ ने उसी रोड के नज़दीक स्थित फै़क्ट्री प्राइस शॉप के मनीष जैन से संपर्क किया. उन्होंने बताया, “फ़िलहाल शाहीन बाग़ में ऐसे मूवेबल टेंट नहीं हैं. कोविड-19 के बाद से पुलिस ने यहां विरोध करने पर प्रतिबन्ध लगाया हुआ है. आखिरी बार CAA-NRC का फ़रवरी में विरोध किया गया था.”
नागरिकता संशोधन कानून के ख़िलाफ़ शाहीन बाग़ में प्रदर्शन में कई सिखों ने भी भाग लिया था. उनमें से अधिकतर भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्रहण) के लोग थे. तस्वीर में दिख रहा हरा-पीला झंडा इसी का है. यूनियन (BKU) ने अपने फे़सबुक पेज पर 10 फ़रवरी को ये तस्वीर अपलोड की थी.
Posted by BKU-Bharti Kisan Union Ekta Ugrahan / ਭਾਰਤੀ ਕਿਸਾਂਨ ਯੁਨੀਅਨ ਏਕਤਾ ਉਗਰਾਹਾਂ on Monday, February 10, 2020
कार्यकर्ता उमर खालिद ने भी 5 फ़रवरी को BKU की तस्वीर शेयर की थी जो शाहीन बाग़ की उसी लोकेशन की है जहां की तस्वीर वायरल इमेज में है.
ऐंटी-CAA प्रोटेस्ट की फ़रवरी की एक तस्वीर लोगों ने शेयर करते हुए ग़लत दावा किया कि इसमें ‘हाथरस वाली नक्सल भाभी’ हैं और वो किसान आन्दोलन में भाग ले रही हैं. दोहरा दें कि जबलपुर की डॉक्टर राजकुमारी बंसल पर हाथरस पीड़िता की रिश्तेदार बन उन्हें गुमराह करने का आरोप लगा था जिसे उन्होंने ख़ारिज कर दिया था.
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