हाल ही में उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में नदी में कथित कोविड मरीज़ों के शव तैरते मिलने की ख़बरों के बीच एक तस्वीर शेयर की जा रही है. इसमें कई शव नदी में तैरते दिख रहे हैं और आस-पास लोगों की भीड़ और कुत्तों का झुण्ड है.

दमन और दीव कांग्रेस सेवा दल ने 12 मई को अपने ट्विटर हैंडल से ये तस्वीर शेयर की.

आम आदमी पार्टी के नेता सुशील कुमार गुप्ता ने ये तस्वीर शेयर की थी लेकिन बाद में उन्होंने इसे डिलीट कर दिया.

इसी तरह कुछ फ़ेसबुक यूज़र्स भी इस तस्वीर को हालिया समझ बैठे.

पुरानी तस्वीर

ये तस्वीर 14 जनवरी, 2015 की है. गेटी इमेजेज़ में इसके बारे में लिखा है, “उन्नाव में पेरियार के पास गंगा नदी में इंसानों की बहती लाशों को घेरे हुए जंगली कुत्ते और कौए.” इसमें ये भी लिखा है, “उत्तर प्रदेश में गंगा में दो दिन में 100 से अधिक लाशें मिलीं हैं जिसके बाद केंद्र को इसकी जांच के लिए अधिकारियों को भेजना पड़ा.” ये तस्वीर अमित यादव ने ली थी.

लाइवमिंट ने 2015 में रिपोर्ट किया था, “अधिकारियों को किसी अपराध का शक नहीं हुआ, उनके मुताबिक ये लोगों के शव हैं जिनका दाह संस्कार नदी में बहा कर किया गया. भारत में कई लोग मानते हैं कि अविवाहित लड़कियों की मौत के बाद उनके शव को जलाना नहीं चाहिए और कई गरीब लोग जो पारंपरिक दाह संस्कार का खर्च नहीं उठा सकते हैं वो भी मजबूरी में शव को नदी में बहा देते हैं.”

हालांकि ये तस्वीर पुरानी है, लेकिन गंगा में बहते 100 से ज़्यादा शवों की कई रिपोर्ट्स मिली हैं. द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक इतनी सारी लाशें एक साथ बह कर आते देख बिहार और उत्तर प्रदेश में स्थानीय लोग इस खौफ़ में हैं कि ये लाशें कोरोना मरीज़ों की हैं.

रिपोर्ट में आगे बताया गया है, “फ़िलहाल दोनों राज्यों में से किसी ने भी यह नहीं बताया है कि ये शव कोरोना मरीज़ के हैं या नहीं लेकिन कहा जा रहा है कि टेस्ट के लिए सैंपल भेज दिए गये हैं. बक्सर पुलिस ने कहा है कि उन्हें संदेह है कि ये शव उत्तर प्रदेश के गाज़ीपुर से बहकर ही बक्सर आये हैं.”

नीचे द प्रिंट की वीडियो रिपोर्ट है जिसमें बताया जा रहा है कि बिहार के चौसा में गंगा किनारे बने महादेव घाट के पास 71 शव मिले हैं.

 

द स्क्रॉल की रिपोर्ट के मुताबिक उन्नाव में गंगा किनारे रेत में दबी कई लाशें मिली हैं.


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About the Author

Pooja Chaudhuri is a researcher and trainer at Bellingcat with a focus on human rights and conflict. She has a Master's in Data Journalism from Columbia University and previously worked at Alt News.