किसान आंदोलन के दौरान हुई हिंसा से जोड़कर एक तस्वीर शेयर की जा रही है. ये तस्वीर दिल्ली पुलिस की बर्बरता बताकर में शेयर हो रही है. ट्विटर यूज़र @RaviSinghKA के इस ट्वीट को 2400 से ज़्यादा रीट्वीट्स मिले. तस्वीर पर लिखा है, “जितनी बार इस पोस्ट को डिलीट करोगे उतनी बार पोस्ट करूँगा #दिल्ली पुलिस का खौफ नाक चेहरा.”

फ़ेसबुक और ट्विटर पर ये तस्वीर इसी दावे के साथ वायरल है.

ऐंटी-CAA प्रोटेस्ट के समय से वायरल

देश की राजधानी और अन्य हिस्सों में नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच, प्रदर्शनकारियों पर पुलिस का अत्याचार दिखाते हुए ये तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही है.

तस्वीर में पुलिस को प्रदर्शनकारी के मुंह पर जूते रखे हुए देखा जा सकता है. इस तस्वीर को अशोका विश्विद्यालय के सहायक प्रोफ़ेसर अली खान महमूदाबाद ने भी शेयर किया. हालांकि, अब इस ट्वीट को डिलीट कर दिया गया है. इसके साथ दावा किया गया कि ये दिल्ली में जामिया मिलिया इस्लामिया में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस की तस्वीर है.

इस तस्वीर को कुछ अन्य यूज़र्स ने हैशटैग #JamiaMilia और #CABProtests के साथ शेयर किया.

2011 की लखनऊ की तस्वीर

ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि ये तस्वीर हाल की नहीं है और इसलिए किसान आंदोलन के दौरान दिल्ली पुलिस की बर्बरता की नहीं हो सकती.

इस तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर ऑल्ट न्यूज़ को कुछ परिणाम मिले जिनमें तस्वीर को कश्मीर का बताया गया था. हालांकि, इनमें से कोई भी वेबसाइट भरोसेमंद नहीं थी. आगे, और सर्च करने पर, हमें 2017 में प्रकाशित कैच न्यूज़ नामक वेबसाइट का एक लेख मिला. लेख में शामिल इस तस्वीर के विवरण में लिखा है, ‘2011 में आनंद भदौरिया को लखनऊ के DIG, डीके ठाकुर ने पीटा था.’

रिपोर्ट में बताया गया है कि इस तस्वीर को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में 2011 में खींचा गया था जब समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता बसपा की राज्य सरकार के खिलाफ़ प्रदर्शन कर रहे थे. सपा नेता अखिलेश यादव को गिरफ़्तार किया गया था.

कश्मीर का बताकर भी शेयर

इस तस्वीर को पाकिस्तानी सोशल मीडिया पर ग़लत तरीके से कश्मीर में भारतीय पुलिस की बर्बरता के दावे के साथ शेयर किया गया है. ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि ये तस्वीर 2013 से कश्मीर के दावे से शेयर हो रही है.

पाकिस्तानी कलाकार रबी पीरज़ादा ने भी इस तस्वीर को कश्मीर की बताकर शेयर किया था.

इस प्रकार, पुलिस अधिकारी द्वारा प्रदर्शनकारी को अपने जूते से कुचलने का प्रयास करने वाली ये तस्वीर 2011 की है. इस तरह ये न ही जामिया मिलिया इस्लामिया में नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन को दर्शाती है और न ही किसान प्रदर्शन के दौरान पुलिस की बर्बरता को.

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About the Author

Arjun Sidharth is a writer with Alt News. He has previously worked in the television news industry, where he managed news bulletins and breaking news scenarios, apart from scripting numerous prime time television stories. He has also been actively involved with various freelance projects. Sidharth has studied economics, political science, international relations and journalism. He has a keen interest in books, movies, music, sports, politics, foreign policy, history and economics. His hobbies include reading, watching movies and indoor gaming.