देश भर में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी रहने के साथ कुछ राज्यों से हिंसा की भी खबरें मिलीं। 20 दिसंबर को सिर्फ न्यूज़ के संस्थापक, प्रधान संपादक, सूरजजीत दासगुप्ता ने सिर पर चोट लगे पुलिस अधिकारियों की एक तस्वीर ट्वीट की और दावा किया, “#ISupportCAA_NRC यह अस्वीकार्य है। हमारे रखवाले तोप का चारा नहीं हैं। यह है जो तथाकथित शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों ने एक तथाकथित फासीवादी पार्टी द्वारा शासित अहमदाबाद, गुजरात में पुलिस के साथ किया।” इसे 500 से अधिक बार रिट्वीट किया गया।

ट्विटर अकाउंट @RAC7R ने भी उसी तस्वीर को पुलिसकर्मी की एक और तस्वीर के साथ पोस्ट किया।

भारतीय पुलिस सेवा के पंकज नैन ने भी इस तस्वीर को एक पुलिसकर्मी पर पथराव करते लोगों की तस्वीर के साथ ट्वीट किया, जिसे विवेक अग्निहोत्री ने भी साझा किया।

इसी तरह, कई लोगों ने सूरजजीत दासगुप्ता द्वारा ट्विटर पर साझा की गई तस्वीर पोस्ट की है। ऑल्ट न्यूज़ को व्हाट्सएप (98252 55790) और हमारे आधिकारिक मोबाइल ऐप पर तस्वीरों की तथ्य-जांच के कई अनुरोध मिले।

तथ्य-जांच

पहली तस्वीर

ऑल्ट न्यूज़ ने इस तस्वीर का गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया तो पाया कि यह तस्वीर अप्रैल 2018 से चलन में है। एक ट्विटर यूज़र @hemantp83 ने 4 अप्रैल 2018 को यही तस्वीर पोस्ट की थी। उसी पोस्ट को दिल्ली स्थित सब इंस्पेक्टर विजय पंवार (ट्विटर परिचय के अनुसार) द्वारा 2018 में रीट्वीट किया गया था।

पिछले साल से इस तस्वीर का होना इस बात का प्रमाण है कि यह CAA के खिलाफ हाल के प्रदर्शनों का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकता है।

दूसरी और तीसरी तस्वीर

ऑल्ट न्यूज़ ने गूगल पर अन्य दो तस्वीरों की रिवर्स इमेज सर्च की तो पाया कि दोनों तस्वीरें प्रामाणिक हैं। @RAC7R द्वारा पोस्ट की गई तस्वीर का उपयोग इंडिया टुडे द्वारा 19 दिसंबर के लेख में किया गया था। इस रिपोर्ट के अनुसार, यह तस्वीर अहमदाबाद के शाह-ए-आलम क्षेत्र की है जहां 19 दिसंबर को नागरिकता संशोधन अधिनियम और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन की खबर थी। इंडिया टुडे ने तस्वीर का श्रेय प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया को दिया था।

पंकज नैन द्वारा साझा तस्वीरों में से एक का उपयोग 20 दिसंबर को टाइम्स ऑफ इंडिया द्वारा प्रकाशित लेख में किया गया था। इस रिपोर्ट के अनुसार, यह भी शाह शाह-ए-आलम क्षेत्र की तस्वीर है। रिपोर्ट में कहा गया है, 12 पुलिसकर्मी और कम से कम 16 नागरिक घायल हुए।

इस प्रकार, सिर पर चोट वाले कई पुलिस अधिकारियों की तस्वीर पिछले साल, संभवतः अप्रैल 2018 में हुए जातिगत विरोध प्रदर्शन की, हरियाणा या उत्तर प्रदेश की है। इस तस्वीर को सूरजजीत दासगुप्ता (संस्थापक, प्रधान संपादक, सिर्फ न्यूज़), पंकज नैन (भारतीय पुलिस सेवा), ट्विटर उपयोगकर्ता @RAC7R और कई अन्य लोगों ने ट्विटर पर साझा किया।

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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.