21 जनवरी, 2018 को पूरे बिहार में दहेज प्रथा और बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ मानव श्रृंखला बनाई गई जिसमें लाखों लोगों ने भाग लिया। इस मानव श्रृंखला में बिहार के अलग-अलग हिस्सों से आम जनता, स्कूली बच्चे, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम सुशील मोदी समेत कई मंत्री और अधिकारी भी शामिल हुए।

उसी दिन (21 जनवरी) के शाम से एक तस्वीर सोशल मीडिया पर यह बताकर वायरल की जा रही कि “मानव श्रृंखला में सम्मलित होकर घर वापसी समय चार बच्चों की सड़क दुर्घटना में मौत। #इसकी जिम्मेवार कौन..”

#मानव_श्रृंखला में सम्मलित होकर घर वापसी समय चार #बच्चों की सड़क #दुर्घटना में मौत।
इसकी #जिम्मेवार कौन……..

Nitish Kumar #FlopShow #Bihar

Posted by Abhishek Yadav on Sunday, 21 January 2018

हमने पाया कि यह तस्वीर बहुत अधिक संख्या में सोशल मीडिया पर खासकर फेसबुक पर साझा किया जा रहा और बताया जा रहा कि यह बिहार के औरंगाबाद जिले की तस्वीर है जिसमें इसी मानव श्रृंखला में सम्मिलित होकर वापसी के समय चार स्कूली बच्चों की एक सड़क हादसे में मौत हो गयी

bihar-manav-shrinkhla-Facebook Search

आप ऊपर की तस्वीर में देख सकते है की 2 हजार से भी अधिक बार इसे शेयर किया गया है। अब सवाल यह है कि क्या सचमुच औरंगाबाद में ऐसा कोई हादसा हुआ था जिसमें इन मासूमों की जान चली गयी, क्यूंकि तस्वीर तो यही कह रही है? और अगर हाँ तो यह खबर क्यों किसी मुख्य मीडिया ने नहीं दिखाया या बताया? दरअसल यह तस्वीर बिहार के औरंगाबाद की नहीं बल्कि उत्तरप्रदेश के जिला एटा में एक साल पहले 19 जनवरी, 2017 को हुए भयानक सड़क हादसे की है जिसमें 20 से ज्यादा स्कूली बच्चों ने जान गवा दी थी। घने कोहरे के कारण स्कूली बस और सामने से आ रही ट्रक आपस में टकरा गई, बस में करीब 50 बच्चे सवार थे, कुछ ऐसे बच्चे जो साइकिल से स्कूल जा रहे थे उनकी भी इस ट्रक के चपेट में आ जाने से मौत हो गयी। रिपोर्ट के अनुसार अधिक ठण्ड की वजह से डीएम ने स्कूल बंद करने का आदेश जारी किया था लेकिन स्कूल प्रशाशन ने स्कूल खुला रखा और बस में भी क्षमता से अधिक बच्चे सवार थे। गैरजिम्मेदारी भी इस दर्दनाक हादसे का एक कारण रहा।

Around 25 Children Died In Etta Accident -Amar Ujala

इस दर्दनाक घटना की सूचना कई प्रमुख मीडिया संस्थानों और दैनिक अख़बारों ने दी थी। यह घटना बहुत ही दुखद और भयानक थी, पीएम मोदी ने भी इस घटना पर दुःख जताया था।

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अब सवाल यह है कि अभी इस तस्वीर को बिहार का बताकर क्यों प्रसारित किया जा रहा? इस सवाल का जवाब आप खुद समझ सकते है कि कुछ दूषित मानसिकता वाले तत्त्व या किसी खास राजनितिक पार्टी के समर्थक समाज में निहित हैं जो अक्सर ऐसी पुरानी तस्वीरें उठाकर एक कहानी बनाकर प्रसारित करते रहते है जिसे एक बार देखने भर से लोग उसे सच मानकर सहानुभूति जताते हुए बिना सच जाने शेयर करने लगते हैं। इस तस्वीर के साथ भी यही हुआ क्यूंकि कुछ स्कूली बच्चों ने भी इस मानव श्रृंखला में भाग लिया था और इस वजह से ऐसी तस्वीर उठाकर और एक मनगढ़ंत शीर्षक देकर इसे फैलाया गया। और जिन लोगों ने यह शेयर किया उनकी प्रोफाइल देखने से यह लगता है कि वो RJD समर्थक हैं। और इसे एक राजनितिक ढंग से प्रसारित किया जा रहा। ऑल्ट न्यूज़ की आपसे यही गुजारिश है कि ऐसी भ्रामक ख़बरों से सचेत रहें क्यूंकि यह सिर्फ आपको भटकाने के लिए बनाई जाती है।

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