ऑल्ट न्यूज़ के ऑफ़िशियल मोबाइल ऐप पर एक तस्वीर की जांच के लिए कई रीक्वेस्ट आयी हैं. तस्वीर में शिवलिंग पर पैर रखे हुए कुछ लड़के दिख रहे हैं. कुछ सोशल मीडिया यूज़र्स ने तस्वीर की जगह के बारे में हमसे पूछा है जबकि कुछ लोगों ने तस्वीर के साथ ‘मुस्लिम लड़के’ लिखा हुआ है.
हमने पाया कि ये तस्वीरें अगस्त 2019 से सोशल मीडिया में शेयर हो रही हैं. 6 अगस्त 2019 को आशुतोष पांडे नामक एक ट्विटर यूज़र ने ये तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा, “सावन में शिवलिंग का अपमान करके हिंदुओं को ठेस पहुंचाने वाले, इन दुष्टों को पहचान कर तत्काल इनपर कठोर कार्रवाई हो। इनके आज़मगढ़ के होने की संभावना बताई गई है।” इसके साथ आशुतोष ने एक बेहद आपत्तिजनक भाषा के कैप्शन वाली तस्वीर जोड़ी है जिसे हमें सेंसर करना पड़ रहा है. (इसी वजह से हम ट्वीट का स्क्रीनशॉट लगा रहे हैं.)
इसके अलावा, ये दोनों तस्वीरें अगस्त 2019 से बंगाली भाषा में लिखे मेसेज के साथ भी शेयर हो रही हैं. मेसेज में दावा किया गया है कि ‘खान के लड़कों को’ उचित सज़ा दी जानी चाहिए.
फ़ैक्ट-चेक
अगस्त, 2019 में ही एक पोस्ट पर रिप्लाई करते हुए अम्बेडकरनगर पुलिस ने बताया था कि इस मामले में शिकायत दर्ज कर ली गई है और इसपर कार्रवाई भी की जा रही है.
प्रकरण में थाना जैतपुर जनपद अम्बेडकरनगर में इनके विरूद्ध अभियोग पंजीकृत कर अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जा रही है।
— AMBEDKARNAGAR POLICE (@ambedkarnagrpol) August 7, 2019
6 अगस्त 2019 को आशुतोष पांडे के ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए आजमगढ़ पुलिस ने बताया कि शिवलिंग पर पैर रखने वाले लड़कों का नाम ऋषि कुमार और नीरज कुमार है. ये कोरझहा बस्ती के हैं जो कि आंबेडकर नगर के थाना अलापुर में आता है. उन्होंने ट्वीट में लिखा है कि इस मामले की जांच चल रही है.
साइबर सेल द्वारा जांच के उपरांत पाया गया कि भगवान शिव के मूर्ति के ऊपर पैर रख कर फोटो खिंचवाकर सोशल मीडिया पर वायरल करने वाले लड़के ऋषि कुमार और नीरज कुमार निवासी कोरझहा (हरिजन बस्ती) थाना अलापुर जिला अंबेडकर नगर के रहने वाले हैं। जिनके विरुद्ध अग्रिम कार्यवाही की जा रही है।
— AZAMGARH POLICE (@azamgarhpolice) August 6, 2019
इस तरह, अगस्त 2019 में उत्तर प्रदेश के अम्बेडकर नगर में 3 लड़कों की शिवलिंग पर पैर रखने की 2 तस्वीरें तब से सोशल मीडिया में शेयर हो रही हैं. इन तस्वीरों को शेयर करते हुए झूठा दावा किया जा रहा है कि ये लड़के मुस्लिम समुदाय से हैं. जबकि आज़मगढ़ पुलिस ने खुद ट्वीट करते हुए लड़कों के नाम बताए हैं. इस तरह तस्वीरें शेयर करते हुए हो रहा ऐसा कोई भी दावा सरासर ग़लत है.
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