कुछ सोशल मीडिया यूज़र्स कीचड़ में बैठे बच्चों की एक तस्वीर शेयर कर रहे हैं. दावा है कि ये तस्वीर भारतीय स्कूल की स्थिति दिखाती है.

ट्विटर यूज़र ‘@shaista04444’ ने ये वायरल तस्वीर शेयर की जिसे आर्टिकल लिखे जाने तक 300 से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया है. (ट्वीट का आर्काइव लिंक)

एक हिंदी मेसेज के साथ ये तस्वीर काफ़ी शेयर हो रही है – “दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति वाले देश के स्कूलों की दशा देखें, जरा गौर से देखो इन बालको को, जब सरकार ही इनसे सुविधाये छिन रही हैं तो इन्का भविष्य कैसें बनेगा!! खुद तो सरकार मे अनपढ लोग बैठे हैं और आने वाली पिढी को भी अनपढ बनाने पर तुली हैं. आपमें इस सच्चाई को साझा करने का साहस है??”

फ़ेसबुक यूज़र फ़ैज़ल खान, ‘Pranay Aloney’ और परवेज़ खान ने ये तस्वीर शेयर की है जिसे आर्टिकल लिखे जाने तक 1500 से ज़्यादा बार शेयर किया जा चुका है. ऐसे ही ट्विटर पर कुछ यूज़र्स जैसे @princes_poonam और @Mahijabeen5 ने इस तस्वीर को भारत की बताते हुए शेयर किया है

This slideshow requires JavaScript.

फ़ैक्ट-चेक

की-वर्ड्स सर्च करने पर हमने पाया कि इस तस्वीर को पाकिस्तानी ट्विटर यूज़र इमरान लाशरी ने 27 जनवरी 2017 को ट्वीट किया था. लाशरी ने अपने ट्विटर बायो में बताया है कि वो विदेश मंत्रालय, पाकिस्तान में काम करते हैं. ये तस्वीर ट्वीट करते हुए लाशरी ने इस्लामाबाद स्थित पत्रकार रउफ़ क्लाज़रा को टैग किया है. लाशरी ने ट्वीट करते हुए पंजाब (पाकिस्तानी प्रांत) सरकार पर सवाल खड़े किये हैं और साथ ही इस्लामाबाद से आने वाले पत्रकार रऊफ़ क्लासरा को भी टैग किया है.

आगे, सर्च करने से हमें पाकिस्तानी मीडिया आउटलेट सियासत का 2015 का एक आर्टिकल मिला. आर्टिकल के मुताबिक, ये स्कूल पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का है.

2015 में एक पाकिस्तानी ट्विटर यूज़र ने भी ये तस्वीर शेयर की थी. इस ट्वीट में यूज़र ने रेलवे के फ़ेडरल मिनिस्टर और अवामी मुस्लिम लीग के नेता शेख रशीद अहमद को टैग किया है.

इस वायरल तस्वीर की जांच फ़रवरी में ‘Fact Crescendo’ ने भी की थी.

इस तरह सोशल मीडिया यूज़र्स का ये दावा कि ये तस्वीर भारतीय स्कूल की है, ग़लत है. ये तस्वीर पाकिस्तान की है और कम से कम 5 साल पुरानी है.

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

About the Author

🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.