सोशल मीडिया पर हाल की घटना के रूप में एक वीडियो वायरल है. वीडियो में पुलिस की वर्दी पहने कुछ लोग एक व्यक्ति को ज़मीन पर गिराकर प्रताड़ित कर रहे हैं. एक पुलिस अधिकारी उस व्यक्ति को पैर से ज़मीन पर गिराकर और उसके चेहरे पर बंदूक रखता है. एक और पुलिस अधिकारी और अन्य व्यक्ति उसके नाखून निकालकर उसे प्रताड़ित करते हैं.

व्हाट्सऐप पर ये वीडियो खूब वायरल है जहां इसे हरियाणा का बताते हुए लंबा स मेसेज लिखा गया है.

“देखों और सोचों..हरियाणा में किस कदर मुसलमानों पर जुल्म कर रहे हैं ये पुलिस वाले ये आतंकी संगठन,RSS विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल वाले..इंसानियत मर रही है.. पुलिस वाले केसे साथ दे रहे है इनका इन पर कार्यवाही की जाए देखिए कैसे अपनी वर्दी का इस्तेमाल कर रहे है ये पुलिस वाले हद हो गई क्या ऐसा काम है पुलिस वालो का इसे इस पुलिस वाले पुलिस नही आतंकवादी है ये हकीकत सामने आ रही है इनकी क्या भारत में इसे लोगो पर कार्यवाही नहीं होगी क्या इनके लिए कानून अलग है हद हो गई आप चुप हैं.. वीडियो ज्यादा से ज्यादा शेयर करे इनपर कार्यवाही की जाए Save_insaniyat”

 

ट्विटर यूज़र IrAm (@The_Iram__) ने 6 अगस्त को ये वीडियो शेयर किया और लिखा, “पता नहीं ये कहां की वीडियो है लेकिन इन वाहशी पुलिस वालों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए हुकूमत ने इतनी नफ़रत भर दी है कि लोग हैवानियत पर उतर आए हैं.” यूज़र ने बाद में ये ट्वीट डिलीट कर दिया लेकिन तब तक इसे 38 हज़ार से ज़्यादा बार देखा और 1,700 से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया था. (आर्काइव)

इस वीडियो की सच्चाई जानने के लिए ऑल्ट न्यूज़ के व्हाट्सऐप पर भी कई रिक्वेस्ट मिलीं.

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फ़ैक्ट-चेक

वीडियो से कई की-फ़्रेम लेकर हमने उनमें से एक का रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें विपीन पांडे एंटरटेनमेंट प्रोडक्शन नामक एक यूट्यूब चैनल मिला. वायरल वीडियो इस चैनल पर यूट्यूब शॉर्ट के रूप में अपलोड किया गया था. इसे 28 जुलाई को अपलोड किया गया था. चैनल ने इस अपलोड करते हुए लिखा था, “वीडियो जल्द ही आ रहा है इसलिए कृपया मेरे यूट्यूब चैनल को सपोर्ट करें.”

आगे इस चैनल पर पोस्ट किये गए अन्य वीडियोज़ की जांच करने पर हमने देखा कि यूट्यूब चैनल ने कई शॉर्ट फ़िल्में बनाई थीं. ये वीडियो भी एक शॉर्ट फ़िल्म का हिस्सा है. 31 जुलाई को चैनल ने एक वीडियो अपलोड किया था जिसमें वही लोग थे जो वायरल वीडियो में दिख रहे थे. इस ‘फ़िल्म’ की शुरुआत में इसके नाम और इसमें शामिल ऐक्टर्स और क्रू मेंबर्स के नाम दिखाए जाते है. इसके बाद स्क्रीन पर हिंदी में एक टेक्स्ट आता है जिसमें लिखा होता है, ‘यह कहानी सच्ची घटनाओं से प्रेरित है.’ इसके बाद इसमें प्रोडक्शन हाउस, ऐक्टर, स्टोरी राइटर, DOP और निर्देशक/निर्माता का नाम दिखाया जाता है.

यूट्यूब वीडियो के डिस्क्रिप्शन बॉक्स में एक्टर्स और क्रू के सदस्यों के नाम और एक मेसेज भी है जिसमें लिखा है: “दिल्ली साक्षी हत्याकांड: दिल्ली के शाहबाद डेरी इलाके में 16 साल की साक्षी को चाकू और पत्थर से कैसे मारा गया : हमने वीडियो में दिखाने की कोशिश और हम इस वीडियो से यह संदेश देना चाहते हैं कि हम अपने बेटे और बेटियों को अपनी प्रति आकर्षित करें जो कि वह हम अपनी हर बात को बताएं.”

इन सभी बातों से हैं कि ये साबित होता है कि ये वीडियो पुलिस की बर्बरता की असली घटना का नहीं है, बल्कि पेशेवर ऐक्टर्स द्वारा अभिनीत एक शॉर्ट फ़िल्म है.

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हमें शॉर्ट फ़िल्म के निर्देशक/निर्माता, विपिन पांडे की फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल भी मिली. हमने नोटिस किया कि उनके बायो में ‘आर्टिस्ट’ लिखा था और उन्होंने इस यूट्यूब वीडियो को अपने फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल पर हैशटैग ‘वीडियो क्रिएटर’ के साथ शेयर किया था. उन्होंने कैप्शन के साथ उसी वीडियो की एक रील भी शेयर की जिसमें लिखा था: “मेरी शॉर्ट मूवी ‘दोस्ती की सज़ा’ वीडियो आ गया है, कृपया करके इसको लाइक करें, सब्सक्राइब करें और कमेंट करें. मैं लिंक भेज रहा हूं.”

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कुल मिलाकर, ये दावा बिल्कुल ग़लत है कि वायरल वीडियो पुलिस की बर्बरता का है. वीडियो स्क्रिप्टेड है और इसमें दिख रहे सभी लोग ऐक्टर्स हैं जो अभिनय कर रहे हैं.

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