सोशल मीडिया पर एक वीडियो क्लिप वायरल है. दावा किया जा रहा है कि वीडियो में दिख रही मैतेई युवती मणिपुर मामले को लेकर विपक्षी सांसदों की निष्क्रियता पर सवाल उठा रही है. ये भी कहा जा रहा है कि ये युवती दो कुकी महिलाओं को नग्न घुमाने और उनके साथ छेड़छाड़ का वीडियो वायरल होने के बाद ही मणिपुर में अशांति का मामला उठाने के लिए उनकी आलोचना कर रही है. ये युवती 80 साल की उस मैतेई महिला के बारे में भी बात कर रही है जिसे उसके घर में जलाकर मार दिया गया था. ज्ञात हो कि हिंसाग्रस्त राज्य की स्थिति की जानकारी के लिए विपक्षी सांसदों ने कुछ दिन पहले मणिपुर का दौरा किया था.

ट्विटर ब्लू यूज़र भीकू म्हात्रे (@MumbaichaDon) ने 1 अगस्त को वीडियो शेयर किया. इस ट्वीट को 2 लाख 96 हज़ार से ज़्यादा बार देखा और 4 हज़ार से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया है. यूज़र ने दावा किया कि ये युवती विपक्षी सांसदों से सवाल कर रही है. (आर्काइव)

राईटविंग इंफ्लुएंसर ऋषि बागरी (@rishibagree) ने वीडियो शेयर करते हुए कहा कि मणिपुर की इस युवती ने उन विपक्षी सांसदों को अपने मन की बात अच्छे से समझाई जो इस ‘वल्चर टूरिज्म’ में शामिल थे. उनके ट्वीट को 3,800 से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया. (आर्काइव)

त्रिपुरा में भाजपा के राज्य महासचिव अमित रक्षित 🇮🇳 (@amitrakshitbjp) ने भी इसी कैप्शन के साथ ये वीडियो शेयर किया. (आर्काइव)

अन्य यूज़र्स ने भी क्लिप इन्हीं दावे के साथ शेयर किया. इनमें @RajesvariAiyer, @Indumakalktchi, @ashok777_kalam, @p_nikumar और @OsintUpdates शामिल हैं. इनमें से कई यूज़र्स का दावा है कि युवती ने सांसदों ये से कहा कि मोदीजी या मोदी सरकार उनके लिए सबकुछ कर रही है.

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फ़ैक्ट-चेक

गूगल पर सबंधित की-वर्डस सर्च करने से हमें इंडिया टुडे का एक ट्वीट मिला. इसमें वायरल क्लिप का एक लंबा वर्जन था. वायरल हिस्सा इंडिया टुडे द्वारा शेयर किए गए वीडियो में 3 मिनट 7 सेकेंड पर शुरू होता है.

वीडियो में देखा जा सकता है कि महिला DMK के कनिमोझी, कांग्रेस से लोकसभा सांसद अधीर रंजन चौधरी, TMC की सुष्मिता देव सहित विपक्षी सांसदों से बात कर रही है.

उस युवती ने जो कहा उसके ट्रांसक्रिप्शन का अनुवाद यहां देखा जा सकता है:

“राज्य सरकार द्वारा की गई कार्यवाहियों की वजह से NRC का कार्यान्वयन और आरक्षित वन क्षेत्रों में रहने वाले अवैध अप्रवासियों को देश से निकाला गया… मणिपुर में 15,400 एकड़ से ज़्यादा जमीन का इस्तेमाल पोस्ते की खेती के लिए किया गया था. इसके साथ ही कुकी उग्रवादी भी हैं. मैतेई के सख्त खिलाफ हैं, लेकिन क्यों? मैतेई ही क्यों? यहाँ हमारा क्या क़सूर है? सरकार से क्यों नहीं पूछते? सरकार के खिलाफ क्यों नहीं खड़े होते? लेकिन हमारे घर क्यों जलाएं और हमारा भविष्य क्यों बर्बाद करना? हम युवा हैं. हम (मैतेई समुदाय) 80 हज़ार से ज़्यादा सालों से भावनाओं के साथ इन घरों में रह रहे हैं. चुराचांदपुर को 1891 से 1941 के शासनकाल के दौरान राजा, महाराजा चूड़ाचंद से लिया गया था. चूड़ाचांदपुर का नाम चूड़ाचांद महाराज के नाम पर पड़ा. चुराचांदपुर में बहुसंख्यक मैतेई लोग थे लेकिन अब तक यहां रहने के दौरान हमने कभी भी उनके खिलाफ ऐसी हिंसा करने की कोशिश नहीं की है. लेकिन अब अचानक म्यांमार और बर्मीज़ के अवैध अप्रवासियों के कारण वे एकजुट हो रहे हैं और हमें बेघर कर रहे हैं. हम अपने पूर्वजों और पुरखों के समय एक हज़ार साल से भी ज़्यादा समय से वहां रहते आ रहे हैं. अब, ऐसा लगता है जैसे हम यहां के नहीं हैं.”

इसी दौरान कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने भी अपनी बात रखी. इसके बाद युवती ने रोते हुए आगे कहा: “हम अपने घरों को जलते हुए देख रहे हैं, हम बहुत असहाय हैं. हमारी रक्षा के लिए कोई राज्य बल मौजूद नहीं था, हम मर भी सकते थे.” यहां TMC सांसद सुष्मिता देव ने महिला से पुलिस की भूमिका के बारे में पूछा. जिस पर महिला आगे कहती है:

“(पुलिस की भूमिका) नागरिकों की रक्षा करना है, लेकिन वे आपकी जान बचाने के लिए भाग रहे थे. उनका कहना था हम आपको बचाने नहीं आ रहे हैं, हम डरे हुए हैं. सरकार द्वारा, केंद्र सरकार द्वारा कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए गए. इस मुद्दे को पहले संसद में क्यों नहीं उठाया गया? इसे वीडियो के वायरल होने के बाद ही क्यों सामने लाया गया? क्यों? और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की चिंता के साथ आपने उस वायरल वीडियो को ही क्यों सामने लाया… जबकि उससे पहले सेरो की एक बूढी महिला, जो एक स्वतंत्रता सेनानी की पत्नी थी, उन्हें उनके घर में ही ज़िंदा जला दिया गया था. उस मुद्दे को क्यों नहीं उठाया गया? अगर वे पूरी तरह से महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों के खिलाफ हैं, तो ऐसे मुद्दों को क्यों नहीं उठाते? इतना ही नहीं, 4 मई और 5 मई को ज़्यादातर पीड़ित और ग्रामीण चुड़ाचांदपुर में फंसे हुए हैं. वहां बलात्कार पीड़िताएं हैं. मैतेई महिलाओं के साथ बलात्कार हो रहा था. हम क्या कर रहे थे? हम अपने भविष्य को लेकर डरे हुए हैं क्योंकि हम महिलाएं हैं, हम अपना भविष्य बचाना चाहते हैं… अगर आप सबूत चाहते हैं, तो हर महिला की मेडिकल जांच करें… क्या मैतेई ने कभी कुकियों के घर जलाना शुरू किया है? क्या हमने कभी उन पर हमला किया है? उन्होंने पहले हमारे घरों को जलाना, हमारा भविष्य बर्बाद करना शुरू किया. हम अपने भविष्य को संवारने की उम्मीद लिए वहीं रुके रहे. हमारे माता-पिता ने हमारी देखभाल की और हमें इस उम्मीद से स्कूल भेजा कि हम एक दिन अधिकारी बनेंगे, परिवार की देखभाल करेंगे. परिवार चलाना कोई आसान बात नहीं है. ये लोग 50 साल से ज़्यादा समय से इसे बनाने की कोशिश कर रहे हैं, और सब कुछ बर्बाद हो गया. अगर वे अभी भी सबूत मांग रहे हैं कि मैतेई ने कुकी के घरों को जला दिया तो सैटेलाईट का इस्तेमाल क्यों नहीं किया गया? वे सब कुछ साबित कर सकते हैं.. इसका इस्तेमाल क्यों नहीं करते? 89 दिन बाद भी सरकार प्रभावी क्यों नहीं है?

यानी, वीडियो में 3 मिनट 5 सेकेंड पर युवती ये सवाल कर रही है कि केंद्र सरकार द्वारा कोई प्रभावी और समय पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई. उसने पीएम मोदी से पूछा कि वीडियो वायरल होने के बाद ही मणिपुर हिंसा का मुद्दा क्यों उठाया गया.

कुल मिलाकर, ये दावा बिल्कुल ग़लत है कि मैतेई महिला ने विपक्षी सांसदों की आलोचना की. दरअसल, वीडियो में युवती मोदी सरकार से सवाल पूछ रही है कि उन्होंने समय पर कार्रवाई क्यों नहीं की. उसने प्रधानमंत्री का नाम लेते हुए पूछा कि वायरल वीडियो सामने आने के बाद ही उन्होंने ये मुद्दा क्यों उठाया. उसने साफ तौर पर कहा कि केंद्र सरकार की ओर से कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गयी. ये दावा सच नहीं है कि उसने सांसदों से कहा कि मोदी सरकार हमारे लिए सब कर रही है.

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