15 मार्च को क्राइस्टचर्च, न्यूजीलैंड की दो मस्जिदों में भयंकर नरसंहारों में कम से कम 49 लोग मारे गए। दो दिन बाद, सोशल मीडिया में एक दावा प्रसारित होना शुरू हुआ कि न्यूजीलैंड में क्राइस्टचर्च नरसंहार के बाद 350 लोग इस्लाम में परिवर्तित हुए। 18 मार्च को UAE के ब्रॉडकास्ट जर्नलिस्ट ज़ैन खान ने ट्वीट किया, “क्या आप जानते हैं? #क्राइस्टचर्च के आतंकी हमले में 51 मुस्लिम मारे गए, आज न्यूज़ीलैंड में लगभग 350 लोग #इस्लाम में परिवर्तित/वापस हुए हैं। इस्लाम से डरना/नफरत करना बंद करो, इसे समझने की कोशिश करो।” (अनुवादित)। इस ट्वीट के साथ हिजाब पहनी महिलाओं की तीन तस्वीरें थीं।

एक फेसबुक यूजर जावेद शेख ने इन तस्वीरों को इसी संदेश के साथ पोस्ट किया। इस पोस्ट के अब तक 2000 से ज्यादा शेयर हो चुके हैं।

ट्विटर पर कई लोगों ने 17 मार्च 2019 को प्रकाशित एक ब्लॉग के आधार पर यह दावा शेयर किया है। इस ब्लॉग का शीर्षक है, “शुक्रवार को न्यूज़ीलैंड में 50 मुस्लिमों की हत्या की गई और आज न्यूज़ीलैंड में 350 लोगों ने इस्लाम स्वीकार कर लिया”। – (अनुवाद) इसके अनुसार, क्राइस्टचर्च नरसंहार के बाद 350 लोग इस्लाम में परिवर्तित हो गए। इस ब्लॉग के साथ एक जोड़े की तस्वीर थी जिसमें महिला हिजाब पहने हुए दिखती है। अकेले फेसबुक पर इसे लगभग 3.8 लाख शेयर मिले हैं।

KashmirGlacier.com नामक एक वेबसाइट ने भी इस जोड़े की यह तस्वीर इसी संदेश के साथ इस्तेमाल की थी। सोशल मीडिया में सबसे शुरुआती उपस्थिति के रूप में ऑल्ट न्यूज़ यूजर @ibrocan2007 के ट्वीट का  पता लगा पाया। यह Loveforislamic द्वारा प्रकाशित ब्लॉग के कुछ घंटे पहले की बात है। इस ब्लॉग का अर्काइव्ड संस्करण यहां देखा जा सकता है।

वायरल वीडियो

एक फेसबुक पेज, साजिद हशमत ने एक वीडियो इसी संदेश के साथ शेयर किया है, जिसे अब तक 38,000 से ज्यादा शेयर किया गया है और 4 लाख बार देखा गया है।

 

50 Muslims were killed on Friday in New Zealand & 350 people accepted #Islam today in #NewZealand.

Posted by Sajid Hashmat on Monday, 18 March 2019

कई दूसरे सोशल मीडिया यूजर्स और पेजों ने यही वीडियो, क्राइस्टचर्च नरसंहार के बाद 350 लोगों के इस्लाम में परिवर्तित होने के दावे के साथ पोस्ट किया है।

तथ्य-जांच

‘न्यूज़ीलैंड में 350 लोगों ने इस्लाम में धर्म परिवर्तन कर लिया’ के दावे के साथ सोशल मीडिया में अभी वायरल वीडियो कम से कम 10 वर्ष पुराना और असंबद्ध है। यह यूट्यूब पर 27 सितंबर 2009 को पोस्ट किया गया था, जबकि वीडियो में बतलाया गया है कि यह 2007 का है।

तस्वीरें

आल्ट न्यूज़ ने पाया कि धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों के रूप में शेयर की गई तस्वीरें कई वर्ष पुरानी हैं और इस दावे से संबंधित नहीं हैं। सोशल मीडिया में प्रसारित की जा रही इन तस्वीरों की गूगल रिवर्स इमेज सर्च से हमें क्या पता चला, वह यहां है :

1. यह तस्वीर उस महिला से संबंधित है जिन्होंने न्यूज़ीलैंड की राष्ट्रीय रग्बी टीम ऑल ब्लैक्स के समर्थन में ‘रग्बी हिजाब’ डिज़ाइन किया था। न्यूज़ीलैंड की एक वेबसाइट Stuff द्वारा 18 सितंबर 2017 को एक लेख के साथ प्रकाशित ऐसी ही तस्वीर के नीचे कैप्शन में लिखा है, “अपने विशिष्ट रूप से डिज़ाइन किए गए ऑल ब्लैक्स हिजाब में ऑल ब्लैक्स का समर्थन कर रहीं रेहाना अली और उनके पति आज़म अली”। – (अनुवाद)

2. अमरीकी अखबार Arkansas Democrat-Gazette  के 14 फरवरी 2016 के ऑनलाइन संस्करण में प्रकाशित एक लेख के अनुसार, अमरीका के साउथ केरोलिना की क्रिश्चियन महिला नैंसी एलन ने मुस्लिम महिलाओं और धर्म की स्वतंत्रता के समर्थन में हिजाब पहना था।

 

3. नीले रंग का हिजाब पहनी महिला की यह एक सामान्य तस्वीर है और इंटरनेट पर कम से कम सितंबर 2018 से उपलब्ध है।

 

4. हाथ में कुरान पकड़े महिला की यह तस्वीर, फेसबुक पर 22 दिसंबर 2016 को पोस्ट की गई थी।

 

इस प्रकार, क्राइस्टचर्च में हमले के बाद इस्लाम में परिवर्तित होने वाले लोगों के रूप में पुरानी और असंबद्ध तस्वीरें व वीडियो इंटरनेट पर प्रसारित किए गए। ‘350’ की संख्या का स्रोत कमजोर तरीके से लिखा हुआ एक ब्लॉग था। जबकि 350 लोगों के इस्लाम में परिवर्तित होने की संख्या स्वतंत्र रूप से सत्यापित नहीं की जा सकती, क्योंकि किसी भी मीडिया रिपोर्ट में सामूहिक धर्म परिवर्तन का कोई ज़िक्र नहीं है।

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About the Author

Jignesh is a writer and researcher at Alt News. He has a knack for visual investigation with a major interest in fact-checking videos and images. He has completed his Masters in Journalism from Gujarat University.