“दोस्तों, आज मुल्लों को भारत से निकालने का आसां तरीका लेकर आई हूँ…पूरे देश में ‘वंदे मातरम’ शुरू करो, मुल्ले देश से बाहर भाग जायेंगे।।” यह संदेश फेसबुक पेज जय मोदीराज ने 2013 में प्रसारित किया था।

जय मोदीराज को 2012 में बनाया गया था और तब से इस पेज ने 14 लाख से अधिक फ़ॉलोअर्स जुटाया है। इस पेज का “सूचना और विज्ञापन” अनुभाग बतलाता है कि लाइक जुटाने के लिए यह फेसबुक विज्ञापन चलाता रहा था।

जय मोदीराज को केवल स्क्रॉल करने से पता चल जाता है कि यह न केवल मुस्लिम विरोधी संदेश पोस्ट करता है, बल्कि भाजपा को बहुसंख्यकों की जरूरतों के लिए काम करने वाली एकमात्र पार्टी के रूप में चित्रित भी करता है। 31 अक्टूबर 2018 को जय मोदीराज ने दो तस्वीरों को जोड़कर एक तस्वीर पोस्ट की जिसमें मुस्लिम टोपी पहने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बगल में हाथ जोड़े प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर थी। इस तस्वीर का कैप्शन है- “एक सत्य के लिए लड़ता है, दूसरा आतंक का पक्षधर है”

इस पेज के पोस्ट न केवल नफरत फैलाने वाले होते हैं, बल्कि नियमित आधार पर भ्रामक सूचनाएं भी फैलाते हैं– राहुल गांधी को मंदिर में नमाज अदा करते दिखलाने से लेकर भारत ने विश्व बैंक से 2015 से 17 के बीच कोई ऋण नहीं लिया, घोषित करने तक।

इस लेख में आगे, ऑल्ट न्यूज़, जय मोदीराज द्वारा भ्रामक सूचनाओं को प्रसारित करने के ऐसे कई दूसरे उदाहरण प्रस्तुत करेगा। लेकिन उससे पहले, हम उन व्यक्तियों को जानें, जो अलग-अलग समय पर इस पेज से जुड़े रहे हैं।

भाजपा आईटी सेल से सीधा संपर्क?

जय मोदीराज का जब अवतरण हुआ था, उस समय के इसके संस्थापकों की पहचान के लिए ऑल्ट न्यूज़ ने ट्विटर पर शेयर किए गए इसके सबसे शुरुआती पोस्टों को खंगाला। हमने ऐसा एक व्यक्ति पाया — सचिन पटेल (@Sachinpatel1979) — जिन्होंने 2013 में जय मोदीराज के पोस्टों को प्रसारित किया। इस व्यक्ति का परिचय बताता है — “जय मोदीराज टीम में कार्यरत”।

यह वही नाम है जिसकी मुहर इसके फेसबुक पेज के कई पोस्टों पर दिखती हैं — “जय मोदीराज सचिन पटेल”

ट्विटर और फेसबुक दोनों पर सचिन पटेल की डीपी (display pictures) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ है।

जय मोदीराज से जुड़े दूसरे व्यक्ति राजेश सोनी थे। ऑल्ट न्यूज़ ने उन्हें इसके फेसबुक पेज के पोस्ट अनुभाग में एडमिन (admin) शब्द की खोज से निकाला।

संयोगवश, राजेश की फेसबुक प्रोफइल तस्वीर सचिन पटेल जैसी ही है — जिसमें उन्हें प्रधानमंत्री मोदी से हाथ मिलाते देखा जा सकता है।

ऑल्ट न्यूज़ ने एक और व्यक्ति को खोजा जिन्होंने सचिन और राजेश की तरह ही प्रधानमंत्री के साथ अपनी तस्वीर अपलोड की थी। 21 सितंबर 2018 को, यह व्यक्ति, भाविन पटेल, जिनका फेसबुक परिचय बताता है कि वह भाजपा आईटी सेल और आरएसएस के सदस्य हैं, ने पोस्ट किया — “बीजेपी सोशल मीडिया के बारे में सबसे अच्छा हिस्सा यह है कि यह भाड़े पर रखे गए लोगों द्वारा नहीं बल्कि विचारधारा द्वारा संचालित कार्यकर्ताओं द्वारा संचालित किया जाता है। साथ ही, हमारी सबसे बड़ी ताकत लाखों समर्थकों और शुभचिंतकों से प्राप्त समर्थन आधारित है।आपके सुजाव हमें सोशल मीडिया का सही उपयोग और उसे ज्यादा असरकारक बनाने मे और 2019 मे मोदी जी को जिता ने मे हम अपना सर्वश्रेष्ठ सहयोग देंगे। जय मोदीराज टीम”

भाविन ने अपने पोस्ट में कई लोगों को टैग किया था (ऊपर कोलाज में), जो हमें जय मोदीराज से जुड़े कई अन्य व्यक्तियों तक ले गया। एक और एडमिन जो हमने खोजा, वह गौरव पटेल थे। 2014 के एक पोस्ट में उन्होंने जय मोदीराज के फ़ॉलोअर्स से उस पेज को लाइक करने की अपील की थी, जिसे उन्होंने खुद को समर्पित किया था। गौरव की डीपी (display picture) भी पीएम मोदी के साथ थी।

भाविन ने एक अन्य व्यक्ति मनोज गोलानी का उल्लेख किया था। यह भी पीएम मोदी और जय मोदीराज टीम की बैठक का हिस्सा निकले। इसके अलावा, उनके फेसबुक परिचय में उल्लेख है कि वह जय मोदीराज में काम करते हैं।

एक अन्य एडमिन जिनका हमने पता लगाया, नेहा पटेल थीं। जय मोदीराज के एक पोस्ट में नेहा का इसके एक एडमिन के रूप में उल्लेख है। नेहा भी सोशल मीडिया वाली बैठक में उपस्थित थीं। वह गौरक्षक कार्यकर्ता भी हैं। जुलाई 2016 में जय मोदीराज ने ऊना लिंचिंग के बाद उनके एनडीटीवी पर आने के बारे में, नेहा का एक पोस्ट शेयर किया था। एनडीटीवी पर उन्होंने दावा किया था कि गायों की निगरानी करने वाले कार्यकर्ताओं के हाथों लोग नहीं पीटे गए थे।

एक और नाम जो हमारी जांच के दौरान सामने आया वह मेहुल पटेल थे।

ढेर सारे प्रशासक (admin) जो भाजपा आईटी सेल से करीब से जुड़े लगते हैं, नफरत और भ्रामक सूचनाओं के इस कारखाने के पीछे सक्रिय हैं। नीचे जय मोदीराज द्वारा प्रसारित कुछ भ्रामक पोस्टों की सूची है जिनके हजारों लाइक और शेयर हैं।

1. “भारत ने विश्व बैंक से 2015 और 2017 के बीच कोई ऋण नहीं लिया”

इस वर्ष सितंबर में, जय मोदीराज ने एक पोस्ट शेयर कर दावा किया कि — “70 साल के इतिहास में केवल 3 साल ऐसे हैं, जब भारत ने वर्ल्ड बैंक से कर्ज नही लिया 2015, 2016, 2017 ये मोदी की कामयाबी है”। इस पोस्ट को लगभग 15,000 बार शेयर किया गया।

Posted by JAY MODIRAJ (“जय मोदीराज”) on Saturday, 8 September 2018

ऑल्ट न्यूज़ ने पिछले समय में इस झूठी खबर को खारिज किया था। हमने पाया था कि दावे की समयावधि में भारत की 50 परियोजनाओं के लिए 96 अरब 56 करोड़ अमरीकी डॉलर के ऋणों की मंजूरी हुई थी।

2. बौद्ध भिक्षु समारोह की तस्वीर भगवान राम की शोभायात्रा बताकर शेयर की

थाईलैंड में 10,000 बौद्ध भिक्षुओं को भिक्षा भेंट समारोह की तस्वीर जय मोदिराज ने “जय भगवान राम” कैप्शन के साथ शेयर कर दी थी।

जय श्री राम

Posted by JAY MODIRAJ (“जय मोदीराज”) on Thursday, 20 September 2018

इस समारोह के विभिन्न एंगल से लिए गए फोटोग्राफ से पता चलता है कि केसरिया पोशाक में दिखते लोग भगवान राम के भक्त नहीं, बल्कि बौद्ध भिक्षु हैं।

Source: m.dmc.tv

3. BBC के नाम से फ़र्ज़ी वेबसाइट के आधार पर कांग्रेस को विश्व की चौथी सबसे भ्रष्ट पार्टी बताया

17 सितंबर को इस फेसबुक पेज द्वारा एक और गलत सूचना शेयर करके दावा किया गया कि “बीबीसी के अनुसार विश्व की 10 सबसे भ्रष्ट राजनीतिक पार्टियों में कांग्रेस चौथे स्थान पर है।”

कांग्रेस के लिए अाई खुशखबरी

Posted by JAY MODIRAJ (“जय मोदीराज”) on Monday, 17 September 2018

एक नकली समाचार वेबसाइट बीबीसी न्यूज हब (BBCNewsHub.com) ने जुलाई 2018 में एक आलेख प्रकाशित किया था, जिसे कई फेसबुक पेजों द्वारा हाल की और प्रमाणित “दुनिया की सबसे भ्रष्ट राजनीतिक दलों की सूची” के रूप में शेयर किया गया था। ऑल्ट न्यूज़ ने अपनी जांच में इस आलेख के झूठे दावों को खारिज कर दिया था।

4. “सोनिया गांधी विश्व की चौथी सबसे धनी महिला”

जय मोदिराज द्वारा प्रसारित यह विशेष दावा 7,900 बार शेयर किया गया था।

हाहाहा

Posted by JAY MODIRAJ (“जय मोदीराज”) on Wednesday, 17 October 2018

हालांकि यह दावा गलत निकला, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष दुनिया की चौथी सबसे अमीर महिला नहीं हैं। सोशल मीडिया में वायरल अफवाहें छह साल पुरानी एक गलत रिपोर्ट पर आधारित हैं जिसे हालिया घटना के रूप में प्रसारित किया जा रहा है। ऑल्ट न्यूज़ ने इस दावे को खारिज किया था जिसे यहाँ पढ़ा जा सकता है।

5. सेना प्रमुख बिपिन रावत के नाम गलत उद्धरण

भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपीन रावत के नाम से एक नकली उद्धरण में कहा गया – “आर्मी चीफ बिपीन रावत जी ने कहा अगर नेता बनना है तो 5 साल पहले देश की सेवा के लिए आर्मी में होना अनिवार्य कर दिया जाए! यकीन मानिए देश का 80% कचरा अपने आप ही साफ़ हो जाएगा. इनके बातो से कितने लोग सहमत है जो सहमत हैं शेयर करे।” यह पोस्ट 6,000 से अधिक बार साझा किया गया था।

में रावत सर की बात से सहमत हूं और आप?

Posted by JAY MODIRAJ (“जय मोदीराज”) on Monday, 10 September 2018

11 सितंबर, 2018 को भारतीय सेना ने अपने सोशल मीडिया चैनलों के माध्यम से स्पष्ट किया कि प्रसारित बयान गलत था। ऑल्ट न्यूज ने पहले के लेख में इसकी सूचना दी थी।

Social Media per Sena Adhyaksh Gen Bipin Rawat dwara jaari kiya hua ek jhoontha bayan kuch asamajik tatvon ne failane ka…

Posted by ADGPI – Indian Army on Tuesday, 11 September 2018

6. विश्व के प्रमुख नेताओं से घिरे पीएम मोदी की फ़ोटोशॉप तस्वीर

“फ्रेंड्स जरा इस फोटो को गौर से देखिये, भारत के इतिहास में क्या यह दृश्य देखने को आपकी आँखें तरस गई होंगी,” उपरोक्त संदेश के साथ एक तस्वीर जय मोदीराज द्वारा शेयर की गई थी, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्व के प्रमुख नेताओं से घिरे हुए थे।

Friends जरा इस फोटो को गौर से देखिये, भारत के इतिहास में क्या यह दृश्य देखने को आपकी आँखें तरस गई होंगी,

Posted by JAY MODIRAJ (“जय मोदीराज”) on Tuesday, 17 July 2018

11 जुलाई, 2017 को बिजनेस इनसाइडर (Business Insider) द्वारा प्रकाशित एक लेख के मुताबिक, इसकी असली तस्वीर को अमेरिकी स्टॉक फोटो एजेंसी गेट्टी इमेजेस (Getty Images) के लिए फोटोग्राफर, कायहान ओज़र (Kayhan Ozer) ने लिया था। प्रामाणिक तस्वीर का कैप्शन था — “हैम्बर्ग, जर्मनी में 07 जुलाई, 2017 को जी-20 के नेताओं के शिखर सम्मेलन में एक सत्र के दौरान तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तय्यिप एर्दोगान (दाहिने), तुर्की के विदेशी मामलों के मंत्री मेव्लुट कैवसुग्लू (दाहिने से दूसरे) के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (बाएं) के साथ बातचीत करते हुए” – (अनुवाद)। मूल तस्वीर में, बीच वाली सीट खाली है। ऑल्ट न्यूज ने पहले बताया था कि कैसे विभिन्न रूपों में वह तस्वीर सोशल मीडिया में प्रसारित थी।

7. “राहुल गांधी मंदिर में नमाज की अदा कर रहे हैं”

अक्टूबर 2018 में एक वायरल तस्वीर में, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को मंदिर के अंदर अपने आगे हाथ मोड़कर बैठे हुए देखा जा सकता है। उन्होंने ग्वालियर के अचलेश्वर शिव मंदिर में प्रार्थना की थी। इसे इस झूठी कथा के साथ प्रसारित कर दिया गया था कि श्री गांधी मंदिर में नमाज अदा कर रहे थे।

सुबह का जनेऊधारी अगर शाम को मस्जिद चला जाये तो उसे चुनावी हिन्दू कहते हैं

Posted by JAY MODIRAJ (“जय मोदीराज”) on Saturday, 20 October 2018

ऑल्ट न्यूज़ ने उस गलत जानकारी को खारिज कर दिया था, जिसे यहाँ पढ़ा जा सकता है।

8. स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देते प्रधानमंत्री मोदी की गलत तस्वीर

फेसबुक पेज जय मोदीराज ने प्रधानमंत्री मोदी की एक तस्वीर शेयर की जिसके बारे में प्रकट होता है कि वे वाजपेयी जी की मृत देह के समक्ष श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। इस तस्वीर पर संदेश अंकित था — “# भारत रत्न अटल बिहारी जी के सम्मान में जय हिन्द लिख कर श्रद्धांजलि अर्पित करे”। इसे 6,000 से अधिक बार शेयर किया गया है।

जय हिंद। वंदे मातरम।।

Posted by JAY MODIRAJ (“जय मोदीराज”) on Thursday, 16 August 2018

यह तस्वीर 2011 की थी जब तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी अनुभवी लेखक भूपत बड़ोदरिया की मौत पर शोक व्यक्त कर रहे थे। नरेंद्र मोदी की आधिकारिक वेबसाइट ने यह तस्वीर अपलोड की थी। ऑल्ट न्यूज़ ने इस गलत जानकारी को इस लेख में खारिज कर दिया था।

9. “शशि थरूर ने प्रधानमंत्री मोदी को शिव लिंग पर बिच्छू कहा”

30 अक्टूबर को जय मोदीराज के पोस्ट का कैप्शन था — “हिंदुओं का अपमान कर करके 70 साल कांग्रेस ऐसे ही हिंदुओं से वोट पाती रही लेकिन अब ​​वक्त बदल गया है..” यह कथा शशि थरूर की एक तस्वीर से जुड़ी थी, जिसमें उन्हें, कथित रूप से मोदी को “शिव लिंग पर बिच्छू कहा बताया था, जिसे चप्पल के साथ मारे जाने पर भी हटाया नहीं जा सकता।”

जय मोदीराज की वह पोस्ट बैंगलोर साहित्य समारोह में कांग्रेस सांसद के भाषण पर आधारित थी, जिसमें थरूर प्रधानमंत्री मोदी की तुलना बिच्छू से नहीं कर रहे थे, बल्कि एक अज्ञात आरएसएस नेता को उद्धृत कर रहे थे। ऑल्ट न्यूज़ ने पहले के लेख में इस दावे के भ्रामक होने की सूचना दी थी।

दस लाख से अधिक फ़ॉलोअर्स वाला एक फेसबुक पेज दैनिक आधार पर गलत जानकारी फैला रहा है। ऐसा लगता है कि इस पेज का प्रबंधन करने वाले लोग भाजपा के सिर्फ समर्थक नहीं, बल्कि पार्टी के साथ खास निकटता भी रखते हैं, जिससे सवाल उठता है – इस पेज का फंडिंग कौन कर रहा है?

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