कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने कथित तौर पर विजयवाड़ा की एक छोटी वीडियो क्लिप शेयर की. वीडियो में एक पुरानी इमारत की पहली मंज़िल को तोड़ा जा रहा है. साथ ही इसमें सड़क के दूसरे तरफ एक मस्जिद भी दिखती है. वीडियो को इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि आंध्र प्रदेश सरकार सड़क को चौड़ा करने के लिए एक मंदिर को गिरा रही है. जबकि सामने वाली मस्जिद को हाथ भी नहीं लगाया गया.
[वायरल टेक्स्ट – आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में रोड चौड़ी करण में बाधा बन रही मस्जिद को छोड़कर मंदिर को तोड़ रही है आंध्र प्रदेश सरकार]बीजेपी और RSS समर्थक ट्विटर यूज़र @RUDRA_VSR ने इसी दावे के साथ ये वीडियो ट्वीट किया.
विजयवाड़ा में सड़क चौड़ी करने के लिए एक शिव मंदिर तोड़ा जा रहा है जबकि उसके सामने वाली मजार को हाथ तक लगाने कि हिम्मत नहीं रही है वहां के क्रिश्चन मुख्यमंत्री जगमोहन रेड्डी की यह सब तुम्हारे भूल का नतीजा है हिंदुओं@KapilMishra_IND @YogiDevnath2 @AmanChopra_कृपया देखें🙏 pic.twitter.com/Kv1cepAoFk
— विश्वास राजपूत (रुद्र) (@RUDRA_VSR) March 16, 2022
ये वीडियो क्लिप अलग-अलग हाई नेटवर्क वाले भाजपा समर्थक पेज या हिंदुत्व ग्रुप्स में शेयर की गई है. ऐसे करीब 70 फ़ेसबुक एकाउंट्स हैं. इनमें भाजपा लक्ष्य 2024 ( समर्थन के लिए जुड़े ) [10 लाख सदस्य], भाजपा का परिवार मेरा परिवार(यूपी मिशन 2022- भाजपा समर्थको का स्वागत है) [4 लाख से ज़्यादा सदस्य] कंगना रनौत ग्रुप [2 लाख से ज़्यादा सदस्य] राजपुताना इतिहास और विरासत [2 लाख से ज़्यादा सदस्य], सुदर्शन न्यूज़ [70 हज़ार सदस्य], और नमो [50 हज़ार फ़ॉलोअर्स] शामिल हैं. आप यहां पूरी लिस्ट देख सकते हैं.
वीडियो वेरिफ़िकेशन
ऑल्ट न्यूज़ ने ट्विटर पर सर्च किया तो देखा कि ये वीडियो साल 2020 का है.
ऑल्ट न्यूज़ ने विजयवाड़ा स्थित पत्रकारों और मंदिर के सहयोगियों से बात की. उन्होंने बताया कि ये दावा और वीडियो दोनों ही पुराने हैं. उनके मुताबिक, वीडियो क्लिप श्री विजयेश्वर स्वामी वारी देवस्थानम के तोड़े जाने का नहीं बल्कि इसके नवीनीकरण का है.
जांच के दौरान, ऑल्ट न्यूज़ ने ये भी देखा कि फ़ेसबुक यूज़र श्री राकेश कुरापति ने एक अख़बार की कटिंग पोस्ट की थी जिसमें ये बिल्डिंग दिख रही है. इससे पहले NewsMeter ने भी इस कटिंग के आधार पर वीडियो का फ़ैक्ट-चेक किया था.
हमने गूगल लेंस का इस्तेमाल करके अख़बार की कटिंग का ट्रांसलेशन किया. रिपोर्ट में लिखा है कि इस वीडियो में विजयेश्वर मंदिर में विकास की पहल देखी जा सकती है. मंदिर को और बड़ा करने के लिए दुकान वाले हिस्से को तोड़ा गया था. दाईं ओर आर्टिकल में ये भी लिखा है कि इस नवीनीकरण की एक वीडियो क्लिप मंदिर तोड़े जाने के ग़लत दावे के साथ भी शेयर की गई है.
इसके अलावा, हमने विजयवाड़ा के एक निवासी से अभी के विजयेश्वर मंदिर का वीडियो रिकॉर्ड कर भेजने का रिक्वेस्ट किया. उन्होंने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर वीडियो क्लिप शेयर की. वीडियो में साफ दिखता है कि मंदिर उसी जगह मौजूद है और उसे तोड़ा नहीं गया है.
कुल मिलाकर, 2020 में विजयवाड़ा के मंदिर के नवीनीकरण का एक वीडियो सोशल मीडिया पर इस ग़लत दावे के साथ फिर से शेयर किया गया कि आंध्र प्रदेश सरकार ने सड़क को चौड़ा करने के लिए एक मंदिर को तोड़ दिया लेकिन, इसके सामने खड़ी मस्जिद को हाथ भी नहीं लगाया.
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