सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें सड़क किनारे नोटों का एक बड़ा ढेर रखा हुआ है. वीडियो के साथ लिखा है, “ये कोई ईमारत नहीं है. ये वो 4 बिलियन डॉलर हैं जो ब्राज़ील की सरकार ने भ्रष्ट नेताओं और सरकारी अधिकारियों से जब्त किया है. इसे सार्वजनिक जगह पर लोगों को दिखाने के लिए रखा गया है. हम उम्मीद करते हैं कि एक दिन भारतीय सरकार भी लूट को ऐसे ही दिखाएगी.” कई ट्विटर और फे़सबुक यूज़र्स ने इस वीडियो को इसी दावे के साथ शेयर किया.
ट्विटर यूज़र @mini_razdan10 ने इस वायरल वीडियो को शेयर किया जिसे 17,000 ज़्यादा बार देखा गया.
This is not a Building, these are the 4 Billion Dollars that the Brazilian Government has recovered from its corrupt politicians and public servants, the money is displayed in public place for public viewing.
One day we HOPE our Government of India displays such Loot. pic.twitter.com/MUk8eyLib5— Mini Razdan (@mini_razdan10) September 30, 2020
इस वीडियो को दक्षिण भारतीय यूट्यूब चैनल IBTV9 ने भी पोस्ट किया था.
फै़क्ट-चेक
वीडियो में 1 मिनट पर एक नोटिस बोर्ड नज़र आता है जिसपर किसी विदेशी भाषा में कुछ लिखा हुआ है.
ऑल्ट न्यूज़ ने इस टेक्स्ट को जब गूगल पर ट्रांसलेट किया तो पता चला कि ये पुर्तगाली भाषा है.
इस हिंट का इस्तेमाल करते हुए हमने गूगल पर एक कीवर्ड सर्च किया, ‘4 bilhões em dinheiro em público.’ इसके बाद वायरल तस्वीर से मिलती नोटों के ढेर की कईं तस्वीरें और मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं.
ब्राज़ील के अख़बार Gazeta do Povo ने 2017 में इस घटना पर रिपोर्ट पब्लिश किया था. इसके मुताबिक ब्राज़ील के शहर क्यूरितिबा में बोका मल्दिता इलाके में फिल्म ‘फ़ेडरल पुलिस: नो वन इज़ अबव द लॉ (Policia Federal: Lei é Para Todos)’ के प्रमोशन के दौरान 5 मीटर ऊंचा नकली नोटों का ‘टॉवर’ बनाया गया था. IMDb वेबसाइट के अनुसार ये फिल्म ब्राज़ील में एक भ्रष्टाचार के बाद हुए ‘ऑपरेशन कार कैश’ की सच्ची कहानी से प्रेरित है.
बीबीसी और द गार्डियन के अनुसार ‘ऑपरेशन कार क्रैश’ ब्राज़ील की फ़ेडरल पुलिस क्यूरितिबा ब्रांच की चल रही जांच का नाम है. ये जांच 2014 में शुरू हुई थी. ब्राज़ील की सरकारी तेल कंपनी पेट्रोब्राज़ के निदेशकों पर आरोप था कि उन्होंने कीमत बढ़ाकर कॉन्ट्रैक्ट्स बनाने के लिए रिश्वत ली थी. इस मामले में पूर्व राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा समेत दर्जनों नेताओं पर आरोप हैं.
ब्राज़ील के एक ब्लॉग पर भी 2017 में हुए इस कार्यक्रम की कई तस्वीरें शेयर की गयी हैं. इसके आर्टिकल में एक तस्वीर में वही नोटिसबोर्ड दिखता है जिसके बारे में इस फै़क्ट चेक की शुरुआत में बात हुई है.
ऑल्ट न्यूज़ को यूट्यूब पर इस फिल्म का एक प्रमोशनल वीडियो मिला जिसे 2017 में अपलोड किया गया था.
यानी, सोशल मीडिया का ये दावा कि वायरल वीडियो में ब्राज़ील सरकार द्वारा भ्रष्ट नेताओं और सरकारी अफ़सरों से ज़ब्त किये गये नोटों का ढेर दिख रहा है, ग़लत है. इस वीडियो में एक फिल्म Policia Federal: Lei é Para Todos का प्रमोशन दिखाई दे रहा है जो ब्राज़ील की सच्ची कहानी ‘ऑपरेशन कार क्रैश’ पर आधारित है.
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